नए साल में हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेते समय रखें इन बातों का खास ध्यान, आपके लिए बेहद कारगर हैं यह टिप्स
कोरोना की दूसरी लहर ने एक बार फिर हेल्थ इंश्योरेंस लेने की जरूरतों को मजबूती से साबित कर दिया। एक अच्छा हेल्थ इंश्योरेंस अचानक से आने वाले स्वास्थ्य संबंधित खर्चों को झेलने में हमारी सहायता करता है। आपको हेल्थ इंश्योरेंस लेते वक्त कुछ बातों का ध्यान रखना भी जरूरी है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। पिछला साल और यह हर किसी के लिए काफी उतार चढ़ाव भरा रहा, फिर चाहे वह स्वास्थ्य के नजरिए से हो या आर्थिक नजरिए से। इस साल कोरोना महामारी दूसरी लहर के चलते लोगों को स्वास्थ्य और आर्थिक दोनों ही मोर्चों पर काफी ज्यादा नुकसान झेलना पड़ा। लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने एक बार फिर हेल्थ इंश्योरेंस लेने की जरूरतों को मजबूती से साबित कर दिया। एक अच्छा हेल्थ इंश्योरेंस अचानक से आने वाले स्वास्थ्य संबंधित खर्चों को झेलने में हमारी सहायता करता है। अगर आपने अभी तक हेल्थ इंश्योरेंस नहीं लिया है तो, आने वाले नए साल में आपका सबसे पहला संकल्प हेल्थ इंश्योरेंस लेने का होना चाहिए। इसके साथ ही आपको हेल्थ इंश्योरेंस लेते वक्त कुछ अहम बातों का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं।
मौजूदा बीमारी का कवर
ग्राहक को स्वास्थ्य बीमा लेने से पहले यह जान लेना चाहिए कि पॉलिसी में मौजूदा बीमारी कवर हो रही है या नहीं। कुछ कंपनियां तो अपनी पॉलिसीज में बीमाधारक की मौजूदा बीमारी को कवर करती है और कुछ नहीं करती। हमेशा उस बीमा योजना का चुनाव करना अच्छा होता है, जो ग्राहक की मौजूदा बीमारी को कवर करती हो और जिसमें कम वेटिंग पीरियड हो। कोविड के खतरों को देखते हुए आपको इससे संबंधित कवर को देखना भी जरूरी है।
क्लेम की रकम
इंश्योरेंस पॉलिसी में गंभीर बीमारी के लिए क्लेम की राशि ज्यादा होनी चाहिए। बाजार में उपलब्ध कई बीमा कंपनियों की पॉलिसीज में कुछ गंभीर बीमारियों पर क्लेम की राशि अपेक्षाकृत कम होती है। ग्राहक को बीमा पॉलिसी लेने से पहले इस बारे में पता कर लेना चाहिए। इसके लिए ग्राहक को गंभीर बीमारी की कवर लिस्ट सहित सभी दस्तावेजों को ध्यानपूर्वक पढ़ना चाहिए।
को-पेमेंट
को-पेमेंट वह रकम होती है, जिसका पेमेंट स्वयं पॉलिसीधारक को बीमित सेवाओं के लिए करना होता है। यह रकम पहले से तय होती है। सीनियर सिटीजंस के लिए बाजार में उपबल्ध ज्यदातर इंश्योरंस पॉलिसीज को-पेमेंट की शर्त के साथ ही आती हैं। ऐसे में ग्राहक को वह इंश्योरेंस पॉलिसी चुननी चाहिए, जिसमें उसे कम से कम को-पमेंट देना पड़े। इसके अलावा ग्राहक को-पमेंट की शर्त को हटाने का विकल्प भी चुन सकते हैं। इसके लिए ग्राहक को अतिरिक्त प्रीमियम देना होता है।
पॉलिसी नेटवर्क
हेल्थ पॉलिसी डॉक्यूमेंट में अस्पतालों के पास उनके कोऑडिनेटर्स की एक सूची होती है। पॉलिसीधारक को इस सूची को बेहद गौर से पढ़ना चाहिए। साथ ही यह देखना चाहिए कि आपके घर के आसपास कौन कौन से हॉस्पिटल हैं। अगर आप ऐसे किसी हॉस्पिटल में एडमिट होते हों जो कि लिस्ट में नहीं है तो मरीज को कैशलैस ट्रीटमेंट नहीं मिलेगा। हॉस्पिटल का कुल बिल मरीज को खुद भरना होगा। उसके बाद उसे यह रकम रींबर्स की जाएगी।