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Health Insurance का चयन करते समय इन पांच बातों का जरूर रखें ध्यान, होगा फायदा

Health Insurance कई बीमा योजनाओं में अधिकतम पॉलिसी टर्म पर एक साथ प्रीमियम भरने पर डिस्काउंट की पेशकश की जाती है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Mon, 08 Jun 2020 04:30 PM (IST)Updated: Tue, 09 Jun 2020 07:39 AM (IST)
Health Insurance का चयन करते समय इन पांच बातों का जरूर रखें ध्यान, होगा फायदा
Health Insurance का चयन करते समय इन पांच बातों का जरूर रखें ध्यान, होगा फायदा

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। मौजूदा समय में स्वास्थ्य खर्च काफी बढ़ गया है। नई-नई बीमारियां और उनका महंगा ईलाज किसी को भी आर्थिक संकट की ओर ढकेल सकता है। ऐसे आकस्मिक खर्च से बचने के लिए ही स्वास्थ्य बीमा की जरूरत होती है। आमतौर पर वेतनभोगी कर्मचारियों को ऑफिस की ओर से मेडिक्लेम प्राप्त होता है, लेकिन रिटायरमेंट के बाद स्वास्थ्य बीमा जरूर करवा लेना चाहिए। कुछ ऐसी बातें हैं, जिन्हें स्वास्थ्य बीमा लेते समय हमेशा ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं कि वे क्या हैं।

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1. को-पेमेंट क्लॉज

को-पेमेंट वह भुगतान होता है, जिसे खुद पॉलिसीधारक को बीमित सेवाओं के लिए करना होता है। को-पेमेंट की राशि पहले से तय होती है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए उपबल्ध अधिकतर बीमा योजनाएं को-पेमेंट की शर्त के साथ ही होती है। ग्राहक को वह बीमा योजना चुननी चाहिए, जिसमें उसे कम से कम को-पमेंट देना पड़े। हालांकि, को-पमेंट की शर्त को हटाने का विकल्प भी ग्राहक चुन सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें अतिरिक्त प्रीमियम देना होगा।

2. वेटिंग पीरियड

कुछ कंपनियों की पॉलिसीज में बीमाधारक की मौजूदा बीमारी को कवर किया जाता है और कुछ में नहीं। इसलिए स्वास्थ्य बीमा लेने से पहले ग्राहक को यह चीज जरूर देख लेनी चाहिए। हमेशा उस बीमा योजना का चुनाव करना चाहिए, जो कम वेटिंग पीरियड में बीमाधारक की मौजूदा बीमारी को कवर करती हो।

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3. एकमुश्त प्रीमियम पर छूट

कई बीमा योजनाओं में अधिकतम पॉलिसी टर्म पर एक साथ प्रीमियम भरने पर डिस्काउंट की पेशकश की जाती है। पॉलिसी टर्म अधिकतम तीन साल का हो सकता है। ग्राहक एकमुश्त प्रीमियम जमा कर इस डिस्काउंट का फायदा उठा सकते हैं।

4. भुगतान की लिमिट

कई बीमा कंपनियों की पॉलिसीज में एक लिमिट के बाद कमरे या आईसीयू का भुगतान पॉलिसीधारक को करना पड़ता है। ग्राहक को ऐसी इंश्योरेंस पॉलिसीज चुननी चाहिए, जो अस्पताल में भर्ती होने क बाद का पूरा खर्च कवर करे।

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5. गंभीर बीमारियों में क्लेम की राशि

कई बीमा कंपनियों की पॉलिसीज में कुछ गंभीर बीमारियों पर क्लेम की राशि अपेक्षाकृत कम होती है। ग्राहक को बीमा लेने से पहले ही इसकी जानकारी ले लेनी चाहिए। ग्राहक को गंभीर बीमारी की कवर लिस्ट सहित सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ लेना चाहिए, ताकी बाद में क्लेम खारिज होने के हालात ना बनें।  


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