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आपके रसोई गैस सिलेंडर का होता है फ्री बीमा, दुर्घटना पर मिलता है लाखों का मुआवजा

गैस सिलेंडर पर मिलने वाले इंश्योरेंस का कवर 40 से 50 लाख तक होता है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Thu, 07 Jun 2018 03:09 PM (IST)Updated: Sat, 04 Aug 2018 11:35 AM (IST)
आपके रसोई गैस सिलेंडर का होता है फ्री बीमा, दुर्घटना पर मिलता है लाखों का मुआवजा
आपके रसोई गैस सिलेंडर का होता है फ्री बीमा, दुर्घटना पर मिलता है लाखों का मुआवजा

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। आमतौर पर आपने निजी बीमा, घर का बीमा, दुकान का बीमा या फिर फोन के बीमा (इंश्योरेंस) के बारे में सुना होगा। लेकन आपको शायद ही पता हो कि आपके घर में रखे सिलेंडर पर भी आपको बीमा की सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है। जानकारी न होने के अभाव में लोग इसका फायदा नहीं उठा पाते हैं। यह बीमा कवर मुफ्त में उपलब्ध होता है।

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गैस सिलेंडर पर मिलती है बीमा की सुविधा: गैस सिलेंडर पर मिलने वाले इंश्योरेंस का कवर 40 से 50 लाख तक होता है। सभी रजिस्टर्ड उपभोक्ताओं को पंजीकृत आवास पर गैस सिलेंडर के कारण दुर्घटना की सूरत में बीमा कवर की सुविधा दी जाती है। इसके कवर में परिवार के सभी सदस्य आते हैं। इसके अलावा, एलपीजी वितरकों को थर्ड पार्टी लायबिलिटी (देयता) इंश्योरेंस की सुविधा मिलती है। हादसे में मौत होने की सूरत में परिवार के लोग अदालत में मुआवजे के लिए क्लेम कर सकते हैं। अदातल पीड़ित की उम्र, सैलरी एवं अन्य परिस्थितियों के आधार पर ही मुआवजे की रकम तय करती है।

आपको क्या करना होगा: अगर आपके घर में गैस सिलेंडर के कारण कोई हादसा होता है तो आपको सबसे पहले इसकी सूचना स्थानीय पुलिस थाने में देनी होगी। आपको वितरकों को भी हादसे के पांच दिन के भीतर इसकी जानकारी देनी चाहिए। इसके बाद डिस्ट्रीब्यूटर (वितरक) ऑयल कंपनियों और इंश्योरर (बीमा प्रदाता) को इसकी जानकारी देते हैं। दुर्घटना में मृत्यु होने पर जरूरी प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने होते हैं। इसके बाद मामला क्षेत्रीय कार्यालय और फिर क्षेत्रीय कार्यालय बीमा कंपनी को सौंप दिया जाता है।

बीमा की रकम लेने के लिए पूरी करनी होती हैं ये शर्तें: शर्तों के तहत आपके घर में इस्तेमाल होने वाला गैस कनेक्शन वैध होना चाहिए। साथ ही आईएसआई मार्क वाले गैस चूल्हे का ही उपयोग होना चाहिए। गैस कनेक्शन में एजेंसी से मिली पाइप-रेग्युलेटर ही इस्तेमाल हो। गैस इस्तेमाल की जगह पर बिजली का खुला तार न हो। चूल्हे का स्थान, सिलेंडर रखने के स्थान से ऊंचा होना चाहिए।


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