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Health Insurance क्लेम करने के लिए 24 घंटे अस्पताल में भर्ती रहना जरूरी नहीं, इन स्थितियों में आसानी से कर सकते हैं दावा

Health Insurance Claim स्वास्थ्य बीमा क्लेम करने के लिए आम तौर पर 24 घंटे अस्पताल में रहना आवश्यक माना जाता है। हालांकि यह नियम के बावजूद आप अपना बीमा क्लेम कर सकते हैं। आज हम आपको यही बताएंगी कि आप किस स्थिति में 24 घंटे अस्पताल में रहे बिना अपना हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम कर सकते हैं। पढ़िए क्या है पूरी खबर।

By Gaurav KumarEdited By: Gaurav KumarPublished: Wed, 01 Nov 2023 08:30 PM (IST)Updated: Wed, 01 Nov 2023 08:30 PM (IST)
डे-केयर उपचार के लिए आप तब क्लेम कर पाएंगे जब आपके पॉलिसी में वो कवर हो।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। Health Insurance Claim: कोई भी बीमा लेते वक्त हमें सतर्कता के साथ उसके सारे नियम और शर्तें पढ़नी चाहिए ताकी बीमा क्लेम करते वक्त कोई परेशानी ना आए। खासकर जब बात हेल्थ इंश्योरेंस की हो तो आपको और अधिक ध्यान देना चाहिए कि किन-किन स्थित में आप बीमा क्लेम कर पाएंगे और किन स्थितियों में नहीं।

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हेल्थ इंश्योरेंस को क्लेम करने के लिए सामान्य तौर पर 24 घंटे अस्पताल में भर्ती रहना जरूरी माना जाता है। हालांकि यह नियम एकदम पत्थर की लकीर नहीं है क्योंकि इसमें भी कुछ अपवाद हैं।

आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि क्या हैं वो अपवाद और किन स्थितियों में आप 24 घंटे अस्पताल में भर्ती हुए बिना हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम कर सकते हैं।

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क्या है अपवाद?

24 घंटे अनिवार्यता वाले इस नियम के अपवाद है डे-केयर उपचार (Day-care treatments)। वैसे व्यक्ति जिन्हें अस्पताल में लंबे समय तक रहने की आवश्यकता नहीं होती लेकिन उन्हें हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम करना है उनके लिए ये अपवाद किसी वरदान से कम नहीं, क्योंकि जरूरी नहीं कि आपको किसी बीमारी के लिए 24 घंटे अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़े।

किन स्थित में आप क्लेम कर सकते हैं बीमा?

डे-केयर उपचार में आप अपने हेल्थ इंश्योरेंस को क्लेम कर सकते हैं। डे-केयर उपचार मतलब वैसे उपचार जो 24 घंटे से कम समय में हो जाए। अस्पताल या डे-केयर सेंटर में सामान्य या जनरल एनेस्थीसिया (general anaesthesia) के प्रभाव में किए गए चिकित्सा उपचार और सर्जिकल प्रक्रियाएं शामिल हैं।

हेल्थ प्लान में शामिल कुछ सामान्य डे-केयर उपचार जैसे- मोतियाबिंद सर्जरी, टॉन्सिल्लेक्टोमी, कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी, हेमोडायलिसिस, कोरोनरी एंजियोग्राफी, नाक साइनस एस्पिरेशन, फ्री स्कीन ट्रांसप्लांटेशन और आर्थोस्कोपिक घुटने एस्पिरेशन शामिल हैं।

ये चीज डे-केयर में शामिल नहीं

डॉक्टर परामर्श, टेस्ट और जांच जैसे बाह्य रोगी खर्चों को डे-केयर उपचार के दायरे से बाहर रखा गया है। डे-केयर उपचार के लिए क्लेम करना कुछ अलग नहीं है जैसे आप अन्य दावा क्लेम करते हैं वैसे ही इसे भी क्लेम कर सकते हैं।

हालांकि आपको पॉलिसी लेने से पहले उन सभी बीमारियों के बारे में जरूर पढ़ना चाहिए जो आपके डे-केयर ट्रीटमेंट में कवर हो।

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हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां डे-केयर करती हैं ऑफर

कई हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां आजकल डे-केयर ट्रीटमेंट के लिए कवरेज की पेशकश करती है लेकिन अलग-अलग कंपनियां अलग-अलग ट्रीटमेंट और सर्जरी को कवर करती है जिन्हें आपको पॉलिसी लेने से पहले देखना चाहिए। यहां आपको बता दें कि डे केयर ट्रीटमेंट में भी आप कैशलेस क्लेम की सुविधा ले सकते हैं।

 


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