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एक सितंबर से देश में लागू होगा यह नियम, जान लें क्या होता है फर्स्ट, सेकेंड एंड थर्ड पार्टी इंश्योरेंस

मोटर वाहन कानून के अंतर्गत थर्ड पार्टी बीमा का प्रावधान किया गया है। इसे थर्ड पार्टी लायबिलिटी कवर के नाम से भी जाना जाता है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Thu, 30 Aug 2018 02:38 PM (IST)Updated: Sun, 16 Sep 2018 09:43 PM (IST)
एक सितंबर से देश में लागू होगा यह नियम, जान लें क्या होता है फर्स्ट, सेकेंड एंड थर्ड पार्टी इंश्योरेंस
एक सितंबर से देश में लागू होगा यह नियम, जान लें क्या होता है फर्स्ट, सेकेंड एंड थर्ड पार्टी इंश्योरेंस

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। इंश्योरेंस कंपनियां आपकी जेब में रखे मोबाइल और पर्स से लेकर कार तक का इंश्योरेंस करवाने की सुविधा देती हैं। वर्तमान समय में कार इंश्योरेंस काफी ज्यादा चर्चा में है, क्योंकि बीमा नियामक इरडा ने सभी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों से कहा है कि वे पॉलिसी होल्डर्स को लॉन्ग टर्म थर्ड पार्टी बीमा दें। इसके तहत एक सितंबर से नए चार पहिया वाहनों का रजिस्ट्रेशन कराते समय तीन सालों के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लेना अनिवार्य होगा।

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थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के बारे में आपने कई बार सुना होगा, लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि आखिर ये फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस, सेकेंड पार्टी इंश्योरेंस और थर्ड पार्टी इंश्योरेंस होते क्या हैं? अगर नहीं तो हमारी यह खबर आपके काम की है। हम इस खबर में आपको इसके बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं।

फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस: जब आप किसी कार का इंश्योरेंस कराते हैं तो कार के मालिक को फर्स्ट पार्टी कहा जाता है। फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस, बीमा कराने वाले व्यक्ति को नुकसान होने की सूरत में लाभ दिलाता है। फिर चाहें चोट व्यक्ति को आई हो या फिर उस संपत्ति (कार) को नुकसान हुआ हुआ हो जिसका वो मालिकाना हक रखता हो।

सेकेंड पार्टी इंश्योरेंस:  कार का इंश्योरेंस करने वाली कंपनियों को सेकेंड पार्टी कहा जाता है।

थर्ड पार्टी इंश्योरेंस: मोटर वाहन कानून के अंतर्गत थर्ड पार्टी बीमा का प्रावधान किया गया है। इसे थर्ड पार्टी लायबिलिटी कवर के नाम से भी जाना जाता है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि यह तीसरे पक्ष के बीमा से संबंधित है। जब वाहन से कोई दुर्घटना होती है तो कई बार इसमें बीमा कराने वाला व बीमा कंपनी के अलावा एक तीसरा पक्ष भी होता है, जो प्रभावित होता है। यह प्रावधान इस तीसरे पक्ष यानी थर्ड पार्टी के दायित्वों को पूरा करने को लेकर है। यह पॉलिसी बीमा कराने वाले को नहीं, बल्कि जो तीसरा पक्ष प्रभावित होता है, उसे कवरेज देती है। दुर्घटना में तीसरे पक्ष की मृत्यु होने या उसके घायल होने की स्थिति में मुआवजा देने का प्रावधान किया गया है। इसे कानूनी तौर पर अनिवार्य बना दिया गया है।

थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की प्रमुख बातें:

  • मोटर व्हीकल्स एक्ट के तहत सभी मोटर वाहनों के लिए थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस या थर्ड पार्टी बीमा कवर लेना जरूरी है।
  • यह बीमा पॉलिसी आपके वाहन से दूसरे लोग और उनकी संपत्ति को हुए नुकसान को कवर करती है।
  • हादसा होने की सूरत में अगर आपके वाहन को नुकसान भी होता है तो भी आपको पॉलिसी का फायदा नहीं मिलेगा, यानी आपको चोट आने की स्थिति पर भी किसी तरह का कवर नहीं मिलता है।
  • वहीं नशे में ड्राइविंग, बिना लाइसेंस के ड्राइविंग, जानबूझकर दुर्घटना करने जैसी स्थितियों में क्लेम वैध नहीं माना जाता है।

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