बीती तिमाही में IMPS से दोगुना होकर 3.23 लाख करोड़ रुपये का हुआ फंड ट्रांसफर
आइएमपीएस के जरिये 24 घंटे तत्काल फंड ट्रांसफर की सुविधा मिलती है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। कैशलेस ट्रांजेक्शन के मोर्चे से अच्छी खबर आई है। आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में इमीडिएट पेमेंट सर्विस (आइएमपीएस) के जरिये फंड ट्रांसफर एक साल पहले के मुकाबले दोगुना रहा। बीती तिमाही में आइएमपीएस के माध्यम से 3.23 लाख करोड़ रुपये का फंड ट्रांसफर हुआ। आइएमपीएस से फंड ट्रांसफर को लेकर बैंकों में अलग-अलग दैनिक और मासिक सीमाएं निर्धारित हैं।
आइएमपीएस के जरिये 24 घंटे तत्काल फंड ट्रांसफर की सुविधा मिलती है। इस सुविधा का इस्तेमाल मोबाइल व इंटरनेट बैंकिंग, एटीएम, एसएमएस, बैंक शाखा और यूएसएसडी के जरिये किया जा सकता है। नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआइ) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही में आइएमपीएस के माध्यम से 3,23,826.79 करोड़ रुपये का फंड ट्रांसफर हुआ। एक साल पहले इसी अवधि में आइएमपीएस से 1,74,419.45 करोड़ रुपये का फंड ट्रांसफर हुआ था। लेनदेन की संख्या भी करीब दो गुनी रही। बीती तिमाही में आइएमपीएस से 34.66 करोड़ लेनदेन हुए। एक साल पहले इसी अवधि में 19.76 करोड़ लेनदेन हुए थे। आंकड़ों के मुताबिक, मार्च, 2018 में लेनदेन की संख्या ने 10 करोड़ के आंकड़े को छुआ था। जून, 2018 में यह 12.04 करोड़ के सर्वोच्च स्तर पर रहा।
आइएमपीएस की शुरुआत नवंबर, 2010 में की गई थी। इससे पहले फंड ट्रांसफर के लिए एनईएफटी और आरटीजीएस की सुविधा उपलब्ध थी। इन दोनों ही माध्यमों में लेनदेन बैंकिंग अवधि में ही संभव होती है। नवंबर, 2016 में नोटबंदी की घोषणा के बाद इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर और डिजिटल पेमेंट में तेजी आई थी। उस समय सरकार ने पुराने 500 और 1000 रुपये के नोट बंद कर दिए थे। इस फैसले के बाद बाजार में नकदी की कमी के चलते लोगों ने ऑनलाइन लेनदेन का रुख किया था। नवंबर, 2016 में आइएमपीएस से 32,480.53 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ था। इसके बाद से इसमें लगातार वृद्धि हो रही है।