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40 हजार बीमा कर्मचारी आज गए हड़ताल पर, 5 साल से कर रहे सैलरी बढ़ाने की डिमांड

नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड द न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड द ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के लगभग 40000 या लगभग 80 प्रतिशत कर्मचारी मुख्य रूप से वेतन संशोधन के लिए हड़ताल कर रहे हैं।

By Ashish DeepEdited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 09:31 AM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 09:31 AM (IST)
40 हजार बीमा कर्मचारी आज गए हड़ताल पर, 5 साल से कर रहे सैलरी बढ़ाने की डिमांड
80 प्रतिशत कर्मचारी मुख्य रूप से वेतन संशोधन के लिए हड़ताल कर रहे हैं। (Pti)

नई दिल्‍ली, आइएएनएस। देश की चार सरकारी गैर जीवन बीमा कंपनियों (PSU Insurance companies) के करीब 40 हजार कर्मचारी वेतन पुनरीक्षण (Salary Revision) की मांग को पूरा कराने के लिए आज हड़ताल कर रहे हैं। अखिल भारतीय बीमा कर्मचारी संघ (एआईआईईए) के एक नेता ने यह जानकारी दी है।

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दक्षिण क्षेत्र एआईआईईए के महासचिव जी आनंद ने बताया कि चार सरकारी स्वामित्व वाली सामान्य बीमा कंपनियों - नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, द न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, द ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के लगभग 40,000 या लगभग 80 प्रतिशत कर्मचारी मुख्य रूप से वेतन संशोधन के लिए हड़ताल कर रहे हैं। यह संशोधन 2017 में किया जाना था।

उनके अनुसार, अधिकारियों और क्लर्कों का प्रतिनिधित्व करने वाले 16 कर्मचारी संघ और संघ इस हड़ताल में भाग लेंगे। हालांकि, सरकार के स्वामित्व वाले जनरल इंश्योरेंस क्षेत्र का प्रमुख संघ सामान्य बीमा कर्मचारी अखिल भारतीय संघ (जीआईईएआईए) हड़ताल में भाग नहीं ले रहा है।

अगस्त 2017 में चारों कंपनियों के कर्मचारियों का वेतन संशोधन किया जाना था। बैंकिंग और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में वेतन संशोधन पूरा होने से सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों के कर्मचारी काफी अंसतुष्ट हैं। अपनी ओर से सरकार ने निम्नलिखित कंपनियों में से एक - नेशनल इंश्योरेंस, ओरिएंटल इंश्योरेंस और यूनाइटेड इंडिया का निजीकरण करने की अपनी मंशा की घोषणा की है।

इससे पहले सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा (PSGI) कंपनियों के कर्मचारियों ने बीमा कंपनियों के निजीकरण के विरोध में देशव्यापी एक दिवसीय हड़ताल की थी। उन्‍होंने The General Insurance Business (Nationalisation) Amendment Bill, 2021 के विरोध में हड़ताल की थी। उनका कहना था कि केंद्र सरकार को सरकारी बीमा कंपनी में इक्विटी पूंजी का 51 प्रतिशत से ज्‍यादा हिस्‍सेदारी रखनी होगी। कर्मचारियों ने कहा था कि किसी को यह नहीं भूलना चाहिए कि पीएसजीआई कंपनियां प्रीमियम के मामले में पहले पांच स्लॉट पर मौजूद हैं।


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