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LIC और IDBI बैंक के बीच सितंबर तक पूरी हो सकती है डील

LIC और IDBI बैंक के बीच अधिग्रहण सौदा इस साल सितंबर महीने तक पूरा हो सकता है

By Surbhi JainEdited By: Published: Wed, 11 Jul 2018 05:50 PM (IST)Updated: Wed, 11 Jul 2018 06:30 PM (IST)
LIC और IDBI बैंक के बीच सितंबर तक पूरी हो सकती है डील

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। बीमा नियामक की ओर मिली मंजूरी के बाद एलआईसी (भारतीय जीवन बीमा निगम) अब खुद से कर्ज में डूबे IDBI बैंक में 51 फीसद हिस्सेदारी के अधिग्रहण की तैयारी कर रही है। माना जा रहा है यह अधिग्रहण इस साल सितंबर महीने तक पूरा हो सकता है। यह जानकारी सूत्रों के हवाले से सामने आई है।

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इसके अलावा बीमा क्षेत्र की यह दिग्गज कंपनी आईडीबीआई बैंक के अल्पसंख्यक शेयरधारकों के लिए ओपन ऑफर लाने की योजना भी बना रही है। बीमा नियामक इरडा बैंक की हिस्सेदारी खरीदने के लिए एलआइसी को पहले ही मंजूरी दे चुका है। एलआइसी के इस कदम से एनपीए से जूझ रहे बैंक को करीब 10,000-13000 करोड़ रुपये पूंजी मिल सकती है। सूत्रों के अनुसार बैंक के छोटे शेयरधारकों के हितों की रक्षा के लिए एलआइसी ओपन ऑफर लाएगी।

सेबी के अधिग्रहण संहिता नियम के मुताबिक अधिग्रहणकर्ता को लक्षित कंपनी के शेयरधारकों के लिए ओपन ऑफर लाना होता है। इंश्योरेंस रेग्युलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के बोर्ड ने बीते महीने हैदराबाद में हुई बैठक के दौरान एलआईसी को मंजूरी दी थी कि वो आइडीबीआई बैंक में अपनी 10.82 फीसद की हिस्सेदारी को बढ़ाकर 51 फीसद कर ले।

मौजूदा नियमों के अनुसार कोई भी बीमा कंपनी किसी सूचीबद्ध वित्तीय कंपनी में 15 फीसद से ज्यादा की हिस्सेदारी नहीं खरीद सकती है।

एलआईसी यूनियन ने किया आईडीबीआई बैंक में 51 फीसद अधिग्रहण का विरोध

भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के कर्मचारी संगठनों (यूनियन) ने बीमा कंपनी की ओर से आईडीबीआई बैंक में 51 फीसद हिस्सेदारी के अधिग्रहण प्रस्ताव का विरोध किया है। यूनियनों का कहना है कि इस फैसले से पालिसीधारकों और उनकी प्रीमियम राशि पर असर पड़ेगा।

एलआईसी की ओर से पूर्व में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में किए गए निवेश प्रदर्शन का उल्लेख करते हुए फेडरेशन आफ एलआईसी क्लास वन आफिसर्स एसोसिएशन ने कहा, “इन बैंकों के शेयर मूल्य में उल्लेखनीय गिरावट आई है जिससे हमारा मुनाफा प्रभावित हो सकता है। एक तरीके से हमें बैंकों के पुनर्पूंजीकरण कार्यक्रम में शामिल होने के लिए दबाव डाला जा रहा है। आईडीबीआई में बहुलांश हिस्सेदारी के अधिग्रहण को इसी संदर्भ से देखा जाना चाहिए।”


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