गिरती ब्याज दरों के इस दौर में इस तरह पाएं अपनी जमा पर बेहतर रिटर्न, पूंजी की सुरक्षा भी होगी सुनिश्चित
Tips For FD Investors कुछ स्मॉल फाइनेंस बैंकों द्वारा एफडी पर ऑफर की जा रही ब्याज दर प्रमुख सरकारी और निजी बैंकों की तुलना में करीब दो से तीन फीसद अधिक है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कोरोना वायरस महामारी के इस दौर में लोगों की आय ही प्रभावित नहीं हुई है, बल्कि बैंकों में जमा धन से प्राप्त होने वाली ब्याज आय भी प्रभावित हुई है। कई सरकारी और निजी बैंकों ने बचत खाते से लेकर एफडी तक पर ब्याज दरों में कटौती की है। हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट को घटाकर 4 फीसद कर दिया गया था। इसके बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) और दूसरे कई बैंकों ने भी एफडी (FD) पर ब्याज दरों में कटौती की घोषणा की है। वहीं, कई बड़े बैंकों द्वारा आने वाले दिनों में इस तरह की घोषणा की जा सकती है।
भारत में फिक्स्ड डिपॉजिट निवेश का एक लोकप्रिय माध्यम है। देश में बड़ी संख्या में सीनियर सिटीजंस की धन की जरूरतें एफडी से प्राप्त रिटर्न से ही पूरी होती हैं। एफडी पर ब्याज दर के घटने ने नए निवेशकों को चिंता में डाल दिया है। जो लोग एफडी में निवेश करने का सोच रहे हैं, आज हम उनके लिए कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं, जिससे वे इस गिरती ब्याज दर के दौर में भी अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।
एफडी के लिए स्मॉल फाइनेंस बैंक को चुनें
जो लोग इस समय एफडी में निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए प्राइवेट सेक्टर के छोटे बैंक और स्मॉल फाइनेंस बैंक्स रिटर्न के हिसाब से एक बेहतर विकल्प साबित हो सकते हैं। ये बैंक एफडी पर ग्राहकों से अब भी उच्च ब्याज दरों की पेशकश कर रहे हैं। कुछ स्मॉल फाइनेंस बैंकों द्वारा एफडी पर ऑफर की जा रही ब्याज दर प्रमुख सरकारी और निजी बैंकों की तुलना में करीब दो से तीन फीसद अधिक है। जो निवेशक एफडी में निवेश का मन बना चुके हैं, उन्हें जल्द ही एक बेहतर ब्याज दर की पेशकश कर रहे बैंक में अपना एफडी अकाउंट खुलवा लेना चाहिए, क्योंकि आने वाले दिनों में कुछ स्मॉल फाइनेंस बैंक भी एफडी पर ब्याज दरों में कटौती कर सकते हैं। यहां आपको बता दें कि आरबीआई द्वारा डिपॉजिट इंश्योरेंस को एक लाख से बढ़ाकर पांच लाख कर दिया गया है, जो कि स्मॉल फाइनेंस बैंक पर भी लागू होता है।
अपने एफडी डिपॉजिट को विभिन्न बैंकों में रखें
वित्तीय सलाहकार हमेशा लोगों को अपना पूरा निवेश एक ही जगह रखने की सलाह नहीं देते हैं। डिपॉजिट इंश्योरेंस स्कीम के तहत किसी बैंक में बचत, सावधि, चालू और एफडी पर जमा सहित प्रत्येक जमाकर्ता के कुल जमा पांच लाख रुपये तक की राशि बीमित होती है। अब जो लोग उच्च ब्याज दर के साथ ही अपनी जमा की अधिकतम सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहते हैं, वे उच्च ब्याज दर देने वाले विभिन्न बैंकों में पांच लाख रुपये तक राशि निवेश कर सकते हैं।
एफडी में सीमित राशि रखें
एफडी निवेशकों का एकमात्र डेट इन्वेस्टमेंट नहीं होना चाहिए। एफडी लिक्विडिटी मैनेजमेंट के लिए बेहतर है। एफडी लंबी अवधि के निवेश के लिए बहुत बेहतर विकल्प भी नहीं है, क्योंकि यह महंगाई को मात देने वाले रिटर्न की पेशकश नहीं करती है। इसीलिए एक्सपर्ट्स के अनुसार, एफडी में उतना ही पैसा रखना चाहिए जिसकी आने वाले समय में आपको जरूरत पड़े।