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अमेरिकी बाजार में कोहराम से औंधे मुंह गिरा बाजार, 759 अंक टूटकर 34,001 पर बंद हुआ सेंसेक्स - रुपये में रिकॉर्ड गिरावट

अर्थव्यवस्था के फंडामेंटल्स के भी कमजोर होने की आशंका ने बिकवाली को हवा दी है और इन सबने मिलकर निवेशकों के सेंटीमेंट को प्रभावित किया है।

By Abhishek ParasharEdited By: Published: Thu, 11 Oct 2018 10:48 AM (IST)Updated: Thu, 11 Oct 2018 03:37 PM (IST)
अमेरिकी बाजार में कोहराम से औंधे मुंह गिरा बाजार, 759 अंक टूटकर 34,001 पर बंद हुआ सेंसेक्स - रुपये में रिकॉर्ड गिरावट

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अमेरिकी बाजार में भारी बिकवाली और उसके बाद रुपये में आई अब तक की सबसे बड़ी गिरावट के बाद गुरुवार को शेयर बाजार में कोहराम मच गया। गुरुवार को बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स खुलते के साथ ही औंधे मुंह गिर गया। सेंसेक्स 1000 से अधिक अंक तक गोता लगाते हुए 34,000 के नीचे जा पहुंचा। कारोबार के आखिरी घंटों में सेंसेक्स में मामूली रिकवरी हुई और यह 759.74 अंक टूटकर 34,001.15 पर बंद हुआ।

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वहीं नैशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 300 से अधिक अंक फिसलते हुए 10200 के अहम सपोर्ट लेवल के नीचे चला गया। निफ्टी आखिरकार 225.45 अंक टूटकर 10234.65 पर बंद हुआ। निफ्टी में 41 शेयर लाल निशान में जबकि महज 9 शेयर हरे निशान में बंद हुए। 

सेंसेक्स में मचे इस कोहराम का सबसे बड़ा कारण रुपये में आई अब तक की सबसे बड़ी गिरावट के साथ डाऊ जोंस में हुई भारी बिकवाली रही।

अमेरिकी बाजार धड़ाम अमेरिकी बाजार में आई बड़ी गिरावट से भारत समेत एशिया बाजारों में भारी बिकवाली हुई है। अमेरिकी टेक स्टॉक्स में हुई भारी बिकवाली की वजह से वहां के शेयर बाजार में भारी गिरावट हुई है।

बुधवार को अमेरिकी शेयर बाजार डाऊ जोंस 831.83 अंक टूटकर 25,598.74 पर बंद हुआ। अमेरिकी शेयर बाजार में पिछले 8 महीनों के दौरान आई यह सबसे बड़ी गिरावट है।

अमेरिकी बाजार में हुई भारी बिकवाली के बाद ब्याज दरों में होने वाले इजाफे की आशंका ने एशियाई बाजार की चाल को बिगाड़ कर रख दिया, जो पहले से डॉलर के मुकाबले स्थानीय करेंसी के कमजोर होने की वजह से दबाव में है।

बॉन्ड दरों में हुई इजाफे के बाद से निवेशक शेयर से पैसा निकालने लगे हैं और इस वजह से पिछले कुछ सालों से जिन स्टॉक्स (विशेषक टेक स्टॉक्स) का प्रदर्शन सबसे शानदार रहा है, उनकी कल जमकर पिटाई हुई। एमेजॉन के शेयरों में जहां 6 फीसद से अधिक की गिरावट आई वहीं नेटफ्लिक्स करीब 8 फीसद से अधिक तक टूट गया।

माना जा रहा है कि चीन से शुरू हुए ट्रेड वॉर के असर को कम करने के लिए फेडरल रिजर्व फिर से ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकता है।

रुपया हुआ धड़ाम गुरुवार सुबह डॉलर के मुकाबले रुपया 74.46 तक लुढ़क गया। भारतीय रुपये के इतिहास में आई यह अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है।

विशेषज्ञों के मुताबिक निकट भविष्य में रुपये में आने वाली गिरावट के थमने के आसार नहीं है।

इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज में रुपया 74.37 के स्तर पर खुला और फिर गिरते हुए 74.45 के स्तर पर जा पहुंचा। गौरतलब है कि डॉलर की मांग में आई तेजी और राजकोषीय घाटे की बढ़ती चिंता के बीच घरेलू बाजार से पूंजी निकासी की चिंता निवेशकों को सता रही है।

अर्थव्यवस्था के फंडामेंटल्स के भी कमजोर होने की आशंका ने बिकवाली को हवा दी है और इन सबने मिलकर निवेशकों के सेंटीमेंट को प्रभावित किया है।

बुधवार को भारतीय शेयर बाजार लगातार छह सेशन में आई गिरावट से उबरने में सफल रहा था। लेकिन बाजार अपनी तेजी को बनाए नहीं रख पाया। बुधवार को सेंसेक्स 461.42 अंकों की उछाल के साथ बंद हुआ था।

स्टॉक एक्सचेंज के पास मौजूद आंकड़ों के मुताबिक बुधवार को विदेशी निवेशकों (एफआईआई) ने कुल 1096 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की है।

पाकिस्तान बाजार अपेक्षाकृत स्थिर इस बीच अगर भारतीय शेयर बाजार के मुकाबले पाकिस्तानी शेयर बाजार की स्थिति ज्यादा स्थिर नजर आ रही है। गुरुवार को कराची स्टॉक एक्सचेंज (केएसई) के इंडेक्स में करीब 300 अंकों की गिरावट आई है। डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया 131.72 के स्तर पर ट्रेड कर रहा है।

यह भी पढ़ें: गुरुवार को फिर गिरा रुपया, डॉलर की तुलना में 74.47 के निम्नतम स्तर पर पहुंचा


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