कारोबारियों को कंपनी बेचने पर नहीं देना होगा GST
किसी गोइंग कंसर्न का हस्तांतरण सेवाओं की आपूर्ति की श्रेणी में आता है और इस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। किसी कारोबारी घराने द्वारा अपनी किसी इकाई को बेचना वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में नहीं आएगा। अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग (एएआर) की कर्नाटक पीठ ने यह फैसला दिया है। राजश्री फूड्स प्राइवेट लिमिटेड ने इस संबंध में याचिका दी थी। कंपनी अपनी एक इकाई को सभी चल व अचल संपत्तियों, देनदारियों, बैंक कर्जो समेत बेचना चाहती है।
एएआर ने बताया कि सरकार की अधिसूचना के मुताबिक, किसी गोइंग कंसर्न का हस्तांतरण सेवाओं की आपूर्ति की श्रेणी में आता है और इस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। गोइंग कंसर्न के हस्तांतरण का अर्थ है किसी ऐसे चलते हुए कारोबार को बेचना जिसे खरीदने वाला स्वतंत्र इकाई की तरह संचालित कर सके। जानकारों का मानना है कि एएआर के इस फैसले से इस तरह के सौदों में स्पष्टता आएगी।
किसान जीएसटी से बाहर
वित्त मंत्रालय ने किसानों के लेनदेन पर जीएसटी को लेकर स्पष्टीकरण जारी किया है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि कृषि, वनीकरण, मछली पालन या पशुपालन के लिए किसी किसान द्वारा जमीन किराए या लीज पर देना जीएसटी के दायरे में नहीं आएगा। मंत्रालय ने कहा कि किसानों को जीएसटी में पंजीकरण से छूट दी गई है। कृषि में छूट वाली सेवाओं के दायरे में खाली भूमि को किराए पर देना या पट्टे पर देना शामिल हैं। मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, “बटाई या किसी अन्य व्यवस्था के आधार पर कृषि, वानिकी, मत्स्य पालन अथवा पशुपालन के लिए किसानों द्वारा अपनी भूमि को किराये अथवा पट्टे पर देना भी जीएसटी से मुक्त है।” इसके अलावा मंत्रालय के बयान में कहा गया कृषकों को भी जीएसटी पंजीकरण कराने से मुक्त कर दिया गया है।