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खरीद ली गलत पॉलिसी या हो गए मिस-सैलिंग का शिकार, तो इस तरह बचें

अगर आप किसी गलत पॉलिसी के चक्कर में पड़ गए हैं तो इस स्थिति में फ्री लुक पीरियड आपकी निश्चित तौर पर मदद कर सकता है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Wed, 22 Nov 2017 06:56 PM (IST)Updated: Sun, 26 Nov 2017 06:10 PM (IST)
खरीद ली गलत पॉलिसी या हो गए मिस-सैलिंग का शिकार, तो इस तरह बचें
खरीद ली गलत पॉलिसी या हो गए मिस-सैलिंग का शिकार, तो इस तरह बचें

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। समय के साथ-साथ देश में इंश्योरेंस सेक्टर का दायरा बढ़ता जा रहा है। ऐसे में गलत पॉलिसी बेचने या खरीदने की घटनाएं भी तेजी से बढ़ रही हैं। अधिकांश बार इंश्योरेंस एजेंट या एडवाइजर ज्यादा कमीशन कमाने के चलते ग्राहकों को गलत पॉलिसी बेच देते हैं। ऐसे में लोगों के लिए किसी भी बीमा पॉलिसी की खरीद से पहले दो चीजों पर गौर करना जरूरी हो जाता है।

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  • क्या वास्तव में यह आपके लिए जरूरी है?
  • कहीं एजेंट ने कमीशन के चक्कर में तो आपको गलत पॉलिसी नहीं बेच दी है?

हाल ही में उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स ने ऐसी कंपनी का पता लगाया है जो कई वर्षों से दर्जनों भर एजेंट्स के जरिए देशभर में हजारों लोगों को नकली पॉलिसी बेच रही थी। लखनऊ की यह कंपनी ऑनलाइन नकली पॉलिसी बेच रही थी जो कि देखने में किसी भी सामान्य बीमा कंपनी की पॉलिसी जैसी ही लगती थी। पुलिस ने पता लगाया है कि आई मैक्स नाम की इस कंपनी का संचालन जितेंद्र प्रताप सिंह कर रहा था। जितेंद्र अब तक इसके जरिए करोड़ों रुपये कमा चुका है। पॉलिसी एजेंट्स का इस पर कहना है कि उन्हें पता ही नहीं था कि वे नकली पॉलिसी बेच रहे हैं।

अगर आप ऐसे ही किसी गलत पॉलिसी के चक्कर में पड़ गए हैं तो इस स्थिति में फ्री लुक पीरियड आपकी निश्चित तौर पर मदद कर सकता है।

क्या कहना है एक्सपर्ट का:

फाइनेंशियल प्लानर जितेंद्र सोलंकी की मानना है कि अगर आपको फेक या नकली पॉलिसी बेच दी गई है तो इंश्योरेंस कंपनी की शाखा में जाकर शिकायत दर्ज कराएं। अगर कंपनी आपकी शिकायत पर कोई जवाब नहीं देती है तो ओम्बड्समैन या कंज्यूमर कोर्ट में शिकायत लेकर जाएं। वहीं उन्होंने बताया कि अगर आप फेक या गलत पॉलिसी खरीद से बचना चाहतें है तो कोशिश करें कि फिजिकल फॉर्म को अपने हाथ से भरें। यह एजेंट को न भरने दें। अधिकांश समय जल्दबाजी में एजेंट पॉलिसीधारक की मेडिकल हिस्ट्री छुपा देते हैं। ऐसे में जब भविष्य में आप क्लेम करने जाते हैं तो पॉलिसीधारक को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। दूसरा इस बात का ध्यान रखें कि पॉलिसी खरीदते समय एक ही एजेंट की बातों में न आएं। फाइनेंशियल एडवाइजर से पॉलिसी के लाभ के बार में पता करें और उसके बाद ही पॉलिसी खरीद का फैसला करें।

क्या होता है फ्री लुक पीरियड: फ्री लुक पीरियड को सरल भाषा में समझे तो यह एक तरह से ई-कॉमर्स कंपनियों की ओर से दिये जाने वाले रिप्लेसमेंट गारंटी की तरह होता है। अधिकांश पॉलिसीधारकों को बीमा कंपनियां फ्री लुक पीरियड की सुविधा देते हैं। बीमा नियामक इरडा के निर्देशों के तहत पॉलिसी डॉक्यूमेंट मिलने के 15 दिनों तक फ्री लुक पीरियड होता है। पॉलिसीधारक की ओर से ऑनलाइन या ऑफलाइन पॉलिसी खरीदते ही पॉलिसी डॉक्यूमेंट्स उसके घर के पते पर भेज दिये जाते हैं। डॉक्यूमेंट के मिलते ही 15 दिन का फ्री लुक पीरियड शुरू हो जाता है। इसमें आप 15 दिनों के भीतर बिना किसी पेनल्टी के वाजिब कारण के साथ इंश्योरेंस पॉलिसी कैंसिल कर सकते हैं।

कैसे बचें गलत पॉलिसी खरीदने से: आपको बता दें कि फ्री लुक पीरियड केवल लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पर लागू होता है। यह तीन वर्षों से ज्यादा समय के लिए पॉलिसी खरीदने पर दी जाती है। पॉलिसीधारक के पास पॉलिसी डॉक्यूमेंट इसलिए भेजा जाता है ताकि वे उसे अच्छे से पढ़ लें। इसे ठीक प्रकार से पढ़ने के बाद ही फैसला करें कि यह पॉलिसी आपके लिए फायदेमंद है या नहीं। पॉलिसी खरीदने के बाद अगर आपको लगे कि पॉलिसी आपके काम की नहीं है तो आप उसे वापस कर सकते है। यह केवल नई पॉलिसी खरीदने पर ही लागू होता है, रिन्युअल पर नहीं।


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