सरकार को 1 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर कर सकता है RBI: रिपोर्ट
सरकार और आरबीआई के बीच की तनातनी को देखते हुए पिछले हफ्ते वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सफाई देते हुए कहा था कि सरकार को अगले छह महीनों के लिए आरबीआई से किसी तरह के सहयोग की जरूरत नहीं है।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सुरक्षित कोष में ‘’जरूरत से अधिक’’ रकम होने की वजह से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) सरकार को 1 लाख करोड़ रुपये की रकम ट्रांसफर कर सकता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार की तरफ से गठित किए गए विशेष पैनल ने पाया कि आरबीआई के पास ‘’जरूरत से अधिक पूंजी का भंडार’’ है।
पिछले सोमवार को आरबीआई के बोर्ड की बैठक में एक समिति के गठन की घोषणा की गई थी, जिसकी इस हफ्ते के आखिर में घोषणा किए जाने की उम्मीद है। बैंक ऑफ अमेरिकी मेरिल लिंच के विश्लेषकों ने सोमवार को बताया, ‘हमें लगता है कि इकॉनमिक कैपिटन फ्रेमवर्क (ईसीएफ) पर गठित प्रस्तावित समिति 1-3 लाख करोड़ रुपये की अधिशेष पूंजी की पहचान करेगी जो कि कुल जीडीपी का 0.5-1.6 फीसद होगा।’
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि शुरुआती तौर पर केंद्रीय बैंक सरकार को 1 लाख करोड़ रुपये की पूंजी ट्रांसफर करेगा और बाद में यह कुल पूंजी का 3 लाख करोड़ रुपये तक का हो सकता है।
बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच की यह रिपोर्ट वैसे समय में सामने आई है, जब सरकार और आरबीआई एक पैनल के गठन की घोषणा करने जा रहे हैं, जो यह बताएगा कि केंद्रीय बैंक को आखिर रिजर्व के तौर पर कितनी पूंजी रखने की जरूरत है।
रिपोर्ट के मुताबिक अगर आपातकालीन फंड की मात्रा आरबीआई की कुल पूंजी के मुकाबले 3.5 फीसद रखी जाती है तो सरकार को ट्रांसफर की जाने वाली रकम 1.05 लाख करोड़ रुपये होगी। यह अनुपात ब्रिक्स देशों (भारत को छोड़कर) के मुकाबले 75 फीसद अधिक होगा।
सरकार और आरबीआई के बीच की तनातनी को देखते हुए पिछले हफ्ते वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सफाई देते हुए कहा था कि सरकार को अगले छह महीनों के लिए आरबीआई से किसी तरह के सहयोग की जरूरत नहीं है। हालांकि कई न्यूज रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि सरकार आरबीआई पर अधिशेष फंड को ट्रांसफर करने का दबाव बना रही है।
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