टैक्स छूट के तीन तरीके कौन से हैं?
इनकम टैक्स कानून के प्रावधानों के तहत निवेश पर तीन तरीके से छूट मिलती है। इसे तकनीकी तौर पर ईईई, ईईटी और ईटीई कहा जाता है। ई का मतलब एक्जेंप्ट (छूट) और टी का मतलब टैक्स (कर) से है।
इनकम टैक्स कानून के प्रावधानों के तहत निवेश पर तीन तरीके से छूट मिलती है। इसे तकनीकी तौर पर ईईई, ईईटी और ईटीई कहा जाता है। ई का मतलब एक्जेंप्ट (छूट) और टी का मतलब टैक्स (कर) से है।
ईईई (छूट-छूट-छूट) : इसके तहत निवेश के समय, निवेश पर मिले रिटर्न या ब्याज और निवेश की राशि तय अवधि के बाद निकालने यानी तीनों ही स्थितियों में टैक्स नहीं देना होता है। इसके तहत पीएफ, पेंशन फंड या जीवन बीमा जैसे निवेश आते हैं।
ईईटी (छूट-छूट-कर) : उपरोक्त पहली दो स्थितियों में कर नहीं लगता, लेकिन मैच्योरिटी के बाद राशि की
निकासी कर योग्य है।
ईटीई (छूट-कर-छूट) : इसमें पहली व तीसरी स्थिति में टैक्स नहीं लगता, लेकिन निवेश पर मिले रिटर्न या ब्याज पर टैक्स चुकाना पड़ता है। टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट (10 हजार रुपये से ज्यादा ब्याज मिलने पर) व
एनएससी इसके दायरे में आते हैं।