CAIT ने CCI के पास वालमार्ट-फ्लिकपार्ट के खिलाफ दायर की याचिका
कैट का मानना है कि वालमार्ट-फ्लिपकार्ट अयोग्य प्रतिस्पर्धा को जन्म देगा जिससे ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों विक्रेताओं को नुकसान होगा
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। व्यापारी संगठन कैट वालमार्ट फ्लिपकार्ट सौदे को लेकर ने आज भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग का दरवाजा खटखटाया है। कैट का आरोप है कि यह सौदा अनुचित प्रतिस्पर्धा का कारण बनेगा। साथ ही घरेलू कंपनियों को प्रभावित करेगा।
कॉन्फिडिरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा है कि यह सौदा गैर-पसंदीदा बिक्रेताओं की बाजार तक पहुंच को सीमित करेगा और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के ट्रेडर्स पर असर डालेगा।
कॉन्फिडिरेशन ने वालमार्ट- फ्लिपकार्ट के खिलाफ सीसीआई के पास आपत्ति याचिका दायर की है। उसका आरोप है कि इन कंपनियों का विलय अनुचित प्रतिस्पर्धा पैदा करेगा और भारी डिस्काउंट व लॉस फंडिंग के चलते प्रीडेटरी प्राइजिंग (इतनी सस्ती कीमत की कोई अन्य कंपनी इसका मुकाबला न कर सके) जैसी स्थिति बनाएगा।
उसने यह भी दावा किया है कि फ्लिपकार्ट विशेष साझेदारी और तरजीही विक्रेताओं का मिश्रण हैं जहां ऑनलाइन वेंडर्स पक्षपाती स्थितियों का सामना करते हैं। वालमार्ट का कहना है कि वह अपनी इंवेंटरी फ्लिपकार्ट डॉट कॉम के प्लेटफॉर्म पर प्रत्यक्ष रूप से या फिर प्रेफर्ड सेलर्स के जरिए बेचेगी। कैट ने कहा, “यह अयोग्य प्रतिस्पर्धा को जन्म देगा जिससे ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों विक्रेताओं को नुकसान होगा।”
गौरतलब है कि अमेरिकी कंपनी वालमार्ट ने देसी ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट में 77 फीसद इक्विटी हिस्सेदारी खरीदकर इसका अधिग्रहण कर लिया है। वालमार्ट ने 16 अरब डॉलर (करीब 1.05 लाख करोड़ रुपये) में फ्लिपकार्ट को खरीदने के बाद दो अरब डॉलर (करीब करोड़ रुपये) अतिरिक्त निवेश की भी योजना बनाई है। यह वालमार्ट का भी सबसे बड़ा अधिग्रहण है।