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संसद पर टिकीं बाजार की निगाहें

घरेलू शेयर बाजारों के सूचकांक अभी इसी रेंज में रहेंगे। संसद से आने वाली खबरों का असर बाजार पर दिखेगा। वही बाजार की दिशा भी निर्धारित करेगा। बाजार की नजरें जापानी प्रधानमंत्री की तीन दिवसीय यात्रा पर भी हैं। इसमें रक्षा सहयोग, निवेश और हाईस्पीड ट्रेन के बारे में द्विपक्षीय

By Babita KashyapEdited By: Published: Mon, 07 Dec 2015 11:03 AM (IST)Updated: Mon, 07 Dec 2015 11:09 AM (IST)
संसद पर टिकीं बाजार की निगाहें

घरेलू शेयर बाजारों के सूचकांक अभी इसी रेंज में रहेंगे। संसद से आने वाली खबरों का असर बाजार पर दिखेगा। वही बाजार की दिशा भी निर्धारित करेगा। बाजार की नजरें जापानी प्रधानमंत्री की तीन दिवसीय यात्रा पर भी हैं। इसमें रक्षा सहयोग, निवेश और हाईस्पीड ट्रेन के बारे में द्विपक्षीय समझौता होने की उम्मीद की जा रही है।

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जीएसटी पर उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट आने के बाद अब संसद के मौजूदा सत्र में इसके पारित होने की संभावनाएं कुछ बढ़ी हैं। चूंकि रिपोर्ट की अधिकांश सिफारिशें कांग्र्रेस के रुख की ही पुष्टि करती हैं, इसलिए माना जा रहा है कि मुख्य विपक्षी दल अब इसमें रुकावट नहीं बनेगा। अगर 17-18 फीसद की स्टैंडर्ड जीएसटी दर रखी जाती है तो महंगाई बढऩे की आशंकाएं भी कम हो जाएंगी। अंतरराज्यीय स्तर पर वस्तुओं की आवाजाही पर प्रस्तावित एक फीसद टैक्स की वापसी भी स्वागत योग्य कदम है। शेयर बाजार भी इस पर सकारात्मक रवैया दिखाएगा। इस शुक्रवार को अक्टूबर के औद्योगिक उत्पादन (आइआइपी) के आंकड़े जारी होंगे। इसमें पांच फीसद वृद्धि की उम्मीद की जा रही है। इसी सप्ताह दो कंपनियों के आइपीओ भी बाजार में आ रहे हैं। इससे लग रहा है कि कंपनियों के पूंजी बाजार में उतरने का सिलसिला एक बार फिर शुरू हो सकता है।

ग्लोबल बाजार में निवेशक अभी इंतजार की नीति अपना रहे हैं। आने वाले दिनों में फेडरल रिजर्व की तरफ से किस तरह के कदम उठाए जाते हैं, निवेशकों का निर्णय बहुत कुछ इस पर निर्भर करेगा। बीते सप्ताह फेड प्रमुख येलेन के बयान के बाद निवेशक चौकन्ने हैं। अमेरिका में ब्याज दरे बढऩे की संभावनाएं प्रबल हैं। हालांकि ब्याज दरों के बढऩे की सूरत में उभरने वाली परिस्थितियों का सामना करने के लिए भारत और अधिक मजबूती से तैयार है। 350 अरब डॉलर के विदेशी मुद्रा भंडार के साथ भारत को किसी तरह की दिक्कत आने की आशंका नहीं है।

इस सप्ताह चीन से अर्थव्यवस्था संबंधी आंकड़े आएंगे। अमेरिका के अलावा स्विट्जरलैंड, न्यूजीलैंड और यूके में भी ब्याज दरों में बदलाव संबंधी निर्णय हो हैं। ऑस्ट्रेलिया से रोजगार, यूरो जोन से जीडीपी, चीन से महंगाई और अमेरिका से उपभोक्ता सेंटीमेंट के आंकड़े जारी होंगे।

संदीप पारवाल

एमडी, एसपीए कैपिटल्स


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