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जानिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का क्लेम रिजेक्ट होने की बड़ी वजह

इंश्योरेंस पॉलिसी लेते वक्त आपको इंश्योरर से कोई भी जानकारी छुपानी नहीं चाहिए

By Praveen DwivediEdited By: Published: Wed, 25 Oct 2017 05:33 PM (IST)Updated: Wed, 25 Oct 2017 05:36 PM (IST)
जानिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का क्लेम रिजेक्ट होने की बड़ी वजह
जानिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का क्लेम रिजेक्ट होने की बड़ी वजह

नई दिल्ली (जेएनएन)। बीमारी की वजह से अचानक आ जाने वाले बड़े खर्चे से बचने के लिए लोग हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेते हैं। लेकिन कई बार ऐन वक्त पर पॉलिसीधारक का क्लेम रिजेक्ट हो जाता है, जिसके बाद उनको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। एक्सपर्ट मानते हैं कि इंश्योरेंस क्लेम रिजेक्ट होने की वजहें ज्यादातर पॉलिसी लेते समय दी गई जानकारी का गलत होना होता है। ऐसे में यह ध्यान रहे कि कोई भी इंश्योरेंस पॉलिसी लेते समय इंश्योरर को सही जानकारी दें। अपने इस वीडियो में हम आपको बता रहे हैं कि किन हालातों में अक्सर आपकी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का क्लेम रिजेक्ट हो जाता है।

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क्या कहते हैं एक्सपर्ट: ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के सीईओ पंकज मठपाल ने बताया कि HIV+ को छोड़कर अन्य सभी बीमारियां अधिकांश इंश्योरेंस कंपनियां कवर करती हैं। उन्होंने बताया कि अगर आपको हृदय संबंधी या फिर मोतियाबिंद जैसी बीमारी है तो इसे आपको छिपाना नहीं चाहिए, क्योंकि ये कुछ ऐसी बीमारियां हैं जो एक दिन या अचानक से नहीं होती हैं। ऐसे में इन्हें छिपाना आपको लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। मठपाल ने बताया कि अगर पॉलिसी लिए जाने के 30 दिन के भीतर आपको कोई बीमारी होती है तो कंपनी आपको इस पर क्लेम नहीं देती। इंश्योरेंस की भाषा में इस अवधि को वेटिंग पीरियड कहा जाता है। वहीं एक्सीडेंट या दुर्घटना होने की स्थिति में इस तरह की कोई शर्त नहीं होती है। यानी अगर पॉलिसी लेने से दो से तीन दिन के भीतर आप किसी दुर्घटना का शिकार होते हैं तो आप उसके लिए क्लेम कर सकते हैं।

इन वजहों से खारिज हो जाता है आपका इंश्योरेंस क्लेम:

अगर आपने पॉलिसी लेते वक्त इंश्योरर को सारी जानकारी सही दी है तो आपको क्लेम लेने में कोई दिक्कत नहीं होगी। बीमा कंपनी पॉलिसी देने से पहले कंपनी आपका मेडिकल चेकअप करती है। अगर इस दौरान जांच में कोई बीमारी सामने आती है तो कंपनी या तो आपका प्रीमियम बढ़ा सकती है या फिर आपको पॉलिसी देने से इनकार कर सकती है। कई बार इंश्योरेंस का प्रीमियम कम रखने के चक्कर में पॉलिसी धारक कुछ अहम जानकारियों को छुपा लेते हैं, जिससे बाद में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

मृत्यु हो जाने पर नहीं मिलते बेनेफिट: पॉलिसी लेने के दौरान पॉलिसीधारक अपनी किसी गंभीर बीमारी को छुपा लेता है और उसी के कारण उसकी मौत हो जाती है तो यह भी आपके क्लेम खारिज होने की वजह बन सकता है। क्योंकि इंश्योरेंस कंपनी यह पता लगाने की कोशिश जरूर करती हैं कि आपकी मौत किस वजह से हुई और उसकी जानकारी आपने फॉर्म में दी थी या नहीं। तो ध्यान रखें हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेते अपने बारे में सभी जानकारी सही दर्ज कराएं।


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