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रियल एस्टेट डेवलपर्स क्यों कर रहे शिकायत?

रियल एस्टेट रेगुलेशन बिल संसद से पारित होने पर अधिकांश टिप्पणीकारों और मकान खरीदने की सोच रहे लोगों ने खुशी प्रकट की है। हालांकि दो तरह के लोग हैं जो इससे नाखुश हैं। एक वे हैं जो पहले अपार्टमेंट खरीदने के लिए पैसे दे चुके हैं लेकिन उन्हें डेवलपर्स की

By Babita KashyapEdited By: Published: Mon, 28 Mar 2016 02:53 PM (IST)Updated: Mon, 28 Mar 2016 02:57 PM (IST)
रियल एस्टेट डेवलपर्स क्यों कर रहे शिकायत?

रियल एस्टेट रेगुलेशन बिल संसद से पारित होने पर अधिकांश टिप्पणीकारों और मकान खरीदने की सोच रहे लोगों ने खुशी प्रकट की है। हालांकि दो तरह के लोग हैं जो इससे नाखुश हैं। एक वे हैं जो पहले अपार्टमेंट खरीदने के लिए पैसे दे चुके हैं लेकिन उन्हें डेवलपर्स की वजह से इंतजार करना पड़ रहा है। ये लोग इसलिए परेशान हैं क्योंकि इस विधेयक में पुराने मामलों को साफ तौर पर नहीं लिया गया है। लोगों को उम्मीद है कि इस समस्या का किसी न किसी तरह निदान हो जाएगा।

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दूसरा समूह जो असंतुष्ट है वे स्वभाविक तौर पर डेवलपर्स हैं। इस तरह की कई खबरें आई हैं जिनमें कुछ बिल्डर्स के नाम दिए गए हैं जबकि कुछ को अज्ञात रखा गया है और जिनका कहना है कि यह विधेयक पारित होने के बाद रियल एस्टेट क्षेत्र की स्थिति खराब हो जाएगी। उनका कहना है कि इस विधेयक के कारण विलंब होगा, लागत बढ़ जाएगी और परियोजनाओं की संख्या कम हो जाएगी जिससे मकानों की कमी हो जाएगी। उनके दावे बहुत रोचक हैं। जब इस विधेयक को पढ़ते हैं तो पता चलेगा कि इसमें डेवलपर्स से चार बातें करने की अपेक्षा की गई है। पहली, आपने जिस मकान के लिए ग्राहक से पैसा लिया है, उसे डिलीवर करना चाहिए। दूसरा, मकान और उसकी खूबियों के बारे में झूठ मत बोलिए। तीसरा, आपको परियोजना के लिए अनुमति है या नहीं, इस बारे में झूठ मत बोलिए। चौथा, ग्राहक के पैसे को हजम कर किसी और काम पर खर्च मत कीजिए। वास्तव में बस विधेयक में यही

अपेक्षा की गई है। इसके अलावा विधेयक में सिर्फ उसे लागू करने की योजनाभर है।

हालांकि रियल एस्टेट डेवलपर्स को यह बड़ा बोझ लगता है। कुछ डेवलपर्स का बिजनेस मॉडल उपरोक्त नियमों के उल्लंघन पर टिका है। इस विधेयक के बारे में शिकायत करने के बजाय उन्हें खुद आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि सिर्फ इसी उद्योग के लिए ही ऐसा कानून बनाने की जरूरत क्यों पड़ी। सच यह है कि कई रियल एस्टेट डेवलपर्स का काम करने का तरीका धोखेबाजी, झूठ और गवन पर आधारित है। अगर इस तरह के लोगों को दंडित कर इस कारोबार से निकाल दिया जाता है तो ईमानदार डेवलपर्स सहित प्रत्येक व्यक्ति खूब खुश होगा।

धीरेंद्र कुमार


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