नकदी बनाए रखने के लिए खुले बाजार से 360 अरब रुपये के बॉन्ड खरीदेगा RBI
बैंकिंग सिस्टम में नकदी की स्थिति बनाए रखने के लिए आरबीआई अक्टूबर महीने में खुले बाजार से 360 अरब डॉलर के बॉन्ड खरीदेगा।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने खुले बाजार (ओएमओ) से 360 अरब रुपये के सरकारी बॉन्ड को खरीदने का फैसला लिया है।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक अक्टूबर महीने के दूसरे, तीसरे और चौथे सप्ताह में बॉन्ड की खरीदारी की जाएगी। आरबीआई की तरफ से बताया गया है कि ओएमओ के दौरान खरीदा जाने वाला बॉन्ड निर्णायक नहीं है और बाजार की जरूरतों के मुताबिक इसमें बदलाव किया जा सकता है।
इससे पहले आरबीआई नकदी की स्थिति को बनाए रखने के लिए बैंकों को बड़ी राहत देते हुए एलसीआर रिजर्व में छूट दे चुका है। बैंक अब को अपनी तरलता यानी नकदी जरूरतों को पूरा करने के लिए एसएलआर में रखी अपनी जमाओं में से 15 प्रतिशत तक निकाल सकते हैं, जिससे वे तरलता कवरेज अनुपात (एलसीआर) को पूरा कर सकें।
बैंकों को अभी उनके कुल डिपॉजिट का करीब 19.5 फीसद हिस्सा सरकारी बॉन्ड में लगाना होता है, जो उनके एसएलआर का हिस्सा होता है। आरबीआई की तरफ से नियमों में छूट दिए जाने के बाद बैंक अब पहले के 13 फीसदी के मुकाबले 15 फीसद नकदी का इस्तेमाल कर पाएंगे। आरबीआई का यह फैसला एक अक्टूबर से लागू होगा।
आरबीआई ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब आईएलएंडएफएस समूह के डिफॉल्ट के बाद गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों को कर्ज देने को लेकर बैंकों की चिंताएं बढ़ रही हैं और नकदी संकट के हालात को लेकर चिंता का माहौल है।
गौरतलब है कि देश की बड़ी इंफ्रा फाइनेंसिंग कंपनियों में से एक के डिफॉल्ट होने के बाद सरकार ने निवेशकों की चिंता को दूर करने की कोशिश की है। हालांकि इसके बावजूद नकदी संकट की संभावित स्थिति को लेकर निवेशकों के मन में शंकाएं है, जिससे घरेलू बाजार, बॉन्ड और रुपये की सेहत पर असर हो रहा है।
क्यों गहरा रही नकदी संकट की आशंका इंफ्रास्ट्रकचर डेवलपमेंट और फाइनेंस कंपनी आईएलएंडएफएस समूह पर 31 मार्च, 2018 तक कुल 91,000 करोड़ रुपये का कर्ज था और कंपनी इस हालत में नहीं थी कि वह उसका भुगतान कर सके।
इस डिफॉल्ट के बाद करेंसी मार्केट में कई तरह की आशंकाएं जोर पकड़ने लगी है। इस कंपनी में सरकार की 40 फीसद हिस्सेदारी है। आईएसएंडएफएस में एलआईसी की 25.34 फीसद, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की 7.67 फीसद और भारतीय स्टेट बैंक की 6.42 फीसद हिस्सेदारी है। इसके अलावा इसमें जापान की ओरिक्स कॉर्प की 23.5 फीसदऔर अबुधाबी की निवेश विभाग की 12.5 फीसद हिस्सेदारी है।
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