प्रोमोटर्स हिस्सेदारी कम किए जाने के मामले में RBI के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंचा कोटक महिंद्रा
इससे पहले आऱबीआई ने बैंक के प्रोमोटर्स को दिसंबर 2018 तक उनकी हिस्सेदारी घटाकर 20 फीसद और मार्च 2020 तक कम कर 15 फीसद किए जाने का आदेश दिया था। आखिरी चरण में इस हिस्सेदारी को कम कर 10 फीसद किया जाना है।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। प्रीफरेंशियल शेयर के जरिए प्रोमोटर्स की हिस्सेदारी घटाए जाने के आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) के फैसले के खिलाफ कोटक महिंद्रा बैंक ने बंबई हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अगस्त महीने में कोटक महिंद्रा बैंक के फाउंडर और प्रोमोटर उदय कोटक ने प्रीफरेंशियल शेयर जारी कर अपनी हिस्सेदारी को 30 फीसद से घटाकर 19.70 फीसद कर दिया था।
कुछ दिनों के भीतर ही आरबीआई ने कहा था कि कोटक ने जिस तरह से अपनी हिस्सेदारी घटाई है, वह नियामकीय शर्तों को पूरा नहीं करता है। 14 अगस्त को स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी में कोटक ने बताया था, ‘हम यह मानकर चल रहे हैं कि हमने शर्तों को पूरा किया और हम आगे भी आरबीआई के साथ मिलकर काम करते रहेंगे।’
बैंक ने कहा कि उन्होंने इस मामले में आरबीआई के समक्ष अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। बैंक ने बताया कि उसने आरबीआई के सामने देश के मशहूर न्यायवादी और वरिष्ठ वकीलों की राय भी पेश की है और उन्होंने उसके रुख पर सहमति जताई है।
बैंक ने कहा, ‘हालांकि हमें इस बारे में आरबीआई से कुछ भी सुनने को नहीं मिला है। 31 दिसंबर 2018 की समयसीमा को देखते हुए बैंक के पास अपने हितों को संरक्षित करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचता है।’ स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी में बैंक ने बताया है कि उसने इसे लेकर बंबई हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी है।
इससे पहले आऱबीआई ने बैंक के प्रोमोटर्स को दिसंबर 2018 तक उनकी हिस्सेदारी घटाकर 20 फीसद और मार्च 2020 तक कम कर 15 फीसद किए जाने का आदेश दिया था। आखिरी चरण में इस हिस्सेदारी को कम कर 10 फीसद किया जाना है।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में कोटक का शेयर करीब 6 फीसद की गिरावट के साथ ट्रेड कर रहा है।
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