Move to Jagran APP

Health Insurance Policy खरीदते समय इन बातों का अवश्य रखें ध्यान, फायदे में रहेंगे आप

Health Insurance Policy ग्राहक को स्वास्थ्य बीमा लेने से पहले यह जान लेना चाहिए कि पॉलिसी में मौजूदा बीमारी कवर हो रही है या नहीं। कुछ कंपनियां तो अपनी पॉलिसीज में बीमाधारक की मौजूदा बीमारी को कवर करती है और कुछ नहीं करती।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Sun, 25 Apr 2021 02:56 PM (IST)Updated: Mon, 26 Apr 2021 08:12 AM (IST)
Health Insurance Policy खरीदते समय इन बातों का अवश्य रखें ध्यान, फायदे में रहेंगे आप
प्रतीकात्मक तस्वीर ( P C : Pixabay )

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। हम सब जानते हैं कि स्वास्थ्य खर्च तेजी से बढ़ रहा है। कोई भी गंभीर बिमारी व्यक्ति को आर्थिक संकट में ढ़केलने के लिए पर्याप्त होती है। इससे बचने के लिए स्वास्थ्य बीमा जरूरी है। बाजार में कई सारी कंपनियां विभिन्न प्रकार की स्वास्थ बीमा पॉलिसीज की पेशकश करती हैं, लेकिन स्वास्थ्य बीमा लेते समय ग्राहक को कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए। आइए जानते हैं कि ये बातें क्या हैं।

loksabha election banner

मौजूदा बीमारी कवर हो

ग्राहक को स्वास्थ्य बीमा लेने से पहले यह जान लेना चाहिए कि पॉलिसी में मौजूदा बीमारी कवर हो रही है या नहीं। कुछ कंपनियां तो अपनी पॉलिसीज में बीमाधारक की मौजूदा बीमारी को कवर करती है और कुछ नहीं करती। हमेशा उस बीमा योजना का चुनाव करना अच्छा होता है, जो ग्राहक की मौजूदा बीमारी को कवर करती हो और जिसमें कम वेटिंग पीरियड हो।

क्लेम की राशि

बीमा पॉलिसी में गंभीर बीमारी के लिए क्लेम की राशि अधिक होनी चाहिए। बाजार में उपलब्ध कई बीमा कंपनियों की पॉलिसीज में कुछ गंभीर बीमारियों पर क्लेम की राशि अपेक्षाकृत कम होती है। ग्राहक को बीमा पॉलिसी लेने से पहले इस बारे में पता कर लेना चाहिए। इसके लिए ग्राहक को गंभीर बीमारी की कवर लिस्ट सहित सभी दस्तावेजों को ध्यानपूर्वक पढ़ना चाहिए।

प्रीमियम पर छूट

बाजार में उपलब्ध कई बीमा पॉलिसीज में अधिकतम पॉलिसी टर्म पर एकमुश्त  प्रीमियम जमा कराने पर छूट दी जाती है। पॉलिसी टर्म अधिकतम तीन साल का हो सकता है। ग्राहक एक साथ प्रीमियम जमा कर इस छूट का लाभ ले सकते हैं।

भुगतान की सीमा

ग्राहक के लिए हमेशा ऐसी इंश्योरेंस पॉलिसीज चुनना बेहतर साबित होता है, जो अस्पताल में भर्ती होने के बाद का पूरा खर्च कवर करे। बाजार में उपलब्ध कई बीमा कंपनियों की पॉलिसीज में एक सीमा के बाद कमरे या आईसीयू का भुगतान पॉलिसीधारक को स्वयं ही करना पड़ता है। इसलिए पॉलिसी लेने से पहले ग्राहक को इस बारे में जान लेना चाहिए

को-पेमेंट क्लॉज

को-पेमेंट वह राशि होती है, जिसका भुगतान स्वयं पॉलिसीधारक को बीमित सेवाओं के लिए करना होता है। यह राशि पहले से तय होती है। सीनियर सिटीजंस के लिए बाजार में उपबल्ध अधिकांश बीमा पॉलिसीज को-पेमेंट की शर्त के साथ ही आती हैं। ऐसे में ग्राहक को वह बीमा पॉलिसी चुननी चाहिए, जिसमें उसे कम से कम को-पमेंट देना पड़े। इसके अलावा ग्राहक को-पमेंट की शर्त को हटाने का विकल्प भी चुन सकते हैं। इसके लिए ग्राहक को अतिरिक्त प्रीमियम देना होता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.