जेट एयरवेज ने नहीं जारी किए Q1 के नतीजे, BSE-NSE ने मांगी सफाई, शेयर हुआ धड़ाम
पहली तिमाही के नतीजों को टाले जाने के फैसले के बाद स्टॉक एक्सचेंज ने जेट एयरवेज से सफाई मांगी है।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। संकट का सामना कर रही जेट एयरवेज से बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने कंपनी के वित्तीय नतीजों को लेकर सफाई मांगी है।
स्टॉक एक्सचेंज ने विमानन कंपनी से पूछा है कि क्यों ऑडिट कमेटी ने उसके पहली तिमाही के नतीजों को मंजूरी नहीं दी। एक्सचेंज ने कंपनी से पूछा है कि क्या निदेशक मंडल की बैठक में वित्तीय नतीजों के अलावा क्या किसी अन्य मसले पर भी चर्चा की गई। कंपनी की तरफ से वित्तीय नतीजों को टाले जाने की घोषणा के बाद कंपनी का शेयर करीब 13 फीसद तक टूट गया।
शुक्रवार को बीएसई में कंपनी का शेयर 8.09 फीसद की गिरावट के साथ 24.40 रुपये टूटकर 277.30 रुपये पर बंद हुआ, जो पिछले तीन सालों का न्यूनतम स्तर है।
दोनों स्टॉक एक्सचेंज ने कंपनी से पूछा है कि वह इस बारे में जानकारी मुहैया कराएं कि वित्तीय नतीजों पर विचार करने के लिए कंपनी के बोर्ड की स्थगति हो चुकी बैठक दुबारा कब होगी।
एनएसई की तरफ से कंपनी को जारी बयान में पूछा गया है, '9 अगस्त की आपकी घोषणा में कहा गया है कि कुछ ऐसे मामले हैं, जिन्हें अभी तक सुलझाया नहीं जा सका है। हमें इस बारे में विस्तार से जानकारी मुहैया कराएं।'
वहीं बीएसई की तरफ से जारी बयान में लंबित मामलों के बारे में जानकारी मांगी गई है। इसके साथ ही एक्सचेंज ने यह पूछा है कि क्या बोर्ड की बैठक में किसी अन्य एजेंडे पर चर्चा की गई। गुरुवार देर शाम जेट एयरवेज ने स्टॉक एक्सचेंज को मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही के नतीजों को टाले जाने के बारे में जानकारी दी थी। कंपनी ने कुछ लंबित मामलों का हवाला देते हुए नतीजों को जारी किए जाने में होने वाली देरी का हवाला दिया था। कंपनी ने कहा कि ऑडिट कमेटी ने वित्तीय नतीजों को बोर्ड के सामने मंजूरी के लिए नहीं रखा।
गौरतलब है कि पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में जेट एयरवेज को कुल 1,036 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। चौथी तिमाही में कंपनी को हुआ घाटा पहले की तीन तिमाहियों में हुए मुनाफे से ज्यादा था। वित्त वर्ष 2018 में कंपनी को कुल 767 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।
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