अलीबाबा के जैक मा को पछाड़ सबसे अमीर एशियाई बने मुकेश अंबानी
अलीबाबा के संस्थापक जैक मा को पछाड़, मुकेश अंबानी एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति बन गये हैं
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति बन गये हैं। उन्होंने चीन की ई-कॉमर्स वेबसाइट अलीबाबा के संस्थापक जैक मा को पीछे छोड़ते हुए यह रिकॉर्ड बनाया है।
शुक्रवार को मुकेश अंबानी की संपत्ति 44.3 बिलियन डॉलर हो गई और इसकी वजह कंपनी के शेयर्स में आई जबरदस्त तेजी रही। ब्लूमबर्ग बिलियनर इंडेक्स के अनुसार गुरुवार को जैक मा की संपत्ति 44 बिलियन डॉलर रही। जैक मा की कंपनी अमेरिका में लिस्टेड है। मुकेश अंबानी की संपत्ति में इस साल चार बिलियन डॉलर और जुड़ गये हैं।
इस महीने की शुरुआत में अंबानी ने कंपनी की एजीएम में बताया था कि वह अपने 215 मिलियन टेलीकॉम सब्सक्राइबर्स के विस्तार के लिए ई-कॉमर्स में भी कदम रखने वाले हैं। ऐसा होने पर अमेजन और वालमार्ट जैसी कंपनियों को निश्चित तौर पर चुनौती मिलेगी। इसके साथ ही रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपनी पेट्रोकेमिकल्स की क्षमता दोगुना कर ली है।
वहीं वर्ष 2018 में अलीबाबा सूमह का स्वामित्व रखने वाले जैक मा अबतक 1.4 बिलियन डॉलर गंवा चुके हैं। गौरतलब है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज की प्लानिंग ऑनलाइन टू ऑफलाइन रिटेल शुरू करने की है। इसे समूह की टेलिकॉम सर्विस और 7500 रिटेल स्टोर्स के साथ मिलाकर तैयार किया जाएगा। इस प्लानिंग के जुड़े लोगों के अनुसार यह एक तरह से हार्डवेयर का सॉफ्टवेयर के साथ इंटिग्रेशन होगा। यहां से कोई भी, कभी भी और कहीं से भी सामान खरीद सकेगा।
एजीएम में अंबानी ने बताया, “मौजूदा समय में रिलायंस एक टेक्नोलॉजी कंपनी बनने की राह पर है। हमें इस वक्त हाइब्रिड ऑनलाइन टू ऑफलाइन कॉमर्स प्लेटफॉर्म में काफी ग्रोथ दिख रही है। रिलायंस प्लेटफॉर्म ग्राहकों के घर के नजदीकी या ऑनलाइन स्टोर्स के विकल्प दिखाएगा।”
रिलायंस बनी 100 अरब डॉलर की कंपनी
भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस (टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज) के 100 अरब डॉलर (करीब 6.85 लाख करोड़ रुपये) की कंपनी बनने के बाद अब रिलायंस भी इस क्लब में शामिल हो गई है। गुरुवार को शेयर बाजार में आई तेजी के बाद रिलायंस 100 अरब डॉलर की कंपनी बनने में सफल रही है और इसका बाजार पूंजीकरण करीब 6.89 लाख करोड़ रुपये हो गया।
रिलायंस ने अक्टूबर 2007 में पहली बार 100 बिलियन डॉलर मार्केट कैप का आंकड़ा पार किया था। उस समय डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 39.5 के स्तर पर था। रुपये में बात करें तो उस समय कंपनी की मार्केट कैप 4.11 लाख करोड़ रुपये थी।