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Jagran Dialogues: एसेट एलोकेशन से कैसे बढ़ा सकते हैं म्युचुअल फंडों के रिटर्न, जानिए एक्सपर्ट्स की राय

इक्विटी और डेट में निवेश करने का सबसे बेहतर जरिया मुयुचुअल फंड है। बतच योजनाओं की कम ब्‍याज दरों के कारण ज्‍यादातर निवेशक म्‍युचुअल फंडों का रुख कर रहे हैं। असेट एलोकेशन के जरिए रिस्‍क घटाते हुए म्युचुअल फंड से अधिकतम लाभ उठाया जा सकता है।

By Abhishek PoddarEdited By: Published: Mon, 13 Dec 2021 05:08 PM (IST)Updated: Tue, 14 Dec 2021 07:18 AM (IST)
Jagran Dialogues: एसेट एलोकेशन से कैसे बढ़ा सकते हैं म्युचुअल फंडों के रिटर्न, जानिए एक्सपर्ट्स की राय
एसेट एलोकेशन से म्युचुअल फंडों में अच्छा रिटर्न मिलता है

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिए हम सभी बचत और निवेश करते हैं, अगर इस बारे में एक्सपर्ट की राय मानी जाए तो इक्विटी और डेट में निवेश करने का सबसे बेहतर जरिया म्युचुअल फंड है। बतच योजनाओं की कम ब्‍याज दरों के कारण ज्‍यादातर निवेशक म्‍युचुअल फंडों का रुख कर रहे हैं। एसेट एलोकेशन के जरिए रिस्‍क घटाते हुए म्युचुअल फंड से अधिकतम लाभ कैसे उठाया जा सकता है, इस विषय पर महिंद्रा मनुलाइफ म्युचुअल फंड के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीइओ, आशुतोष बिश्नोई के साथ जागरण न्यू मीडिया के मनीश कुमार मिश्र ने विस्‍तार से चर्चा की।

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सवाल: मौजूदा वक्त में शेयर मार्केट में उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा है, ऐसे में इक्विटी फंड में निवेश करने वालों के लिए आपकी क्या सलाह है?

आशुतोष बिश्नोई: पिछले लगभग डेढ़ साल में मार्केट उछला है। यहां तक की कोरोना काल में भी बाजार ऊपर की ओर जा रहा था। ऐसे में इक्विटी फंड में निवेश करने वाले एसेट एलोकेशन फंड में निवेश कर सकते हैं। अगर आप मार्केट से अपना पैसा निकालना चाह रहे हैं तो, आप बैलेंस एडवांटेज फंड में निवेश कर सकते हैं। लेकिन अगर आप जोखिम नहीं लेन चाह रहे हैं तो आप बाजार से पैसा निकाल कर बैलेंस एडवांटेज फंड में डाल सकते हैं।

सवाल: म्युचुअल फंड में बेहतर रिटर्न दिलाने में एसेट एलोकेशन कैसे मदद करता है?

आशुतोष बिश्नोई: एसेट एलोकेशन किसी भी निवेशक के लिए जरूरी होता है। इसका मतलब है कि आप अपनी एक एकमुश्त रकम का कैश यानी कि फिक्स्ड इनकम औक इक्विटी के बीच कैसे बंटवारा करते हैं? एसेट एलोकेशन में यह जरूरी है कि मार्केट में निवेश करते वक्त हमें कब अपने पास पैसा रखना है। सबसे अच्छा पैसा एसेट एलोकेशन से ही बनता है। मार्केट में कब कितना पैसा डेट में, कितना पैसा इक्विटी में और कितना पैसा कै में रखना है, इसी से किसी इनवेस्टर का पोर्टफोलियो डिसाइड होता है। तो अगर आपको बाजार में जोखिम नहीं लोना है तो आप एसेट एलोकेशन स्ट्रैटजी प्रयोग कर सकते हैं।

सवाल: एसआइपी में निवेश बढ़ने की क्या वजह है?

आशुतोष बिश्नोई: आने वाले वक्त भारतीय शेयर बाजार काफी तेजी से बढ़ेगा। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए भारत सबसे अच्छा हब बन गया है। साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर भी बढ़ रहा है। ऑनलाइन मार्केट बढ़ने से टैक्स कलेक्शन भी बढ़ा है। फॉर्माइजेशन से सरकार के पास टैक्स का पैसा बढ़ा है, और सरकार उसे खर्च भी करना चाहती है, जिस कारण से शेयर बाजार आगे बढ़ेगा। छोटे निवेशकों के पास एसआइपी के अलावा विकल्प नहीं है, बैंक काफी कम ब्याज दे रहे हैं। जिस कारण से लोग सेयर बाजार की तरफ रुख कर रहे हैं। यहां पर लगभग 15 से 16 फीसद की रकम बन जाती है। जिस कारण से लोग एसआइपी में निवेश कर रहे हैं।


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