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रिटायरमेंट के लिए अन्य निवेश साधन पर न रहें निर्भर

रिटायरमेंट की प्लानिंग जल्द करना क्यों आवश्यक है? -देखिए, कोई भी व्यक्ति सारी उम्र तो काम करते नहीं रह सकता। एक न एक दिन उसे काम से छुट्टी लेनी ही पड़ती है। इसकी उम्र किसी के लिए 58 साल हो सकती है तो कोई 65 साल में भी अपने काम से

By Babita KashyapEdited By: Published: Mon, 28 Mar 2016 02:43 PM (IST)Updated: Mon, 28 Mar 2016 02:48 PM (IST)
रिटायरमेंट के लिए अन्य निवेश साधन पर न रहें निर्भर

रिटायरमेंट की प्लानिंग जल्द करना क्यों आवश्यक है?

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-देखिए, कोई भी व्यक्ति सारी उम्र तो काम करते नहीं रह सकता। एक न एक दिन उसे काम से छुट्टी लेनी ही पड़ती है। इसकी उम्र किसी के लिए 58 साल हो सकती है तो कोई 65 साल में भी अपने काम से मुक्त हो सकता है। और जब भी ऐसा वक्त आता है तो काम से सेवानिवृत्ति लेने वाले व्यक्ति के सामने सबसे बड़ी चुनौती होती है शेष जिंदगी के लिए आमदनी के स्रोत की। चूंकि अब भारत में भी एकल परिवारों का चलन बढ़ रहा है ऐसे में रिटायर होने के बाद आपके हाथ में हर महीने एक बंधी बंधायी आमदनी होनाआवश्यक हो गया है। इसलिए जरूरी है कि नौकरी शुरू करने के शुरुआती वर्षों में ही रिटायरमेंट को भी प्लान कर लिया जाए। ऐसा करके आप अपनी जीवन शैली को रिटायरमेंट के बाद भी बनाए रख पाएंगे।

रिटायरमेंट पॉलिसी में निवेश शुरू करने की सही उम्र क्या है?

-जैसा मैंने पहले कहा जितना जल्द हम रिटायरमेंट को प्लान कर लें उतना बेहतर है। जितना जल्दी रिटायरमेंट के लिए बचत शुरू करेंगे उतनी ही अधिक आमदनी रिटायरमेंट के बाद उपलब्ध होगी। इसे टालना कई बार महंगा भी पड़ सकता है। इसलिए मेरी राय यही है कि 20 से 30 वर्ष की आयु के बीच किसी को भी रिटायरमेंट के लिए बचत करना शुरू कर देना चाहिए।

रिटायरमेंट की प्लानिंग करते वक्त किन मुख्य बातों को ध्यान में रखना चाहिए?

-सबसे पहले तो आपको यह तय करना होगा कि आप रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी किस तरह गुजर बसर करना चाहते हैं। यह सुनिश्चित कर लें तो समझ लीजिए आपने आधा किला फतह कर लिया। दूसरी बात मन में तय कर लेना होगा कि आप इसके लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके लिए सबसे पहले आपको तय करना होगा कि आप किस उम्र में अपने काम से रिटायर होना चाहते हैं। इसके बाद आप उन वर्षों की गिनती कर लें जिसके लिए आप बचत करना चाहते हैं। अब आपको अपनी मौजूदा जीवन शैली पर होने वाले खर्च का हिसाब लगाना है। इसे देखते हुए यह तय करना होगा कि रिटायरमेंट के बाद आपको कितनी मासिक आमदनी की जरूरत है। इसमें मुद्रास्फीति को अवश्य जोड़ लें। यह सब करने के बाद बारी आती है आपके वित्तीय सलाहकार की। आपके खर्चों के अनुरूप वह सलाह देगा कि आपको कुल कितनी राशि जमा करनी होगी जिससे आपकी मासिक आमदनी बनी रही। तकरीबन सभी जीवन बीमा कंपनियों के रिटायरमेंट प्लान हैं। उन्हें भली भांति समझकर आप अपनी निवेश योजना बना सकते हैं। रिटायरमेंट अथवा पेंशन प्लान और निवेश के अन्य साधनों में क्या अंतर है?

-रिटायरमेंट अथवा पेंशन प्लान में आप एक निश्चित अवधि के लिए बचत करते हैं। अगर आप 30 वर्ष की आयु में रिटायरमेंट प्लान में निवेश शुरू करते हैं और आपने रिटायरमेंट के लिए 60 वर्ष की आयु चुनी है तो इस उम्र में पहुंचने के बाद आप अपने फंड का केवल एक हिस्सा ही प्राप्त कर सकते हैं। शेष राशि से आपको हर महीने पेंशन राशि मिलेगी। इसका मतलब यह हुआ कि रिटायरमेंट प्लान आपको अपनी बचत के एकमुश्त खर्च करने से रोकता है। इस राशि का इस्तेमाल केवल रिटायरमेंट लाभों के लिए ही लिया जा सकता है।

किस तरह के रिटायरमेंट प्लान अभी बाजार में उपलब्ध हैं?

-जैसा कि मैंने पहले बताया रिटायरमेंट प्लान किसी भी जीवन बीमा कंपनी से खरीदा जा सकता है। आपको केवल अपनी जरूरत का अंदाज लगाना है और इसके लिए कितना फंड जुटाना होगा यह सुनिश्चित करना होगा। बाजार में उपलब्ध कुछ प्लान आपको गारंटीशुदा रिटर्न देते हैं। जबकि कुछ बाजार की चाल के मुताबिक रिटर्न देते हैं। इंडिया फस्र्ट लाइफ इंश्योरेंस में हम गारंटी रिटर्न वाला रिटायरमेंट प्लान देते हैं। अगर आप सुनिश्चित रिटर्न चाहते हैं तो इस प्लान को चुन सकते हैं। इसमें गारंटी रिटर्न के अतिरिक्त हर वर्ष मिलने वाला बोनस भी

आपके फंड में जुड़ता है। रिटायरमेंट की उम्र को लेकर भी इस प्लान में काफी लचीला रुख अपनाया गया ह

ऋषभ गांधी

निदेशक, सेल्स-मार्केटिंग

इंडिया फस्र्ट लाइफ इंश्योरेंस


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