कंसोलिडेशन के दौर में आया बाजार
चूंकि बाजार कंपनियों के नतीजों के दौर में प्रवेश कर रहे हैं, लिहाजा इस सप्ताह भी कंसोलिडेशन हो सकता है। हालांकि शेयर बाजार का रुख अभी भी सकारात्मक बना हुआ है।
लगातार पांच सप्ताह से उड़ान भर रहे बाजार को इस हफ्ते मामूली गिरावट के साथ संतोष करना पड़ा। चूंकि बाजार कंपनियों के नतीजों के दौर में प्रवेश कर रहे हैं, लिहाजा इस सप्ताह भी कंसोलिडेशन हो सकता है। हालांकि
शेयर बाजार का रुख अभी भी सकारात्मक बना हुआ है। वैसे भी बाजार पांच अप्रैल को आने वाली रिजर्व बैंक की मौद्रिक व कर्ज नीति में ब्याज दरों में चौथाई फीसद कमी को डिस्काउंट कर चुका है।
शेयर बाजार के कारोबारियों की नजर भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से भविष्य में ब्याज दरों के रुख के संबंध में आने वाले बयान पर भी रहेगी। चूंकि अप्रैल महीना शुरू हो गया है, लिहाजा बैंक अपना बेस रेट मार्जिनल कास्ट लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) के आधार पर तय करेंगे। इसलिए भारतीय रिजर्व बैंक को भी अपनी नीतिगत दरों यानी रेपो दरों में कमी करने की जल्दी होगी।
घरेलू अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर सोमवार को मार्च के निक्केई मैन्यूफैक्र्चंरग पीएमआइ और सर्विस पीएमआइ के आंकड़े आएंगे। इनमें सुधार की उम्मीद है। हीरो मोटोकॉर्प, बजाज ऑटो और टाटा मोटर्स के शेयरों में मार्च, 2016 के बिक्री आंकड़ों के मुताबिक उतार-चढ़ाव की उम्मीद है। उत्पादन के आंकड़ों के आधार पर कोल इंडिया के शेयरों का रुख भी तय होगा।
जहां तक ग्लोबल संकेतों का प्रश्न है, यूके से कंस्ट्रक्शन पीएमआइ के आंकड़े सोमवार को जारी होंगे। यूरोजोन से सर्विस पीएमआइ और अमेरिका से गैर मैन्यूफैक्र्चंरग पीएमआइ के आंकड़े मंगलवार को आएंगे। अमेरिका बुधवार को कच्चे तेल की इन्वेंट्री का आंकड़ा जारी करेगा। साथ ही इसी दिन फेडरल रिजर्व की बैठक के मिनट्स भी जारी होंगे। इन सभी आंकड़ों पर नजर रखना इसलिए आवश्यक है, क्योंकि इनका
प्रभाव दुनिया भर के बाजारों पर होता है। घरेलू स्टॉक एक्सचेंज भी दुनिया के बाजारों से जुड़े हैं, इसलिए उसका असर यहां तक आता है।
संदीप पारवाल
एमडी, एसपीए कैपिटल्स