टैक्स बचाने के लिए खरीद रहे हैं बीमा पॉलिसी तो ध्यान रखें ये बड़ी बातें
टैक्स बचाने के लिए जीवन बीमा पॉलिसी की खरीद के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। चालू वित्त वर्ष 2017-18, 31 मार्च को खत्म होने जा रहा है। ऐसे में अगर आप आयकर की धारा 80 सी के तहत टैक्स बचाना चाहते हैं तो जीवन बीमा पॉलिसी खरीद सकते हैं। 80सी के तहत जीवन बीमा के लिए भुगतान किया जाने वाला सालाना प्रीमियम आपकी सैलरी में से माइनस कर दिया जाता है और इस तरह से आपकी टैक्स देनदारी कम हो जाती है। ऐसे में जीवन बीमा खरीदने से पहले कुछ बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। हम अपनी इस खबर में आपको ऐसी पांच बातें बताएंगे जिन्हें इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते वक्त ध्यान में रखने से आपका फायदा हो सकता है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट-
फाइनेंशियल प्लानर जितेंद्र सोलंकी बताते हैं कि आपको लंबी अवधि के लिए ही इंश्योरेंस पॉलिसी लेनी चाहिए। आम तौर पर लोग 3 से 5 साल के लिए ही इंश्योरेंस पॉलिसी ले लेते हैं और फिर इससे पैसा निकाल लेते हैं, ऐसा नहीं करना चाहिए। दूसरी बात इंश्योरेंस प्लान और इन्वेस्टमेंट को अलग अलग रखना चाहिए, इसको एक नहीं मानना चाहिए। अगर आप लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी ले रहे हैं तो ध्यान रखें कि वह आपके परिवार की मदद करने वाली हो। साथ ही आपको टैक्स स्लैब का ख्याल रखना चाहिए ताकि आप अपनी पॉलिसी का सही फायदा उठा पाएंगे। इसके अवाला सबसे अहम बात यह है कि आपको एक वित्त वर्ष के आखिरी तीन महीनों में लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने से बचना चाहिए।
जानिए पॉलिसी खरीदते समय किन बातों का रखें ख्याल-
क्या पॉलिसी आपकी उम्मीदों के मुताबिक है:
पॉलिसी लेते वक्त आपको इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि आप जो इंश्योरेंस पॉलिसी लेने जा रहे हैं क्या वो आपकी उम्मीदों के मुताबिक है। जैसा कि बाजार में तरह तरह के इंश्योरेंस प्लान उपलब्ध होते हैं लिहाजा इनमें से किसी एक का चुनाव करना थोड़ा मुश्किल होता है। जैसे कि आप टर्म प्लान चाहते हो लेकिन आपको यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान मिल जाता है। आप चाइल्ड इंश्योरेंस प्लान चाहते हो लेकिन आपको रिटायरमेंट प्लान दे दिया जाता है। ऐसे में बेहतर होगा कि आप यह पहले ही सुनिश्चित कर लें कि आपकी पॉलिसी आपको वही फायदे देगी जो आप चाहते हैं।
निजी जानकारी और नॉमिनी की डिटेल सही सही भरें
अगर आप अपनी निजी जानकारी और नॉमिनी की डिटेल सही सही भरते हैं तो क्लेम की प्रक्रिया में काफी आसानी रहती है। ऐसा न होने की सूरत में आपको काफी परेशानी उठानी पड़ सकती है। जरा कल्पना करें कि आपके न रहने की सूरत में आपकी किसी एक गलती (गलत जानकारी भरना) का खामियाजा आपके परिवार या नॉमिनी को किस तरह से उठाना होगा। इसलिए हमेशा ध्यान रखें कि आप जो भी डिटेल दे रहे हैं वो पूरी तरह से दुरूस्त हो।
अपने नॉमिनी को दें जानकारी
सिर्फ इंश्योरेंस पॉलिसी लेना ही काफी नहीं होता है, अगर हमने किसी पॉलिसी के लिए फॉर्म भरा है और उसमें किसी को अपना नॉमिनी बनाया है तो आपको उस व्यक्ति को इसकी जानकारी देनी चाहिए। ताकि आपकी मृत्यु हो जाने के बाद आपका नॉमिनी इसका लाभ ले सके। साथ ही पॉलिसी से जुड़े सभी दस्तावेज एक सेफ जगह रखने चाहिए और इसकी जानकारी भी नॉमिनी को देनी चाहिए, क्योंकि इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर आपका नॉमिनी इसका फायदा उठा पाएगा।
कहां से खरीदें पॉलिसी
ऑनलाइन इंश्योरेंस पॉलिसी ऑनलाइन ब्रोकर या फिर सीधे इंश्योरेंस कंपनी से खरीदी जा सकती है। यदि पॉलिसी खरीदते समय किसी भी असमंजस में है तो वेबसाइट पर तुलना जरूर कर लें। ऐसा करने से आप कई विकल्पों में चुनाव कर सकते हैं। लेकिन इसका एक नुकसान भी होता है। आपको बता दें कि वेबसाइट्स को आपकी निजी जानकारी तक का एक्सेस मिल जाता है। यदि कोई इंश्योरेंस कंपनी आपको किसी भी तरह की छूट ऑफर कर रहा है तो ध्यान रखें कि वह इसके बदले में आपको कम फीचर्स की पेशकश करेगा।
कीमतों के साथ सर्विसेस पर भी दें ध्यान
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर एक ही जगह कई प्रोडक्ट्स की तुलना करने की सुविधा मिल जाती है। कीमतों में तुलना जरूर करें, लेकिन खरीदारी के समय कंपनी की ओर से दी जाने वाली सर्विसेज पर भी विशेष ध्यान दें। हेल्थ पॉलिसी का चयन करते समय नेटवर्क अस्पताल और क्लेम रिस्पॉन्स पर भी ध्यान देना चाहिए। कभी सस्ती पॉलिसी के लालच में न पड़े। उदाहरण के तौर पर अगर कंपनी महज 50 फीसदी क्लेम ही सेटल कर पाती है तो उसका चयन करना नासमझी है।
खरीदने से पहले कीमतों में तुलना जरूर करें
अगर गौर से देखा जाए तो एग्रीगेटर की वेबसाइट और ऑनलाइन इंश्योरेंस ब्रोकर की वेबसाइट पर इंश्योरेंस कंपनी की ओर से ऑफर की जाने वाली कीमतें एक जैसी ही होती हैं। आप चाहे एग्रीगेटर से खरीदें, ऑनलाइन खरीदें या फिर ऑनलाइन ब्रोकर से खरीदें प्रीमियम भुगतान केवल इंश्योरर वेबसाइट पर ही होता है। ऐसा ट्रांजेक्शन की सुरक्षा के मद्देनजर किया जाता है।