5 इंश्योरेंस पॉलिसी जिन्हें आपको हर हाल में लेना ही चाहिए, जानिए इनके बारे में
मेडिकल एवं क्रिटिकल इंश्योरेंस दूसरा सबसे अहम इंश्योरेंस कवर है, जबकि बाकी सारे अन्य लोग इसे सबसे अहम मानते हैं
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। उम्र के अहम पड़ाव में इंश्योरेंस पॉलिसी ले लेना न सिर्फ लाभ दिलाने वाला है बल्कि यह आज के समय की आवश्यकता भी बन गया है। इसमें वित्तीय स्थायित्व, मेडिकल ट्रीटमेंट और अन्य चीजें शामिल होती हैं। यहां यह बात ध्यान देने योग्य है कि बाजार में तरह तरह की इंश्योरेंस पॉलिसियां उपलब्ध हैं और हर पॉलिसी के अपने अलग फायदे होते हैं। हम अपनी इस खबर के माध्यम से आपको उन पांच पॉलिसी के बारे में जानकारी दे रहे हैं जो आपको उम्र के अहम पड़ाव में हर हाल में ले लेनी चाहिए।
लाइफ इंश्योरेंस: लाइफ इंश्योरेंस पहला और बहुत अहम इंश्योरेंस कवर है जिसे आपको हर हाल में लेना ही चाहिए। आपकी आकस्मिक मृत्यु की स्थिति में यह आपके परिवार की आर्थिक मदद करने में बड़ी भूमिका निभाता है। अपने बुढ़ापे के लिए वित्तीय योजना बनाना काफी आसान है लेकिन आपकी अचानक मृत्यु से आपके परिवार पर आर्थिक चुनौतियों का पहाड़ टूट सकता है लिहाजा आपको इसकी भी प्लानिंग करनी चाहिए। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए आपको लाइफ इंश्योरेंस कवर लेना ही चाहिए।
जनरल इंश्योरेंस: यह सबसे ज्यादा प्रचलित इंश्योरेंस कवर माना जाता है। यह आपकी मृत्यु को छोड़कर आपके सभी नुकसान की भरपाई करता है। सामान्यता आपकी मृत्यु को छोड़कर बाकी सारी चीजें कवर करता है। इसमें आपकी हेल्थ, आपका घर, कार, बाइक, ट्रैवलिंग इत्यादि चीजें कवर की जाती हैं। इसलिए जनरल इंश्योरेंस मृत्यु के अलावा अन्य कारणों से आपको होने वाले हर नुकसान की भरपाई करता है।
मेडिकल एवं क्रिटिकल इंश्योरेंस: मेडिकल एवं क्रिटिकल इंश्योरेंस दूसरा सबसे अहम इंश्योरेंस कवर है, जबकि बाकी सारे अन्य लोग इसे सबसे अहम मानते हैं। क्योंकि प्राइवेट अस्पतालों में उच्च चिकित्सा खर्चों को ध्यान में रखते हुए यह जरूरी हो जाता है। परिवार से जुड़े चिकित्सा उपचार के मामले में, वित्तीय बोझ को स्थानांतरित करने के लिए एक आदर्श बीमा होना चाहिए। इससे आप अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई इलाज में खर्च करने से बच जाते हैं।
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस: बीमा नियामक इरडा ने सभी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों से कहा है कि वे पॉलिसी होल्डर्स को लॉन्ग टर्म थर्ड पार्टी बीमा दें। इसके तहत एक सितंबर से नए चार पहिया वाहनों का रजिस्ट्रेशन कराते समय तीन सालों के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लेना अनिवार्य हो गया है। जब आप किसी कार का इंश्योरेंस कराते हैं तो कार के मालिक को फर्स्ट पार्टी कहा जाता है। फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस, बीमा कराने वाले व्यक्ति को नुकसान होने की सूरत में लाभ दिलाता है। फिर चाहें चोट व्यक्ति को आई हो या फिर उस संपत्ति (कार) को नुकसान हुआ हुआ हो जिसका वो मालिकाना हक रखता हो। मोटर वाहन कानून के अंतर्गत थर्ड पार्टी बीमा का प्रावधान किया गया है। इसे थर्ड पार्टी लायबिलिटी कवर के नाम से भी जाना जाता है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि यह तीसरे पक्ष के बीमा से संबंधित है। जब वाहन से कोई दुर्घटना होती है तो कई बार इसमें बीमा कराने वाला व बीमा कंपनी के अलावा एक तीसरा पक्ष भी होता है, जो प्रभावित होता है। यह प्रावधान इस तीसरे पक्ष यानी थर्ड पार्टी के दायित्वों को पूरा करने को लेकर है।
होलेस्टिक या हाउसहोल्डर्स इंश्योरेंस: यह भी एक अहम इंश्योरंस कवर है जिसे भी आपको हर हाल में लेना चाहिए। होम इंश्योरेंस एक प्रभावी टूल होता है जो किसी भी संभावित आपदा से आपके घर को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है। अगर अर्थव्यवस्था के लिहाज से देखें तो आज के समय में लोग अपने लक्ष्यों (बुनियादी जरूरतों) को आसानी से और समय पूर्व प्राप्त कर रहे हैं। बीते कुछ दशकों में भवन निर्माण में भी तेजी आई है और लोग घरों (फ्लैट या मकान) की खरीद बहुत ही आसानी से कर पा रहे हैं लिहाजा इस तरह की संपत्ति की सुरक्षा भी काफी अहम हो जाती है। फाइनेंशियल प्लानर जितेंद्र सोलंकी ने बताया कि आज के समय में होम इंश्योरेंस पॉलिसी लेना घर के मालिकों के लिए काफी जरूरी होता है। आमतौर पर इस तरह की बीमा पॉलिसियों में दो श्रेणियों को कवर किया जाता है। पहला बिल्डिंग स्ट्रक्चर और दूसरा घर का कीमती सामान। यानी अगर किसी प्राकृतिक आपदा में आपके घर के स्ट्रक्चर को कोई नुकसान होता है तो उसमें आने वाले खर्चे (कंस्ट्रक्शन कॉस्ट) की अधिकांश भरपाई इंश्योरेंस कंपनी की ओर से की जाती है। वहीं अगर आपने अपने घर के कीमती सामान मसलन होम अप्लाइंस, पोर्टेबल इक्विपमेंट (सेलफोन, लेपटॉप और टीवी) को भी कवर करवा रखा है तो आगजनी, चोरी और सेंधमारी के बाद आपको ज्यादा वित्तीय नुकसान नहीं उठाना पड़ता है।