डेट म्यूचुअल फंड में रिटर्न पर कर लगाने के नए प्रावधान क्या हैं?
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने डेट म्यूचुअल फंड में निवेश के एक प्रमुख आकर्षण को समाप्त कर दिया है। इस श्रेणी के फंडों पर लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ पर आय कर की मौजूदा दर 10 से बढ़ा कर 20 फीसद कर दिया गया है। इसका असर निवेशकों पर पड़ सकता है, क्योंकि बैंकों की जमा योजनाओं के
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने डेट म्यूचुअल फंड में निवेश के एक प्रमुख आकर्षण को समाप्त कर दिया है। इस श्रेणी के फंडों पर लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ पर आय कर की मौजूदा दर 10 से बढ़ा कर 20 फीसद कर दिया गया है। इसका असर निवेशकों पर पड़ सकता है, क्योंकि बैंकों की जमा योजनाओं के मुकाबले इनके रिटर्न पर असर पड़ेगा।
इस फंड के प्रबंधक बैंक जमा स्कीमों को अपना सबसे अहम प्रतिद्वंदी मानते हैं। चूंकि बैंक जमा योजनाओं पर परिपक्वता यानी मैच्योरिटी अवधि के बाद कर देना पड़ता था, लेकिन डेट म्यूचुअल फंड में कर नहीं लगता था। अब कर के मामले में दोनों बराबर हो गए हैं।
लेकिन सरकार ने यह भी किया है कि सिर्फ तीन साल के बाद की अवधि पर कर लगाया गया है। माना जा रहा है कि इस प्रावधान के बाद निवेशक तीन साल से कम अवधि के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश करेंगे।