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नोटबंदी के बाद नए नोटों की सप्लाई में खर्च हुए 29.41 करोड़ रुपये, RTI से मिली जानकारी

सरकार के आठ नवंबर, 2016 को 1000 और 500 रुपये के पुराने नोटों को अचानक प्रचलन से बाहर करने के बाद नए नोटों की आपूर्ति के लिए वायुसेना के विमानों की सेवाएं ली गई थीं

By Surbhi JainEdited By: Published: Mon, 09 Jul 2018 10:55 AM (IST)Updated: Mon, 09 Jul 2018 10:55 AM (IST)
नोटबंदी के बाद नए नोटों की सप्लाई में खर्च हुए 29.41 करोड़ रुपये, RTI से मिली जानकारी

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। नोटबंदी के बाद जारी किए गए 2000 और 500 रुपये के नए नोटों की ढुलाई में भारतीय वायु सेना के अत्याधुनिक परिवहन विमान सी-17 और सी-130 जे सुपर हरक्यूलिस के इस्तेमाल पर 29.41 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च आया है। एक रिटायर्ड सैन्य अधिकारी की ओर से दाखिल आरटीआइ अर्जी के जवाब में भारतीय वायुसेना ने यह जानकारी दी है। एयरफोर्स ने इसका बिल सरकार को भेज दिया है। वायुसेना ओर से बताया गया कि उसके विमानों ने सिक्योरिटी प्रिंटिंग प्रेस और टकसालों से देश के विभिन्न हिस्सों में नोटों की सप्लाई के लिए 91 चक्कर लगाए।

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आरटीआइ कानून के तहत दिए गए जवाब के अनुसार, सरकार के आठ नवंबर, 2016 को 1000 और 500 रुपये के पुराने नोटों को अचानक प्रचलन से बाहर करने के बाद नए नोटों की आपूर्ति के लिए वायुसेना के विमानों की सेवाएं ली गई थीं। ध्यान रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नोटबंदी की इस घोषणा से 86 फीसद नोट व्यवस्था से बाहर हो गए थे। इसकी भरपाई 2000 और 500 रुपये के नए नोटों से अविलंब करने की आवश्यकता थी। इसके लिए वायुसेना की सहायता ली गई। सेवानिवृत्त कमोडोर लोकेश बत्र की आरटीआइ अर्जी के जवाब में वायुसेना ने बताया है कि उसने सरकारी स्वामित्व वाले सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड को अपनी सेवाओं के बदले में 29.41 करोड़ रुपये का बिल भेजा है।

बत्र ने कहा, ‘मेरी राय है कि सरकार को रक्षा परिसंपत्ति के इस्तेमाल से बचना चाहिए था। असैन्य परिवहन विमान की सेवाएं आसानी से ली जा सकती थीं।’ उन्होंने कहा कि सरकार ने नोटबंदी की घोषणा करने से पहले खुद को तैयार किया होता तो ऐसी स्थिति से बचा जा सकता था।


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