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टैक्‍स बचत के लिए निवेश के रूप में क्‍या एनपीएस सार्थक है

टैक्‍स बचाने के लिए नेशनल पेंशन स्‍कीम में निवेश करना कारगर है। एनपीएस निवेश के लिए मिलने वाले कर बचत प्रोत्साहन को कहीं और इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

By Monika minalEdited By: Published: Mon, 16 May 2016 02:44 PM (IST)Updated: Mon, 16 May 2016 03:53 PM (IST)
टैक्‍स बचत के लिए निवेश के रूप में क्‍या एनपीएस सार्थक है

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में एक साल में 50,000 रुपये निवेश करना और कुछ अतिरिक्त कर बचाना क्या अच्छा विचार है? यह एक ऐसा सामान्य सवाल है जो हर व्यक्ति सभी प्रकार के मंचों पर पूछता है। आम तौर पर इसका जवाब विशुद्ध रूप से टैक्स बचत के संदर्भ में ही दिया जाता है। एनपीएस निवेश के लिए मिलने वाले कर बचत प्रोत्साहन को कहीं और इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। इसलिए इसका स्वाभाविक जवाब यही होता है कि हां किसी भी व्यक्ति को एनपीएस में निवेश करना चाहिए क्योंकि इससे टैक्स में बचत होती है जो कि अन्य तरीके से उपलब्ध नहीं है। लेकिन उन लोगों के बारे में क्या जो टैक्स बचाना नहीं चाहते।

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दूसरी ओर आपको एनपीएस की कई कमियां भी गिनाई जा सकतीं हैं जिससे कि आप इसमें निवेश न करें। ये कमियां इस प्रकार हैं: इसमें लंबा लॉक इन पीरियड होता है, अनिवार्य एन्यूटी होती है और पैसे निकालते समय टैक्स लगता है। इसके साथ यह व्यावहारिक तथ्य भी जुड़ा है कि कोई भी व्यक्ति एनपीएस को उत्साह के साथ बेचना नहीं चाहता। इसका मतलब यह है कि बड़ी संख्या में लोग टैक्स बचत के लिए एनपीएस में निवेश नहीं करते। आम तौर पर इस तरह के निवेश का प्रेरक टैक्स बचत ही है इसलिए वे इसे कभी नहीं कर पाते।

दुर्भाग्य से टैक्स बचत को ध्यान में रखकर जो भी निवेश के फैसले होते हैं, अक्सर उनका यही हश्र होता है। अगर वे ऐसा नहीं करते तो पैसा निवेश नहीं होता। अब हम इसका दूसरा पहलू देखते हैं। आपके पास 50,000 रुपये हैं और आप इन्हें बचत के लिए निवेश करना चाहते हैं। ऐसे में इनको निवेश करने का सबसे अच्छा तरीका क्या है। मेरे एक साथी ने जब यह सवाल किया तो मैने सामान्य तौर पर इसकी तुलना की। उसकी उम्र 34 वर्ष है इसलिए वह रिटायरमेंट तक अगले 26 वर्ष के लिए निवेश करेगा।

केस ए को सरल करने पर यह तथ्य सामने आता है। वह 50,000 रुपये एक साल में एनपीएस में निवेश करता है। उसे 11.5 प्रतिशत रिटर्न मिलने की संभावना है। 26 साल के अंत में उसे 77.8 लाख रुपये मिलने का अनुमान है। यह रिटर्न डेट पर आठ प्रतिशत रिटर्न और इक्विटी पर 15 प्रतिशत रिटर्न के 50:50 के अनुपात में है। इसके बाद वह इसकी कुछ धनराशि पर टैक्स देता है और शेष राशि की एन्यूटी खरीदता है।

दूसरी ओर केस बी को सरल तरीके से देखने पर परिणाम अलग आता है। वह व्यक्ति 15,000 रुपये टैक्स चुकाता है और 35,000 रुपये इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करता है। वह लगभग 15 प्रतिशत रिटर्न पाता है जो एनपीएस के बराबर है। उसे अंत में 99.2 लाख रुपये मिलते हैं। यह राशि टैक्स फ्री होती है और वह इसे अपनी सुविधानुसार खर्च कर सकता है। इस तरह यह मामला बिल्कुल साफ है। मेरा तो यही विचार है। धीरेन्द्र कुमार


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