ICICI बैंक की चंदा कोचर अमेरिकी नियामक की रडार पर
आईसीआईसीआई बैंक और चंदा कोचर को वीडियोकॉन समूह को दिए गए एक कर्ज को लेकर आरोपों का सामना करना पड़ रहा है
नई दिल्ली। आईसीआईसीआई बैंक और उसकी एमडी व सीईओ चंदा कोचर अमेरिकी बाजार नियामक एसईसी के भी रडार पर आ गए हैं। सिक्युरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) इस मामले में भारतीय बाजार नियामक सेबी से भी संपर्क कर सकता है। कुछ कंपनियों को कर्ज देने के मामले में आईसीआईसीआई बैंक की प्रमुख चंदा कोचर पर "हितों के टकराव" और "सेवा के बदले लाभ" लेने जैसे आरोप लगे हैं।
आईसीआईसीआई बैंक और चंदा कोचर को वीडियोकॉन समूह को दिए गए एक कर्ज को लेकर आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। बैंक ने 2012 में वीडियोकॉन समूह को 3,250 करोड़ रुपये का लोन दिया था। इस मामले में चंदा कोचर के पति दीपक कोचर के शामिल होने की बात सामने आने के बाद से मामले ने तूल पकड़ा। आरोप है कि वीडियोकॉन समूह ने दीपक कोचर की कंपनी न्यूपावर रिन्यूएबल्स में पैसा लगाया था।
न्यूपावर को मॉरीशस की कंपनी फर्स्ट लैंड होल्डिंग्स से भी निवेश मिला था। यह कंपनी एस्सार समूह के सह संस्थापक रवि रुइया के दामाद निशांत कनोडिया की है। शुरुआत में चंदा कोचर के साथ दृढ़ता से खड़े रहने वाले आईसीआईसीआई बैंक के निदेशक बोर्ड ने भी हाल में मामले की आंतरिक स्तर पर जांच करने की बात कही है। रिजर्व बैंक और कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय भी इसकी जांच कर रहे हैं। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने दीपक कोचर और अन्य के खिलाफ मामला भी दर्ज किया है। भारतीय जांच एजेंसियां इस संबंध में मॉरीशस समेत अन्य देशों की जांच एजेंसियों से मदद लेने की भी तैयारी कर रही हैं।
सूत्रों के मुताबिक, आईसीआईसीआई बैंक अमेरिकी शेयर बाजार में सूचीबद्ध है, इसलिए एसईसी इस मामले पर नजर रखे हुए है। अमेरिकी नियामक इस संबंध में सेबी से भी जानकारी मांग सकता है, जो पहले से इसकी जांच कर रहा है। सेबी ने आईसीआईसीआई बैंक और चंदा कोचर को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है। इस संबंध में एसईसी और आईसीआईसीआई बैंक की ओर से कोई टिप्पणी नहीं आई है।