भारतीय सरकार ने अमेरिकी वस्तुओं पर लगाया 100 फीसद तक आयात शुल्क
वित्त मंत्रालय ने कस्टम्स एक्ट के सेक्शन 8ए के तहत आयात शुल्क बढ़ाने के लिए आपातकालीन अधिकारों का इस्तेमाल किया है
नई दिल्ली (बिजनेस)। भारतीय स्टील व एल्यूमीनियम उत्पादों पर शुल्क घटाने की मांग को अनसुना करने पर सरकार ने जवाबी कदम उठाया है। उसने अमेरिका और अन्य विकसित देशों से आयातित होने वाले बादाम, अखरोट और प्रोटीन कंसंट्रेट पर आयात शुल्क 100 फीसद तक बढ़ा दिया है।
वित्त मंत्रालय ने कस्टम्स एक्ट के सेक्शन 8ए के तहत आयात शुल्क बढ़ाने के लिए आपातकालीन अधिकारों का इस्तेमाल किया है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) की अधिसूचना के अनुसार साबुत बादाम पर शुल्क 65 रुपये से बढ़ाकर 100 रुपये प्रति किलो किया गया है। प्रोटीन कंसंट्रेट पर अब 40 फीसद शुल्क लगेगा। इस पर अभी तक दस फीसद शुल्क लगता था।
टेक्चर्ड प्रोटीन सब्सटेंस पर शुल्क 30 फीसद से बढ़ाकर 40 फीसद किया गया है। सरकार ने पिछले सप्ताह विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में बताया था कि अगर अमेरिकी स्टील और एल्युमीनियम पर आयात शुल्क में वृद्धि वापस नहीं लेता है तो वह अमेरिका से आयातित बादाम, अखरोट, गेहूं, सेब और कुछ खास मोटरसाइकिलों समेत 20 उत्पादों पर 100 फीसद तक शुल्क बढ़ाएगा। डिलॉय इंडिया के पार्टनर एम. एस. मणि ने कहा कि इन उत्पादों पर शुल्क में बढ़ोतरी कृषि उत्पादों समेत कई अन्य वस्तुओं पर पहले हुई शुल्क वृद्धि की निरंतरता में उठाया गया कदम है। इससे घरेलू उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा क्योंकि आयातित वस्तुएं महंगी पड़ेगी।
अमेरिका ने ट्रेड वार को दी ‘ऑटो स्पीड’
पिछले कुछ समय के दौरान ट्रेड वार की नरम पड़ रही संभावनाओं को संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को एक बार फिर नए सिरे से हवा दे दी है। ट्रंप ने अपने वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस से अमेरिका में आयातित वाहनों और ऑटो पार्ट्स से देश की सुरक्षा पर संभावित खतरों का आकलन करने को कहा है, ताकि जरूरत पड़ने पर इन सामानों पर आयात शुल्क लगाया जा सके। कनाडा, मैक्सिको, चीन, जर्मनी और ब्राजील जैसे बड़े निर्यातकों ने अमेरिका के इस कदम पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। एक बयान में ट्रंप ने कहा, ‘मैंने रॉस को ट्रक व ऑटोमोटिव पार्ट्स समेत ऑटोमोबाइल्स के आयात से अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा पर पड़ने वाले असर के आकलन का निर्देश दिया है। ऑटोमोबाइल्स व ऑटो पार्ट्स जैसे प्रमुख उद्योग एक राष्ट्र के तौर पर हमारी ताकत हैं।’ ट्रंप के इस निर्देश के तहत छानबीन के जरिये यह पता लगाया जाएगा कि अमेरिका में आयातित स्पोर्ट्स युटिलिटी व्हीकल्स (एसयूवी), वैन, हल्के ट्रक व ऑटोमोटिव पार्ट्स समेत पूरे ऑटोमोबाइल्स आयात से देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को किस तरह का खतरा है। अमेरिका दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाजार है। कनाडा, मैक्सिको, चीन, जर्मनी तथा ब्राजील अमेरिका के लिए सबसे बड़े कार निर्यातक देश हैं। घटनाक्रम पर चीन के वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता गाओ फेंग ने कहा कि कारोबारी प्रावधानों में राष्ट्रीय सुरक्षा की बेजा आड़ लेने के ट्रंप प्रशासन के फैसले के खिलाफ देश मजबूती से खड़ा होगा और अपने हितों की रक्षा करेगा।
सस्ते गेहूं का आयात थामने को शुल्क बढ़कर 30 फीसद
देश में सस्ते आयात को रोकने और मूल्य में गिरावट थामने के लिए सरकार ने गेहूं के आयात पर शुल्क बढ़ाकर 30 फीसद कर दिया है। अब तक 20 फीसद शुल्क लगता था। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) ने अधिसूचना जारी कर दी है। सरकार ने गेहूं पर आयात शुल्क ऐसे समय में बढ़ाया है जब देश में गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने का अनुमान है। अंतरराष्ट्रीय बाजार खासकर रूस से सस्ते गेहूं के आयात से घरेलू बाजार में मूल्य घटने की आशंका पैदा हो गई है। दुनिया के कई देशों में इस साल गेहूं का ज्यादा उत्पादन होने की संभावना है।