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जीवन बीमा की तरह पर्सनल एक्सीडेंटल कवर भी जरूरी, जानिए क्यों

सामान्य बीमा पॉलिसी की तुलना में पर्सनल एक्सीडेंटल कवर लेना काफी फायदेमंद साबित हो सकता है

By Surbhi JainEdited By: Published: Mon, 23 Oct 2017 06:43 PM (IST)Updated: Sun, 19 Nov 2017 12:20 AM (IST)
जीवन बीमा की तरह पर्सनल एक्सीडेंटल कवर भी जरूरी, जानिए क्यों
जीवन बीमा की तरह पर्सनल एक्सीडेंटल कवर भी जरूरी, जानिए क्यों

नई दिल्ली (जेएनएन)। लोग अमूमन अपनी आर्थिक सुरक्षा के लिए तरह-तरह की बीमा पॉलिसियां लेते हैं। इन बीमा पॉलिसियों में सबसे प्रमुख होता है पर्सनल एक्सीडेंटल कवर, जो कि किसी सड़क हादसे का शिकार होने की स्थिति में आपको आर्थिक रुप से सक्षम बनाता है। हम अपनी इस खबर के माध्यम से आपको बताने जा रहे हैं कि आपको पर्सनल एक्सीडेंटल कवर क्यों लेना चाहिए और यह किस तरह से आपके लिए फायदेमंद है।

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आपको बता दें कि जिस तरह टर्म इंश्योरेंस आपके बाद आप पर आश्रित लोगों की ध्यान रखता है, हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी अस्पताल के बिल भरता है, इसी तरह पर्सनल एक्सीडेंटल कवर आपकी आय बंद होने की स्थिति में साथ ही उस स्थिति से बचने के लिए भी इंश्योरेंस की जरूरत होती है जब आप काम करने की हालत में नहीं होते हैं। मसलन, शारीरिक रुप से अक्षम हो जाना या फिर किसी अंग का काम करना बंद हो जाना।

क्या कहना है एक्सपर्ट का

निवेश और टैक्स एक्सपर्ट बलंवत जैन का मानना है कि जब भी आप कमाना शुरू करते हैं उसी समय एक्सीडेंटल पॉलिसी खरीद लें। इसका प्रीमियम बेहद कम होता है। इसलिए कम आय की स्थिति में भी इसे खरीदा जा सकता है। साथ ही जीवन बीमा और हेल्थ इंश्योरेंस से भी पहले इसे खरीदना चाहिए। यह बेहद जरूरी है। जो लोग जीवन बीमा और हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने में सक्षम नहीं है वे भी इसका चयन कर सकते है।

देखें वीडियो-

पर्सनल एक्सीडेंटल कवर में कौन कौन से एक्सीडेंट होते हैं कवर-
• रेल, रोड और हवाई दुर्घटना
• कहीं से गिरने या फिर टक्कर के कारण आई चोट
• गैस सिलेंडर के फटने के आई चोट
• सांप या कुत्ते के काटने और ठंड के कारण शरीर के किसी अंग के सुन्न पड़ जाने की स्थिति में
• जलने, डूबने या फिर जहर के कारण

पर्सनल एक्सीडेंट पॉलिसी में प्राकृतिक मृत्यु या फिर किसी बीमारी से हुई मृत्यु में सुरक्षा प्रदान नहीं की जाती। इसमें केवल दुर्घटना के कारण मृत्यु या चोट कवर किया जाता है।

क्या हैं इसके फायदे-
• यह पॉलिसी सस्ती होती है
• इसमें आंशिक स्थाई विकलांगता, अस्थाई पूर्ण विकलांगता और एक्सीडेंटल मेडिकल खर्चे शामिल होते हैं।

किन लोगों के लिए जरूरी-
आपका व्यवसाय और आय तय करती है कि आपको अधिकतम कितने का पर्सनल एक्सीडेंट कवर मिल सकता है। साथ ही ये दोनों चीजें यह भी तय कर देती हैं कि आपको कितने प्रीमियम का भुगतान करना है। उदाहरण के तौर पर एक पायलट को किसी कॉरपोरेट कर्मचारी की तुलना में ज्यादा प्रीमियम देना पड़ता है। ऐसा इसलिए क्योंकि उसका व्यवसाय ज्यादा जोखिम भरा है। यह उन लोगों के लिए बिल्कुल काम का नहीं है जो ज्यादा समय घर पर रहते हैं या ट्रैविलिंग नहीं करते हैं।

पर्सनल एक्सीडेंट पॉलिसी किफायती होती है। 10 लाख रुपये के कवर का प्रीमियम 1500 रुपये से 3000 रुपये के बीच में होता है। साथ ही ध्यान रखें कि यह आवेदक के व्यवसाय पर मुख्य रुप से निर्भर करता है।

किस तरह यह जीवन बीमा से अलग है-
जीवन बीमा मुश्किल वक्त में परिवार की आर्थिक संकट से रक्षा करता है। आपको मृत्यु से सुरक्षा प्रदान करता है फिर चाहे वो किसी बीमारी की वजह से हो या फिर दुर्घटना के कारण। वहीं दूसरी तरफ पर्सनल एक्सीडेंटल इंश्योरेंस आपको तभी फायदा पहुंचाता है जब किसी दुर्घटना में मृत्यु हुई हो या फिर दुर्घटना के कारण ही स्थायी विकलांगता, आंशिक स्थायी अक्षमता और अस्थायी पूर्ण अक्षमता (अंग कट जाना) हुई हो। इसमें प्राकृतिक मृत्यु होने पर आपको फायदा नहीं मिलता है।

सम एश्योर्ड किन बातों पर करता है निर्भर-
• रोजगार से आय
• व्यवसाय की प्रकृति
• इंश्योरेंस की अवधि
• पॉलिसी खरीदते समय आवेदक की उम्र


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