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LIC Embedded Value : 15 जुलाई तक एलआईसी कर सकती है खुलासा, जानिए कितनी है कंपनी की पूंजी

LIC ने कहा है कि वह अपने एंबेडेड वैल्यू का निर्धारण जल्द से जल्द करने की कोशिश कर रही है। वैल्यूएशन हो जाने के बाद इसको मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा जाएगा और इसके बाद सार्वजनिक कर दिया जाएगा।

By Siddharth PriyadarshiEdited By: Published: Thu, 30 Jun 2022 12:34 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jun 2022 12:34 PM (IST)
LIC Embedded Value : 15 जुलाई तक एलआईसी कर सकती है खुलासा, जानिए कितनी है कंपनी की पूंजी
LIC Embedded Value to be disclosed till 15th July

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (Life Insurance Corporation) ने बुधवार को कहा कि वह मार्च 2022 तक की अपनी एंबेडेड वैल्यू (Embedded Value) का आकलन कर रही है और इसके 15 जुलाई तक पूरा होने की उम्मीद है। एलआईसी ने एक बयान में कहा है कि एंबेडेड वैल्यू का निर्धारण हो जाने पर आवश्यक मंजूरी के बाद इसको सार्वजनिक कर दिया जाएगा।

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क्या है एंबेडेड वैल्यू

एम्बेडेड वैल्यू, किसी भी बीमा कंपनी की वैल्यू आंकने का पैमाना होता है। यह जीवन बीमा कारोबार में शेयरधारकों के शेयर वैल्यू को जानने का जरिया भी है। यह बीमा व्यवसाय में कुल जोखिम के लिए सुरक्षित रखे गए फंड के अलावा आवंटित संपत्ति से होने वाली आय में शेयरधारकों के हितों का प्रतिनिधित्व करता है। बता दें कि अंतरराष्ट्रीय फर्म मिलिमन एडवाइजर्स द्वारा 30 सितंबर, 2021 को एलआईसी (LIC) का एंबेडेड मूल्य लगभग ₹ 5.4 लाख करोड़ आंका गया था। कंपनी की वैल्यूएशन के लिए एंबेडेड वैल्यू जरूरी है।

कब आएंगे एलआईसी के 'अच्छे दिन'

पिछले महीने एलआईसी के सबसे बड़े आईपीओ (LIC IPO) के माध्यम से सरकार ने इस बीमा कंपनी में अपनी 3.5 प्रतिशत हिस्सेदारी को काम करके लगभग 20,500 करोड़ रुपये जुटाए। लिस्टिंग के बाद स्टैंडअलोन आधार पर मार्च 2022 को समाप्त तिमाही में एलआईसी के शुद्ध लाभ में 18 फीसद की गिरावट हुई और यह 2,371.55 करोड़ रुपये रह गया, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 2,893.48 करोड़ रुपये था।

बड़े पैमाने पर देखें तो मार्च 2022 को समाप्त चौथी तिमाही में कर के बाद होने वाला मुनाफा 17 प्रतिशत घटकर 2,409 करोड़ रुपये रह गया, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 2,917 रुपये करोड़ था। सरकार के लिए एलआईसी का आईपीओ काफी अहम माना जा रहा था, क्योंकि इसके जरिए उसको अपने विनिवेश लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलती। राजकोषीय घाटे को काबू में रखने के लिए यह कदम बहुत महत्वपूर्ण था।


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