बनी रह सकती है उथल-पुथल
बीते सप्ताह शेयर बाजारों में जबर्दस्त हाहाकार हुआ । सूचकांक पांच फीसद से भी ज्यादा लुढ़क गए। भारतीय बैंकों के डूबे कर्जों की चिंता और दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं की विकास दर नीचे जाने की आशंकाओं ने घरेलू शेयर बाजारों में यह स्थिति पैदा की।
बीते सप्ताह शेयर बाजारों में जबर्दस्त हाहाकार हुआ । सूचकांक पांच फीसद से भी ज्यादा लुढ़क गए। भारतीय बैंकों के डूबे कर्जों की चिंता और दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं की विकास दर नीचे जाने की आशंकाओं ने घरेलू शेयर बाजारों में यह स्थिति पैदा की।
आने वाले कुछ समय तक शेयर बाजारों में उथल-पुथल का यह दौर बने रहने की उम्मीद है। अर्थव्यवस्था के कमजोर आंकड़ों और कई मामलों पर अनिश्चय की स्थिति में सुधार अब तभी संभव है जब सरकार बुनियादी ढांचागत सुधारों पर बड़ी घोषणा करे। हमारा मानना है कि जमीन पर इसकी स्थिति तैयार हो गई है। इसके लागू
होने की देर है जो भारत को तेज विकास दर वाली मजबूत अर्थव्यवस्था की तरफ लेकर जाएगी।
वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं की मौजूदा उथल- पुथल देश के विकास की राह में अस्थायी तौर पर बाधा उत्पन्न कर सकती है। लेकिन मोटे तौर पर भारत एक मजबूत अर्थव्यवस्था वाले देश के तौर पर उभर रहा है जो दुनिया भर से निवेश आकर्षित करेगा।
हालांकि बाजार की चाल के अनुरूप फैसलों का समय तय करना बेहद मुश्किल काम है। लेकिन हमारा मानना है कि यह वक्त अच्छी क्वालिटी के शेयरों में निवेश कर लंबी अवधि के लिए अपना पोर्टफोलियो मजबूत करने का है।
सोमवार से चीन का बाजार खुल रहा है। सभी निवेशकों की चिंता भरी नजरें उस पर रहेंगी। सोमवार को महंगाई की दर के आंकड़े आएंगे। शहरी क्षेत्रों में खपत में कुछ वृद्धि होने के चलते महंगाई की दर के डिफ्लेशन की स्थिति से बाहर निकलने की उम्मीद जताई जा रही है।
पेट्रोल और डीजल के दामों की समीक्षा का वक्त आ रहा है। लिहाजा पेट्रोलियम मार्केटिंग कंपनियों के चर्चा में बने रहने की उम्मीद है। वैश्विक मोर्चे पर सोमवार को जापान से चौथी तिमाही के जीडीपी के आंकड़े जारी होंगे। इसके अलावा चीन से औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े भी जारी होंगे। अमेरिका से औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े बुधवार को आएंगे। जबकि बेरोजगारी से जुड़े आंकड़े बृहस्पतिवार को जारी होंगे।
संदीप पारवाल
एमडी एसपीए
कैपिटल्स्