New Income Tax Slab: नये इनकम टैक्स स्लैब के तहत इन आय पर मिलेगी छूट, 70 तरह की छूटों से करना होगा समझौता
New Income Tax Slab 2020-21 कुछ ऐसी छूटें (Exemptions) भी हैं जिनमें कोई बदलाव नहीं किया गया है और इत्मीनान से इनका लाभ उठा सकते हैं।
नई दिल्ली, मनीश कुमार मिश्र। Income Tax Slab और टैक्स रेटको लेकर अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक नया प्रस्ताव रखा था। प्रस्तावित Income Tax Slab के बारे में आपको हम जानकारी देंगे लेकिन इससे पहले जान लीजिए कि नये टैक्स स्लैब का लाभ उठाने के लिए आपको आयकर में मिलने वाली 70 तरह की छूटों और कटौतियों से आपको समझौता करना होगा। इनमें धारा 80C, 80D, 80TTA, 80TTB आदि शामिल हैं।
हालांकि, कुछ ऐसी छूटें (Exemptions) भी हैं जिनमें कोई बदलाव नहीं किया गया है और इत्मीनान से इनका लाभ उठा सकते हैं। तो, अपना इनकम टैक्स कैलकुलेट करने से पहले इन्हें भी ध्यान में रखिए और आकलन कीजिए कि आपको पहले वाले टैक्स स्लैब में ज्यादा फायदा होने वाला है या नये टैक्स स्लैब में। हालांकि, प्रस्तावित नया टैक्स स्लैब अगले वित्त वर्ष से लागू होगा।
प्रस्तावित नया टैक्स स्लैब (New Income Tax Slab 2020-21)
प्रस्तावित नये टैक्स स्लैब के अनुसार, 2.5 लाख रुपये तक की आय पहले की तरह ही कर मुक्त रहेगी और 2.5 से 5 लाख रुपये तक की आय वाले करदाताओं को 5 फीसद टैक्स देना होगा। 5 से 7.5 लाख रुपये की सालाना इनकम पर 10 फीसद टैक्स का भुगतान करना होगा। 7.5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये की कमाई पर 15 फीसदी टैक्स देना होगा। 10 लाख रुपये से 12.5 लाख रुपये तक की सालाना आय पर नई टैक्स व्यवस्था के तहत 20 फीसद कर का भुगतान करना होगा। 12.5 से 15 लाख रुपये की सालाना आय पर अब 25 फीसद टैक्स का भुगतान करना होगा। 15 लाख रुपये से ज्यादा की आय पर 30 फीसद टैक्स का भुगतान करना होगा।
टैक्स और इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट बलवंत जैन के अनुसार प्रस्तावित नये टैक्स स्लैब में आपको निम्नलिखित आय पर छूट का लाभ मिलेगा।
- नियोक्ता से मिली ग्रेच्युटी: अगर आपको नियोक्ता की तरफ से ग्रेच्युटी की राशि मिलती है तो वह भी नये टैक्स स्लैब या नई कर संरचना के तहत छूट के अंतर्गत आएगी। किसी संस्थान में लगातार 5 साल काम करने के बाद कर्मचारी ग्रेच्युटी प्राप्त करने का पात्र होता है।
- जीवन बीमा की मैच्योरिटी पर मिलने वाले पैसे: नई कर व्यवस्था के तहत जीवन बीमा का प्रीमियम जो धारा 80सी के अंतर्गत आता है, पर छूट नहीं मिलती। लेकिन, जीवन बीमा की मैच्योरिटी पर प्राप्त पैसे पर धारा 10(10डी) के तहत टैक्स छूट रहेगी।
- EPF या NPS में नियोक्ता का योगदान: अगर आपके कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) या नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के खाते में आपका नियोक्ता पैसे जमा करवाता है तो उस पर आपको छूट का लाभ मिलेगा। हालांकि जैन के अनुसार, ईपीएफ, एनपीएस और सुपरएन्युएशन खाते में एक वित्त वर्ष में जमा की जाने वाली रकम की सीमा 7.5 लाख रुपये तक है। अगर यह राशि 7.50 लाख से ज्यादा है तो छूट सिर्फ 7.50 लाख तक ही मिलेगी। एनपीएस खाते की मैच्योरिटी पर मिलने वाली एकमुश्त राशि यानी 60% रकम पर भी नई कर व्यवस्था में छूट मिलेगी।
- पीपीएफ के ब्याज और मैच्यारिटी की राशि पर मिलेगी छूट: नई कर व्यवस्था के तहत पीपीएफ पर मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाली राशि भी नई कर व्यवस्था के तहत छूट के दायरे में रहेगी।
- सुकन्या समृद्धि योजना का ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाले पैसे: जैन के अनुसार, सुकन्या समृद्धि योजना पर मिलने वाला ब्याज और इसकी मैच्योरिटी पर मिलने वाली राशि पर नई कर व्यवस्था के तहत छूट जारी रहेगी। हालांकि, इसमें निवेश की जाने वाली राशि पर धारा 80सी के तहत छूट नई कर व्यवस्था के तहत नहीं मिलेगी।
- नियोक्ता से मिलने वाला उपहार: अगर आपको नियोक्ता की तरफ से 5,000 रुपये तक का उपहार मिलता है तो यह कर के दायरे में नहीं आएगा।
- ईपीएफ पर मिलने वाला ब्याज: ईपीएफ पर मिलने वाले ब्याज पर नये टैक्स स्लैब में भी छूट जारी रहेगी। जैन कहते हैं कि ईपीएफ पर 9.5 फीसदी तक की दर से मिलने वाले ब्याज पर टैक्स छूट जारी रहेगी।
- वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाला ब्याज: जैन कहते हैं कि नई कर व्यवस्था के अनुसार, वरिष्ठ नागरिकों को पोस्ट ऑफिस, बैंक या कॉपरेटिव बैंकों के बचत खाते, रैकरिंग डिपॉजिट या फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स की छूट मिलेगी।