Move to Jagran APP

Life Insurance Claim करने का ये है तरीका, अपने परिवार को जरूर दें यह जानकारी

अपना काम सिर्फ लाइफ इंश्‍योरेंस पॉलिसी खरीदने तक ही सीमित नहीं होना चाहिए। जीवन बीमा से जुड़ी जानकारियां आपको अपने परिवार के साथ साझा जरूर करनी चाहिए।

By Manish MishraEdited By: Published: Fri, 12 Jul 2019 01:06 PM (IST)Updated: Tue, 13 Aug 2019 08:50 AM (IST)
Life Insurance Claim करने का ये है तरीका, अपने परिवार को जरूर दें यह जानकारी
Life Insurance Claim करने का ये है तरीका, अपने परिवार को जरूर दें यह जानकारी

नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। हमारे लाइफ इंश्‍योरेंस लेने का मुख्‍य उद्देश्‍य होता है कि हम अपने परिवार को आर्थिक सुरक्षा दे सकें। वास्‍तव में, लाइफ इंश्‍योरेंस किसी व्‍यक्ति के न रहने की दशा में उसके परिवार को आर्थिक कमी का एहसास नहीं होने देता है, यदि लाइफ इंश्‍योरेंस कवर पर्याप्‍त हो। जीवन की अनिश्चितता को देखते हुए आज के दौर में पर्याप्‍त जीवन बीमा लेना जरूरी है। हालांकि, अपना काम सिर्फ लाइफ इंश्‍योरेंस पॉलिसी खरीदने तक ही सीमित नहीं होना चाहिए। जीवन बीमा से जुड़ी जानकारियां आपको अपने परिवार के साथ साझा जरूर करनी चाहिए। 

loksabha election banner

इसके अलावा, उन्‍हें यह भी बताना चाहिए कि लाइफ इंश्‍योरेंस का क्‍लेम कैसे किया जाता है ताकि परिवार को परेशानियों का सामना न करना पड़े। अगर आपने भी लाइफ इंश्‍योरेंस पॉलिसी ली हुई है तो आज हम बताएंगे कि इसके क्‍लेम की क्‍या प्रक्रिया है और इसके लिए किन-किन दस्‍तावेजों की जरूरत होती है। 

लाइफ इंश्‍योरेंस क्‍लेम का प्रोसेस

अगर पॉलिसीधारक की मृत्‍यु हो जाती है तो उनके परिवार के सदस्‍यों को इंश्‍योरेंस पॉलिसी को बीमित व्‍यक्ति का नाम, लाइफ इंश्‍योरेंस पॉलिसी नंबर, मृत्‍यु की तारीख, मृत्‍यु का स्‍थान और उसकी वजह आदि जैसी जानकारियां जितनी जल्‍दी हो सके उपलब्‍ध करा देनी चाहिए। इसके लिए लाइफ इंश्‍योरेंस कंपनी के नजदीकी दफ्तर को उपरोक्‍त जानकारियों के साथ सूचित किया जाना चाहिए। इसका फॉर्म आपको इंश्‍योरेंस कंपनी की आधिाकारिक वेबसाइट या फिर नजदीकी कार्यालय से मिल जाएगा। 

लाइफ इंश्‍योरेंस क्‍लेम में इन दस्‍तावेजों की होगी जरूरत

क्‍लेम फॉर्म के साथ ही आपको पॉलिसीधारक का डेथ सर्टिफिकेट, उसके उम्र का प्रमाणपत्र, लाइफ इंश्‍योरेंस पॉलिसी डॉक्‍यूमेंट, डीड्स ऑफ असाइनमेंट जैसे दस्‍तावेज जमा करवाने होंगे। यदि किसी पॉलिसीधारक की मौत, लाइफ इंश्योरेंस खरीदने के तीन साल के भीतर हो जाती है तो आपको कुछ अतिरिक्त दस्तावेज भी देने पड़ सकते हैं जैसे - हॉस्पिटल  का प्रमाणपत्र यदि मृत व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती किया गया था, घटना के दौरान उपस्थित व्यक्ति से दाह-संस्कार या दफन का प्रमाणपत्र, नियोक्ता का प्रमाणपत्र यदि मृत व्यक्ति नौकरी करता था, बीमारी के विवरणों का उल्लेख करते हुए एक मेडिकल अटेंडेंट का प्रमाणपत्र भी देना पड़ सकता है  

क्‍लेम करने के 30 दिनों के भीतर मिलेंगे पैसे 

बीमा नियामक IRDAI के नियमों के अनुसार, किसी भी जीवन बीमा कंपनी को बीमे की रकम क्लेम करने के 30 दिन के भीतर जारी करनी होगी। अगर, इंश्योरेंस कंपनी को अतिरिक्त जांच करने की जरूरत नजर आती है तो भुगतान करने की प्रक्रिया, क्लेम प्राप्त होने के बाद 6 महीने के भीतर पूरी हो जानी चाहिए।

मैच्योरिटी क्लेम का ये है प्रोसेस

अगर आपने ULIP, एंडोमेंट या मनी बैक जैसी पॉलिसी ली हुई है तो मैच्‍योरिटी पर आपको पैसे मिलते हैं। प्‍योर टर्म इंश्‍योरेंस में मैच्‍योरिटी पर कोई पैसा नहीं मिलता। हां, अगर आपने टर्म इंश्‍योरेंस के अलावा कोई पॉलिसी ली हुई है तो मैच्‍योरिटी की तारीख से लगभग 30 दिन पहले इंश्‍योरेंस कंपनी आपको एक पॉलिसी डिस्‍चार्ज फॉर्म भेजेगी। इस फॉर्म में मांगी गई सारी जानकारियां दें और जब इसे जमा करवाने जाएं तो यह जांच लें कि इसके साथ वे सभी दस्‍तावेज संलग्‍न हैं जिनकी मांग की गई थी। आम तौर पर ऐसे दस्‍तावेजों में - पॉलिसी डॉक्‍यूमेंट, आइडेंटिटी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ और बैंक की डिटेल आदि शामिल होते हैं। 

वेरिफिकेशन

जब आप सारे दस्तावेज जमा करवा देते हैं तो इंश्योरेंस कंपनी दी गई जानकारियों को वेरिफाइ करती हैं। सभी दस्तावेज सही पाए जाने पर, मैच्योरिटी लाभ की रकम का भुगतान कर दिया जाता है।

अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.