Move to Jagran APP

क्या होती है शॉर्ट सेलिंग

सेल शॉर्ट यानी तेजी से बिक्री का मतलब स्टॉक को तेजी से कम करना है। यह लंबी अवधि तक बिक्री का उलटा है। निवेश के क्षेत्र में शॉर्ट सेलिंग खरीद-फरोख्त की एक अग्रिम रणनीति होती है। इसमें कोई पेशेवर निवेशक ब्रोकर से कोई सिक्योरिटी मसलन शेयर उधार लेकर उसे बेच

By Babita KashyapEdited By: Published: Mon, 07 Dec 2015 11:24 AM (IST)Updated: Mon, 07 Dec 2015 11:27 AM (IST)
क्या होती है शॉर्ट सेलिंग

सेल शॉर्ट यानी तेजी से बिक्री का मतलब स्टॉक को तेजी से कम करना है। यह लंबी अवधि तक बिक्री का उलटा है। निवेश के क्षेत्र में शॉर्ट सेलिंग खरीद-फरोख्त की एक अग्रिम रणनीति होती है। इसमें कोई पेशेवर निवेशक ब्रोकर से कोई सिक्योरिटी मसलन शेयर उधार लेकर उसे बेच देता है। लेकिन इसमें एक तय अवधि में शेयर को खरीदने और उसे बेचने की बाध्यता होती है। शॉर्ट सेलिंग का मकसद शेयर या अन्य प्रतिभूति को कम कीमत पर वापस खरीदकर उससे लाभ कमाना है।

loksabha election banner

एक निवेशक को जब कीमत कम होने की संभावना होती है, तो वह तेजी से बिक्री करेगा। इसके बाद अगली तारीख में कम कीमतों पर प्रतिभूति मसलन शेयर को खरीद लेगा। इस तरह वह मुनाफा कमाएगा। इस मामले में अगर उस शेयर की कीमत बढ़ जाती है तो निवेशक को नुकसान होगा। शॉर्ट सेलिंग की रणनीति की कामयाबी बहुत कुछ बाजार की सटीक समझ और नवीनतम जानकारियों तक पहुंच पर निर्भर करती है। इसके बगैर अगर आपने यह रणनीति अपनाई तो पैसा गंवाने का खतरा काफी अधिक होता है। शॉर्ट सेलिंग को हेज रणनीति के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.