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आकर्षक बन रहे हैं आर्बिट्राज फंड

आर्बिट्राज फंड क्या हैं: जो लोग आर्बिट्राज शब्द से परिचित नहीं है, उन्हें लगेगा कि यह भी किसी तरह का इक्विटी फंड है। हालांकि यह सच नहीं है। इस फंड का मुख्य उद्देश्य नकद व वायदा बाजार में कीमतों के अंतर यानी आर्बिट्राज के मौकों का लाभ उठाकर मुनाफा कमाना। इस तरह के फंडों का बड़ा हिस्स्

By Edited By: Published: Mon, 15 Sep 2014 12:03 AM (IST)Updated: Mon, 15 Sep 2014 05:17 AM (IST)
आकर्षक बन रहे हैं आर्बिट्राज फंड

आर्बिट्राज फंड क्या हैं:

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जो लोग आर्बिट्राज शब्द से परिचित नहीं है, उन्हें लगेगा कि यह भी किसी तरह का इक्विटी फंड है। हालांकि यह सच नहीं है। इस फंड का मुख्य उद्देश्य नकद व वायदा बाजार में कीमतों के अंतर यानी आर्बिट्राज के मौकों का लाभ उठाकर मुनाफा कमाना। इस तरह के फंडों का बड़ा हिस्सा इक्विटी में निवेश किया जाता है। बाकी हिस्से से आर्बिट्राज के अवसरों में इस्तेमाल किया जाता है।

ये फंड कैसे काम करते हैं:

शेयर बाजार में आर्बिट्राज के अवसर हमेशा रहते हैं। आपको सिर्फ ऐसे मौके को पहचानना है। यदि किसी कंपनी के शेयर की कीमत नकद बाजार में 1,000 रुपये है। उसी का शेयर वायदा बाजार में 1,010 रुपये पर कारोबार कर रहा है। फंड मैनेजर के लिए यही वक्त है आर्बिट्राज के अवसर को भुनाने का। वह वायदा बाजार में शेयरों का एक लाट इस कीमत पर बेचने का सौदा करता है। साथ-साथ नकद बाजार से इतनी ही संख्या में शेयर वहां की कीमत पर खरीद लेता है। वह अपने सौदे निपटान यानी एक्सपायरी की तारीख तक बनाए रखता है। एक्सपायरी पर नकद और वायदा बाजार में उस कंपनी के शेयर कीमत बराबर आ जाती है। अब वह अपने सौदों की स्थिति पलट देता है। यानी नकद बाजार में शेयर बेच देगा और वायदा बाजार से खरीद लेगा।

कैसे हुआ मुनाफा:

किसी कंपनी का नकद बाजार से 1,000 रुपये की कीमत पर कुछ शेयर खरीदे। वायदा बाजार में उतनी ही मात्रा में उस कंपनी के शेयर 1,010 रुपये के हिसाब से बेच दिए। एक्सपायरी की तारीख पर अगर दोनों बाजारों में उक्त शेयर की कीमत 1,015 हो जाती है। इस लिहाज से नकद बाजार में इन शेयरों को बेचने से 15 रुपये का मुनाफा होगा, जबकि वायदा बाजार में उतने ही शेयर खरीदने पर पांच रुपये का नुकसान होगा। लेकिन अंतत: वह निवेशक 10 रुपये प्रति शेयर मुनाफा कमाने में कामयाब होगा।

क्यों फोकस में हैं ये फंड:

डेट फंडों के लिए टैक्स ढांचे में हाल में हुए बदलावों के बाद आर्बिट्राज फंडों में निवेशकों की रुचि बढ़ रही है। डेट फंडों में मुनाफे पर 15 फीसद टैक्स देना होगा, अगर लाभ तीन साल से पहले लिया जाए। फंड से तीन साल बाद राशि निकालने पर 20 फीसद की दर से लांग टर्म टैक्स देना होगा। इस लिहाज से आर्बिट्राज फंड ज्यादा आकर्षक हो गए हैं। इनमें एक साल से पहले लिए गए भुगतान पर 15 फीसद की दर से टैक्स देना होगा, जबकि एक साल बाद इस पर कोई टैक्स नहीं है।

आयुष भार्गव

सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर

पढ़ें: अंतरराष्ट्रीय फंड में निवेश के फायदे


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