बीमाधारकों की सुविधा के लिए बदले नियम, बीमा लोकपाल का नया नियम जारी, ऑनलाइन होगी शिकायत
सरकार की तरफ से यह पहल बीमा लेने वाले पॉलिसीधारकों के साथ होने वाली धोखाधड़ी और उन्हें समय पर सेवा मिलने में होने वाली दिक्कतों को देखते हुए किया गया है। कई बार पॉलिसीधारक के पास बीमा होने के बावजूद उन्हें पॉलिसी का लाभ नहीं मिल पाता है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। पॉलिसीधारक बीमा सेवा में किसी भी प्रकार की खामी को लेकर अब इलेक्ट्रॉनिक तरीके से अपनी शिकायत कर सकेंगे। एक निश्चित समय में उनकी शिकायतों का निष्पक्ष तरीके से निपटान किया जाएगा। पॉलिसीधारक ऑनलाइन तरीके से अपनी शिकायत की स्थिति भी जान सकेंगे। वित्त मंत्रालय ने बीमा पॉलिसीधारकों की सुविधा के लिए बीमा लोकपाल (संशोधन) नियम 2021 अधिसूचित कर दिया है।
संशोधित नियम में लोकपाल के दायरे को बढ़ा दिया गया है। पहले बीमा कर्मचारियों, एजेंटों, ब्रोकरों और अन्य बिचौलियों के साथ किसी प्रकार के विवाद की ही शिकायत ही की जा सकती थी। अब शिकायत प्रकोष्ठ (ओंबुड्समैन) में बीमा कर्मचारी, एजेंट, ब्रोकर व अन्य बिचौलियों की सेवा में खामियों की भी शिकायतें की जा सकेंगी। इसके अलावा बीमा ब्रोकरों को भी लोकपाल तंत्र के दायरे में लाया गया है और बीमा ब्रोकरों के खिलाफ अवार्ड पारित करने के लिए लोकपालों को सशक्त बनाया गया है।
संशोधित नियमों के तहत अब पॉलिसीधारक लोकपाल को अपनी शिकायतें इलेक्ट्रॉनिक रूप से करने में सक्षम हो जाएंगे और शिकायत प्रबंधन प्रणाली का निर्माण किया जाएगा ताकि पॉलिसीधारक अपनी शिकायतों की स्थिति का ऑनलाइन पता लगा सके। इसके अलावा, लोकपाल सुनवाई के लिए वीडियो-कांफ्रें¨सग का भी उपयोग कर सकते हैं। लोकपाल चयन प्रक्रिया की स्वतंत्रता और अखंडता को सुनिश्चित करने के लिए कई संशोधन किए गए हैं।
लोकपाल के रूप में नियुक्त व्यक्तियों की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा उपायों का भी सृजन किया गया है। इसके अलावा, चयन समिति में अब बीमा क्षेत्र में उपभोक्ता अधिकारों को बढ़ावा देने या उपभोक्ता संरक्षण के मामलों को आगे बढ़ाने में ट्रैक रिकॉर्ड वाले व्यक्तियों को शामिल किया जाएगा। लोकपाल तंत्र को बीमा कंपनियों की कार्यकारी परिषद द्वारा मैनेज किया किया गया था, जिसका नाम बदलकर बीमा लोकपाल परिषद कर दिया गया है।
सरकार की तरफ से यह पहल बीमा लेने वाले पॉलिसीधारकों के साथ होने वाली धोखाधड़ी और उन्हें समय पर सेवा मिलने में होने वाली दिक्कतों को देखते हुए किया गया है। कई बार पॉलिसीधारक के पास बीमा होने के बावजूद उन्हें पॉलिसी का लाभ नहीं मिल पाता है।