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ट्रेड वार: अमेरिका ने चीन पर 34 बिलियन डॉलर का लगाया शुल्क, चीन ने दी जवाबी पलटवार की चेतावनी

अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार की चिंताएं और गहरा गई हैं

By Surbhi JainEdited By: Published: Fri, 06 Jul 2018 10:45 AM (IST)Updated: Fri, 06 Jul 2018 06:34 PM (IST)
ट्रेड वार: अमेरिका ने चीन पर 34 बिलियन डॉलर का लगाया शुल्क, चीन ने दी जवाबी पलटवार की चेतावनी
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार की तनातनी थमने का नाम नहीं ले रही है। इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी आयात पर 34 बिलियन डॉलर का टैरिफ लगा दिया है। इसपर जवाबी पलटवार करते हुए चीन ने कहा है कि वह भी अमेरिका से आयात होने वाले सामान पर टैरिफ लगाएगा।
 
चीनी सामान पर ड्यूटी शुक्रवार को वाशिंगटन में लगाई थी। आने वाले दो हफ्तों में 16 बिलियन डॉलर के सामान पर टैरिफ और लगाया जा सकता है। इससे पहले ट्रंप ने मीडिया को बताया था कि कुल टैरिफ 550 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है, यह वर्ष 2017 में चीन से किये गये अमेरिकी सामान के कुल आयात से कई ज्यादा है। 
 
अमेरिका के कस्टम अधिकारी चीन के आयात पर 25 फीसद का अतिरिक्त टैरिफ वसूलेंगे। इस सामान में कृषि उपकरण से लेकर सेमीकंडक्टर्स और एयरप्लेन के पार्ट्स शामिल हैं। चीनी अधिकारियों ने पहले बताया था कि वे इसका जवाब अमेरिकी सोयाबीवन से लेकर पोर्क तक पर उच्च टैरिफ लगाएगा।  चीन का यह फैसला ट्रंप को उच्च ट्रेड बैरियर के लिए मजबूर कर सकता है।
 
चीन के वाणिज्य मंत्री ने एक बयान में कहा, "अमेरिका ने विश्व व्यापार संगठन के नियमों का उल्लंघन किया है और आर्थिक इतिहास में अबतक की सबसे बड़ी ट्रेड वार को छेड़ दिया है।" इस तरह के टैरिफ ट्रेड को बुरी से प्रभावित करते हैं और यह फैसला वैश्विक आपूर्ति  श्रृंखला व वैल्यू चेन पर असर डालता है। इसके चलते वैश्विक आर्थिक सुधार में स्थिरता, वैश्विक बाजार में उठा पटक देखने को मिलता है। नतीजन यह मल्टी नेशनल कंपनियों, एंटरप्राइजेस और कंज्यूमर्स को प्रभावित करता है। हालांकि बयान में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि चीन किस तरह से जवाबी पलटवार करेगा। 
 
इस ट्रेड वार के चलते अमेरिका की जिस कंपनी पर सबसे ज्यादा असर पड़ने वाला है वह हार्ले डेविडसन है। मोटरसाइकल निर्माता ने इस महीने कहा था कि वह अपना उत्पादन अमेरिका से बाहर ले जा सकता है ताकि वह बाइस पर यूरोपीय संघ (ईयू) टैरिफ लगने से बच सके। अमेरिकी बिजनेस जैसे एप्पल, वालमार्ट से लेकर जनरल मोटर कॉरपोरेशन तक सभी का संचालन चीन में होता है और यह विस्तार की योजना बना रहे हैं। ऐसे में अगर ट्रंप चीनी व्यापार पर भारी ड्यूटी लगाता है तो चीनी राष्ट्रपति शी जिंगपिंग कस्टम डिले, टैक्स ऑडिट और नियामकीय जांच बढ़ा सकता है। 

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