कैग ने बताया, आखिर क्यों देशभर में समय पर नहीं आती हैं ट्रेनें
कैग ने अपनी हालिया रिपोर्ट में बताया है कि आखिर देश में ट्रेनें लेट क्यों होती हैं
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। कश्मीर से कन्याकुमारी तक पटरियों पर छुक-छुक कर दौड़ने वाली ट्रेनें अक्सर लेट क्यों होती हैं? क्या आप इसके लिए सिर्फ सरकार को दोषी मानते हैं या फिर रेलवे के सिस्टम को? अगर ऐसा है तो जरा ठहरिये। दरअसल ट्रेनों के लेट होने का मुख्य कारण रेलवे स्टेशनों पर होने वाला पुनर्निमाण होता है। यह जानकारी कैग (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) की एक रिपोर्ट के जरिए सामने आई है।
समयबद्धता प्रदर्शन के पैमाने पर वित्त वर्ष 2017-18 रेलवे के लिए खराब सालों में से एक रहा है। आधिकारिक डेटा के मुताबिक इस वित्त वर्ष 30 फीसद ट्रेनें लेटलतीफी का शिकार हुईं। अप्रैल 2017 से मार्च 2018 तक मेल एवं एक्सप्रेस ट्रेनों के समय पर न आने का स्तर 71.39 फीसद का रहा, हालांकि यह वित्त वर्ष 2016-17 में 76.69 फीसद के स्तर के मुकाबले कम रहा।
जब भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने इस देरी के कारणों का पता लगाया, तो पाया कि सरकार के 1 लाख करोड़ रुपये की पुनर्विकास योजनाओं में कुछ गंभीर त्रुटियां हैं। स्टेशनों पर ट्रेनों के लिए पर्याप्त जगह का न होना इनकी देरी का प्रमुख कारण होता है।
संसद में प्रस्तुत की गई अपनी हालिया रिपोर्ट में कैग ने कहा, “स्टेशनों पर पुनर्निमाण और विकास कार्य का काम सिर्फ स्टेशनों पर ही यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर किया जाता है न कि स्टेशनों पर समय से ट्रेनों के आगमन और प्रस्थान को सुनिश्चित करने के लिए बाधाओं को दूर करने पर, जिसे यात्रियों को प्रदान की जाने वाली गुणवत्तापूर्ण सेवाओं के महत्वपूर्ण मानकों में से एक होना चाहिए।”