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RBI की समीक्षा बैठक में ब्याज दरों में नहीं होगा बदलाव : पोल

डॉलर के मुकाबले रुपये की सेहत में हुए सुधार और तेल एवं खाने-पीने के सामान की कीमतों में आई गिरावट की वजह से महंगाई नरम पड़ी है।

By Abhishek ParasharEdited By: Published: Tue, 04 Dec 2018 03:49 PM (IST)Updated: Tue, 04 Dec 2018 03:49 PM (IST)
RBI की समीक्षा बैठक में ब्याज दरों में नहीं होगा बदलाव : पोल

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। बुधवार को होने वाली समीक्षा बैठक के दौरान भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के ब्याज दरों में किसी तरह के बदलाव की संभावना नहीं है। रॉयटर्स ने विश्लेषकों के सर्वेक्षण के हवाले से बताया है कि अर्थव्यवस्था की सुस्त होती रफ्तार को सहारा देने के लिए आरबीआई ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा।

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गौरतलब है कि रुपये में आई गिरावट और पिछले महीनों के दौरान तेल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी से महंगाई बढ़ने की उम्मीद थी, जिसके मद्देनजर विश्लेषकों को आरबीआई के ब्याज दरों में इजाफा किए जाने की उम्मीद थी। हालांकि डॉलर के मुकाबले रुपये की सेहत में हुए सुधार और तेल एवं खाने-पीने के सामान की कीमतों में आई गिरावट की वजह से महंगाई नरम पड़ी है।

फिलहाल रुपया निचले स्तर से 6 फीसद तक मजबूत हो चुका है और आने वाले दिनों में तेल की कीमतों में होने वाली गिरावट की वजह से इसके और मजबूत होने की उम्मीद है। इस वजह से चालू खाता घाटा को लेकर पनप रही आशंका भी कमजोर हुई है।

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के हेड ऑफ रिसर्च ए प्रसन्ना के हवाले से लिखा है, ‘हम उम्मीद करते हैं कि मार्च तक ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं आएगा।’ जून के बाद से मौद्रिक सख्ती का रुख अख्तियार करते हुए आरबीआई रेपो रेट में 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी कर चुका है। अगस्त की मौद्रिक समीक्षा बैठक में रेपो रेट में हुए इजाफे के बाद यह बढ़कर 6.50 फीसद हो चुका है।विश्लेषकों के मुताबिक अब सख्त मौद्रिक नीति की दिशा में आगे नहीं बढ़ा जा सकता। रॉयटर्स के मुताबिक ब्याज दरों में बढ़ोतरी के फैसले का सरकार भी स्वागत करेगी।

जीडीपी में गिरावट से चिंता पिछले हफ्ते जारी जीडीपी के आंकड़ों ने अर्थव्यवस्था की सेहत को लेकर चिंता बढ़ा दी है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी की रफ्तार कम होकर 7.1 फीसद हो गई है, जो कि पिछली तिमाही में 8.2 फीसद रही थी।

इसके साथ ही तेल की कम होती कीमतें और घरेलू बाजार में खाने-पीने के सामानों के सस्ते होने की वजह से महंगाई में राहत मिलने की उम्मीद है। अक्टूबर महीने में महंगाई कम होकर 3.31 फीसद हो चुका है।

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