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वित्तीय समावेश की दिशा में है बढ़ना

सरकार ने जनधन खाते खोलकर देश की आबादी के एक बड़े हिस्से को बैंकिंग के दायरे में शामिल किया है।

By Babita KashyapEdited By: Published: Mon, 11 Jan 2016 12:52 PM (IST)Updated: Mon, 11 Jan 2016 12:58 PM (IST)
वित्तीय समावेश की दिशा में है बढ़ना

सरकार ने जनधन खाते खोलकर देश की आबादी के एक बड़े हिस्से को बैंकिंग के दायरे में शामिल किया है।

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आप किस तरह लोगों को वित्तीय सेवाएं उपलब्ध करा रहे हैं?

-देखिए, अभी दैनिक श्रमिकों से लेकर खोमचा, पटरी जैसे छोटे उद्यमियों की बड़ी संख्या है जिनके पास बैंक खाता नहीं है। उन लोगों की जरूरतें और वित्तीय लेनदेन भी छोटे हैं। हम पेवल्र्ड के जरिये ऐसे ही लोगों की बैंकिंग जरूरतों को पूरा करते हैं। यही हमारे ग्राहक हैं। इनमें वे लोग भी शामिल है जिनके पास स्मार्टफोन तो हैं, मगर उसके इस्तेमाल को लेकर वे आश्वस्त नहीं हैं। फिर चाहे वे उनके ऑनलाइन रिचार्ज हों या फिर नकदी के बैंक खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर का मसला। देश के भीतर पैसा बैंक खातों में ट्रांसफर कराने के लिए हमारा भारतीय स्टेट बैंक के साथ एक करार है। समाज में अभी भी इसकी कितनी जरूरत है, इसे इस बात से ही समझा जा सकता है कि हम करीब तीन लाख ट्रांजैक्शन रोजाना करते हैं।

 और किस तरह की सुविधाएं देते हैं आप?

-ऑनलाइन मनी ट्रांसफर के अलावा हमारे कैश प्वाइंट से ट्रेन, फ्लाइट की टिकट और

बीमा प्रीमियम के भुगतान की भी सुविधा उपलब्ध है। ज्यादातर घरेलू मनी ट्रांसफर

दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा और राजस्थान जैसे राज्यों से होता है। अधिकांशत: यह पैसा

बिहार और उत्तर प्रदेश की तरफ जाता है। पेवल्र्ड के कैश प्वाइंट फिलहाल कितने

 राज्यों में मौजूद हैं और इनकी संख्या कितनी है?

-हम लोग 23 राज्यों में मौजूद हैं। 630 से भी ज्यादा शहरों में अभी हमारे पास 60000

से अधिक कैश प्वाइंट हैं। ये सभी एक्टिव रिटेलर हैं। हमारी योजना अगले तीन साल में

ऐसे कैश प्वाइंट की संख्या को तीन लाख तक ले जाने की है। चूंकि हमारे बिजनेस का

मॉडल ग्रामीण और अर्ध शहरी इलाकों के मुताबिक है इसलिए ऐसी तमाम जगहों पर

हम मौजूद हैं। हम कैश प्वाइंट के लिए स्थानीय रिटेलर को चुनते हैं और वहीं

रिलेशनशिप के जरिये ग्राहकों की संख्या का विस्तार करते हैं। ग्राहकों को हमारी सेवाओं

के इस्तेमाल के लिए कोई शुल्क भी नहीं देना होता इसलिए इसकी लोकप्रियता में

वृद्धि की संभावना भी अधिक रहती है। आगे क्या योजनाएं हैं?

-हमने सरकार की नई योजना भारत बिल पेमेंट सिस्टम के लाइसेंस के लिए आवेदन

किया है। यह लाइसेंस मिलने के बाद हम सभी तरह के बिल पेमेंट के लिए भी

अधिकृत हो जाएंगे। इससे हमारे टारगेट ग्रुप में आने वाले ग्राहकों को भी लाभ होगा। उन्हें

भी बिजली, गैस, फोन आदि के बिल के लिए लाइन में नहीं लगना पड़ेगा और वे

समय बचा सकेंगे। उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक जल्दी ही लाइसेंस देने का निर्णय

लेगा। वैसे हमने पेमेंट बैंक के लिए भी आवेदन किया था जो हमें नहीं मिल पाया।

लेकिन बीबीपीएस का लाइसेंस मिलने से निश्चित ही हमारे ग्राहकों की संख्या में

विस्तार होगा।

 क्या पेमेंट वॉलेट लाने का इरादा है?

-जहां तक पेमेंट वॉलेट का सवाल है वह भारत में तभी सफल हो पाएगा जब उसका इस्तेमाल हर किसी को भुगतान करने में हो सके। कम से कम वह क्रेडिट डेबिट कार्ड का विकल्प प्रस्तुत करे। जब तक ऐसा नहीं है उसकी उपयोगिता बेहद सीमित है। हां, हम अपने ग्राहकों को डिजिटल वॉलेट उनके फोन पर तैयार करने में मदद अवश्य करते हैं। खासतौर पर जो लोग स्मार्टफोन के इस्तेमाल में सहज नहीं होते और तकनीक का बहुत अधिक ज्ञान नहीं होता उन्हें हमारे कैश प्वाइंट पर ही मदद उपलब्ध कराई जाती है। इस तरह हम न केवल देशभर में सरकार के वित्तीय समावेशन कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहे हैं बल्कि उपभोक्ता के स्तर पर ग्राहकों को भी तकनीक की दृष्टि से शिक्षित कर रहे हैं।

प्रवीण दभाई

सीओओ, पेवल्र्ड


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