सबसे अच्छा लाइफ इंश्योरेंस खरीदना है, तो दिमाग में बैठा लें ये बातें
लाइफ इंश्योरेंस होने पर कई चिंताएं अपनेआप दूर हो जाती हैं। खासकर जिनका संबंध पैसों से होता है। आप काफी कम रकम में अपने परिवार का आर्थिक भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं उन्हें अपने न होने की स्थिति में बेबस होने से बचा सकते हैं। कुछ चीजों पर अमल करके आप अच्छा प्लान ले सकते हैं साथ ही फ्रॉड और मिस-सेलिंग जैसी गड़बड़ियों से भी बच सकते हैं।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। लाइफ इंश्योरेंस होने पर कई चिंताएं अपनेआप दूर हो जाती हैं। खासकर, जिनका संबंध पैसों से होता है। आप काफी कम रकम में अपने परिवार का आर्थिक भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं, उन्हें अपने न होने की स्थिति में बेबस होने से बचा सकते हैं। लेकिन, इसके आपको एक अच्छा लाइफ इंश्योरेंस प्लान चुनना होगा।
देश में दर्जनों इंश्योरेंस कंपनियां हैं। अनगिनत लाइफ इंश्योरेंस प्रोडक्ट हैं। ऐसे में लोगों के लिए तय करना मुश्किल हो जाता है कि वे कौन लाइफ इंश्योरेंस प्लान लें। हम आपको कुछ चीजें बता रहे हैं, जिन पर अमल करके आप सही प्लान ले सकते हैं, साथ ही फ्रॉड और मिस-सेलिंग जैसी गड़बड़ियों से भी बच सकते हैं।
आपको लाइफ इंश्योरेंस क्यों चाहिए?
लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने से पहले आपको यह तय कर लेना चाहिए कि आपको इसकी जरूरत क्यों है? इसके बाद ही आप अपनी सहूलियत के हिसाब से सही पॉलिसी चुन पाएंगे। आपको कितने मूल्य के इंश्योरेंस की जरूरत है, इसे अपने खर्च के आधार पर तय करें।
आपके परिवार की मौजूदा जीवनशैली कैसी है और आगे चलकर उसमें किस तरह का इजाफा हो सकता है, इसका ध्यान रखें। आपका जितना सालाना खर्च है, बीमे का मूल्य उसका कम से कम 20 गुना अधिक होना चाहिए।
की-फीचर्स डॉक्यूमेंट (KFD) पर करें गौर
लाइफ इंश्योरेंस खरीदने से पहले की-फीचर्स डॉक्यूमेंट जरूर पढ़ना चाहिए। इससे आपको बीमे के बारे में कई अहम जानकारियां मिल सकती हैं। मसलन- इंश्योरेंस पॉलिसी जारी होने से 15 दिन तक फ्री-लुक पीरियड होता है।
अगर इन 15 दिनों में आपको लगता है कि बीमा आपकी जरूरत के हिसाब से सही नहीं है या फिर आपको गलत जानकारी देकर पॉलिसी बेची गई है, तो आप उसे कैंसिल करवा सकते हैं। इसमें कुछ शुल्क काटकर आपको सारी रकम वापस कर दी जाती है।
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करीबियों को अपनी पॉलिसी के बारे में बताएं
लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने के बाद अपने परिवारवालों, रिश्तेदारों और करीबी दोस्तों को उसकी जानकारी जरूर दें। ऐसे में अगर कोई अनहोनी होती है, तो आपके न रहने की स्थिति में परिवारवाले इंश्योरेंस क्लेम कर सकेंगे और उन्हें उसका लाभ मिल सकेगा।
इंश्योरेंस से जुड़े सभी डॉक्यूमेंट्स को डिजिटल और कागजी, दोनों तरीके से स्टोर करना चाहिए। इससे किसी गड़बड़ी की स्थिति में एक फॉर्मेट वाला डॉक्यूमेंट आपके पास सुरक्षित रहेगा। साथ ही जरूरत के वक्त आसानी से मिल भी जाएगा।
कौन-सा बीमा प्रोडक्ट लें?
अमूमन लोग टर्म इंश्योरेंस, परंपरागत प्लान और यूनिट लिंक्ड बीमा प्लान (यूलिप्स) सबसे ज्यादा लेते हैं। टर्म इंश्योरेंस पूरी तरह से गंभीर अनहोनी को ध्यान में रखकर लिया जाता है। इसे जितनी कम उम्र में लिया जाए, प्रीमियम उतना ही कम लगता है।
वहीं परंपरागत योजनाएं बोनस के बगैर गारंटीशुदा हो सकती हैं या फिर हर साल बोनस की घोषणा वाली। यूनिट लिंक्ड प्लान की बात करें, तो इसे आप बीमा और निवेश का मेल कह सकते हैं। लेकिन, इन्हें लेते समय नफा-नुकसान पर सोच-विचार करना पड़ता है, क्योंकि इनका रिटर्न तय नहीं होता।
इंश्योरेंस लेने से पहले पूछें ये सवाल
- कंपनी से पूछें कि किन हालात में बीमे की रकम मिलेगी, किन हालात में नहीं।
-कुछ कंपनियां बीमाधारक की मौत के बाद बच्चों की पढ़ाई खर्च उठाने के साथ लोन प्रोटेक्शन कवर भी देती हैं। पता करें कि कितना प्रीमियम बढ़ाने पर ये कवर मिल जाएंगे।
- एजेंट से पूछें कि अगर कभी कवरेज बढ़वाना पड़े तो क्या बीमा कंपनी इसकी इजाजत देगी। अगर हां, तो किस लिमिट तक।
- कंपनी का क्लेम सेटलमेंट रेश्यो जरूर चेक करें और उसे दूसरी कंपनियों से कंपेयर करें। यह जानकारी कंपनी की वेबसाइट पर मिल जाती है।
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