अभी ग्लोबल संकेतों से चलेगा बाजार
चीन में विकास की धीमी होती रफ्तार की चिंता व कच्चे तेल की नीचे जाती कीमतों के चलते शेयर बाजार में कमजोर धारणा बनी हुई है
चीन में विकास की धीमी होती रफ्तार की चिंता व कच्चे तेल की नीचे जाती कीमतों के चलते शेयर बाजार में कमजोर धारणा बनी हुई है। अलबत्ता बाजार के सूचकांक इस सप्ताह दो फीसद की बढ़त लेकर बंद हुए। चीन की रफ्तार और युआन के संभावित अवमूल्यन को शेयर बाजार डिस्काउंट कर चुका है। अगर भविष्य में युआन
की कीमत और घटती है या चीन की जीडीपी दर में कमी आती है तो शेयर बाजार में ज्यादा तीखी प्रतिक्रिया की संभावना नहीं है। अब तक तीसरी तिमाही के जो नतीजे आए हैं, उन्हें संतोषजनक माना जा रहा है। उम्मीद है कि चौथी तिमाही में भी कंपनियां इसी तरह का प्रदर्शन जारी रखेंगी।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के राहत पैकेज वापस लेने के बाद अब ग्लोबल अर्थव्यवस्थाओं में भी स्थिरता का एहसास होने लगा है।
निकट भविष्य में अमेरिका में ब्याज दरों में और वृद्धि की संभावना नहीं दिखती। इसके अलावा यूरोपीय संघ की तरफ से भी अतिरिक्त प्रोत्साहन मिलने से माना जा सकता है कि अब बाजार से नकारात्मकता दूर हो रही है। कोई भी सकारात्मक समाचार बाजार को मजबूती की तरफ ले जा सकता है। जो निवेशक अगले दो तीन साल तक निवेशित रहना चाहते हैं, उनके लिए चुनिंदा शेयरों का चयन कर निवेश करने का यह बेहतरीन वक्त है। अर्थव्यवस्था में सुधार धीरे-धीरे दिखना शुरू होगा। सरकार की तरफ से ढांचागत दिक्कतों को दूर करने की
कोशिशों के नतीजे अब दिखने लगे हैं। सरकारी खर्च में भी वृद्धि होने की संभावना है, क्योंकि सरकार कच्चे तेल की सस्ती कीमतों का लाभ उस पर उत्पाद शुल्क बढ़ाकर ले रही है। इससे सरकार के पास अतिरिक्त राजस्व भी आ रहा है। सब्सिडी पर कम खर्च भी राजकोषीय स्थिति को मजबूत करेगा। माना जा रहा है कि वेतन
आयोग की सिफारिशों के लागू होने के बाद मांग और खपत में भी वृद्धि होगी। अगर कच्चे तेल
की कीमतों में नरमी बनी रहती है तो रिजर्व बैंक मौद्रिक नियमों को भी सरल बना सकता है।
जहां तक बाजार की चाल का संबंध है निकट भविष्य में तो यह ग्लोबल संकेतों से ही प्रभावित
रहेगा। यह वायदा सौदों को निपटाने का सप्ताह है। इसलिए उतार-चढ़ाव बना रहेगा। शुक्रवार
को बुनियादी उद्योगों के प्रदर्शन के आंकड़े जारी होंगे। टेलीकॉम कंपनियों के शेयर भी फोकस में
रहेंगे। ट्राई अगले दौर की नीलामी के लिए स्पेक्ट्रम कीमतों पर फैसला लेगा। तीसरी
तिमाही के नतीजे जारी करने वाली कंपनियों में एचडीएफसी बैंक, आइसीआइसीआइ बैंक, यस
बैंक, एचडीएफसी, पावरग्रिड, मारुति सुजुकी, भारती एयरटेल, वेदांत, एनटीपीसी, एलएंडटी
और ग्रासिम शामिल हैं। विश्व स्तर पर इस सप्ताह मौद्रिक नीति को लेकर एफओएमसी की
बैठक 26-27 जनवरी और बैंक ऑफ जापान की बैठक 28-29 जनवरी को होना तय है।
संदीप पारवाल
एमडी, एसपीए कैपिटल्स्