Year Ender 2020: रियल एस्टेट सेक्टर ने डिजिटल टूल्स से 2020 में पार की कोविड-19 की चुनौती, बदल गया कामकाज का पूरा तरीका
नए दौर के घर खरीदारों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए डेवलपर्स के ड्राइंग बोर्ड पर होम ऑटोमेशन और टेक्नोलॉजी संचालित सुविधाओं के लिए नए सिरे से मांग बढ़ाई है। इसी प्रकार महामारी ने स्वच्छता और साफ-सफाई को महत्व दिया है।
नई दिल्ली, निरंजन हीरानंदानी। वर्ष 2020 कोरोनोवायरस महामारी के साथ कई अन्य जटिलताओं के कारण एक अभूतपूर्व साल रहा है। विश्व स्तर पर इसको लेकर चुनौतियों का सामना किया जा रहा है और भारत भी इस सब में कोई अपवाद नहीं रहा है। वित्त वर्ष 19-20 की अंतिम तिमाही ने केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए आर्थिक और नीतिगत सुधारों की एक श्रृंखला के कारण आर्थिक मंदी के बावजूद सकारात्मक सुधार के रूझानों का संकेत दिया है। महामारी के चलते लगाया गया संपूर्ण आर्थिक लॉकडाउन भारतीय अर्थव्यवस्था में एक बड़ा ठहराव लाया और इससे भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ।
यकीनन, भारतीय रियल एस्टेट द्वारा अब तक के देखे गए सबसे मुश्किल हालात में से ये दौर सबसे चुनौतीपूर्ण था। प्रवासी श्रमिक अपने मूल प्रदेशों को लौट गए, ग्राहक परियोजना स्थलों तक नहीं जा सकते थे, पूंजी की कमी और सप्लाई चेन आदि का भी पूरी तरह से टूट जाना, कुल मिलाकर पूरी तरह से निराशा का माहौल था। संकट के इन गहरे बादलों में राहत बने डिजिटल माध्यम, जो मानव इंटरफ़ेस, एक बेहतर स्वचालन और मशीनीकरण के साथ हम सभी की सुरक्षा एवं बचाव के लिए आगे आए।
रियल एस्टेट कंपनियों को अपने संभावित ग्राहकों और सभी तरह के विजिटर्स के साथ संवाद करने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपनी प्रचार और इंटरैक्टिव गतिविधियों को जल्दी से तैयार करना और उनके साथ तालमेल बिठाना था। ये डिजिटल टूल्स अपने घर के चाह रखने वालों को अधिकांश संबंधित डेटा और परियोजना, उत्पाद, स्थान और डेवलपर के ट्रैक रिकॉर्ड के बारे में बताते हैं।
तरलता वित्त पोषण की वास्तविक चुनौती से निपटने के लिए सरकार और सभी संबंधित निकाय नए वित्तीय उपायों के साथ आगे आए। सरकार ने ''जान और जहान'' के मूल मंत्र का पालन किया- अर्थव्यवस्था ने भी सबसे योग्यतम को अपना अस्तित्व बनाए रखने का मौका दिया।
मिशन रीओपन, के तहत अर्थव्यवस्था की तयबद्ध और लयबद्ध अनलॉकिंग ने नई सामान्य स्थिति के तहत आर्थिक गतिविधियों में तेजी के साथ गति प्राप्त की। आरबीआई और केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा पेश किए गए तरलता उपायों ने बाजार में तरलता को इंजेक्ट किया ताकि यह जल्दी से फिर से तैयार हो सके और अपने पैरों पर खड़ी हो। इसमें कोई संदेह नहीं है, कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने अधिक लचीलापन दिखाया है और अब सकारात्मक मोड में आने वाले जीडीपी पूर्वानुमानों के साथ फिर से मजबूती दिखाई है और तेजी से पुनरुद्धार की ओर बढ़ी है।
पूंजी डालने से लेकर नए कम लागत वाले ऋण उपायों ने निश्चित रूप से अर्थव्यवस्था के आपूर्ति पक्ष का समाधान किया है, लेकिन उपभोक्ता खर्च बढ़ाने के लिए मांग बढ़ाने की भी आवश्यकता होगी। बाजार में बिक्री बढ़ाने के लिए उपभोक्ताओं के हाथों में डिस्पोजेबल आय को बढ़ाने के लिए, अधिकारियों को ब्याज दरों को उसके ऐतिहासिक कम करने के लिए प्रेरित किया है। इसके साथ ही ओसी के बाद कोई जीएसटी भी प्राप्त नहीं हुआ, राज्य राज्य स्तर पर स्टैम्प शुल्क में कमी की गई है, क्रेडिट गारंटी योजना का विस्तार हुआ है और पीएमएवाई-यू का फंड आवंटन भी बढ़ाया गया है और इसके साथ ही किफायती किराये के आवास सेक्टर को भी काफी अधिक प्रोत्साहन मिला है।
भारतीय अर्थव्यवस्था खपत आधारित है, और त्योहारी सीजन की शुरुआत ने बाजार की अनुकूल परिस्थितियों के साथ मिलकर हाउसिंग की मांग को बढ़ावा दिया है। मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि घरों की बिक्री में सुधार हुआ है और संपत्ति पंजीकरण में वृद्धि दर्ज हुई है, जिससे घर खरीदने का इंतजार कर रहे लोगों को भी वास्तविक घर खरीदारों में परिवर्तित होने का मौका मिला है।
इस महामारी के संकट ने जमीनी स्तर पर आराम, सुविधा और सामुदायिक जीवन के आधार पर घरों की आवश्यकता को कम कर दिया गया था लेकिन बीते कुछ महीनों में ये रूझान बदला है। नई सामान्य दिनचर्या ने होम कल्चर को फिर से बनाने में भूमिका अदा की है और घर से काम करने के लिए कल्चर, घर पर पढ़ाई, घर पर वर्कआउट आदि ने घरों की जरूरत को बढ़ाया है और इसमें काफी बदलाव आ रहा है। जीवनशैली में सबसे ऊपर रहने के लिए अतिरिक्त सुविधाजनक स्पेस और लक्जरी घरों के साथ बेहतर लेआउट की मांग ने घर खरीदारों की पसंद सूची में सबसे ऊपर जगह हासिल की है।
नए दौर के घर खरीदारों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए डेवलपर्स के ड्राइंग बोर्ड पर होम ऑटोमेशन और टेक्नोलॉजी संचालित सुविधाओं के लिए नए सिरे से मांग बढ़ाई है। इसी प्रकार, महामारी ने स्वच्छता और साफ-सफाई को महत्व दिया है, क्योंकि इसमें बेहतर वेंटिलेशन और प्राकृतिक प्रकाश और निर्बाध बिजली आपूर्ति, मजबूत इंटरनेट कनेक्टिविटी के लिए फाइबर-ऑप्टिक कनेक्टिविटी आदि सुविधाओं की मांग भी बढ़ी है।
इसके साथ ही रिमोट वर्क कल्चर, भू-राजनैतिक अनिश्चितता, मुद्रा के मूल्यों में कमी और अन्य निवेश परिसंपत्तियों के मूल्यों में तेज अस्थिरता ने काफी लोगों का भरोसा हिलाया है और एक सुरक्षित निवेश के रूप में रियल एस्टेट दुनिया भर में एनआरआई समुदायों को सुरक्षित रूप से अपने घर बनाने के लिए वापस आकर्षित किया। धीरे-धीरे महिला खरीदारों के साथ घर खरीदार प्रोफाइल में बदलाव हो रहा है और अपना पहला घर खरीदने का विकल्प चुनने वाले किराएदारों को वित्त वर्ष 20-21 में घर खरीदारों का सबसे बड़ा वर्ग बनाते हुए देखा जा सकता है।
कमर्शियल रियल एस्टेट को लॉकडाउन में भी काफी अधिक विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है और इसके कारण लोगों को घर और रिमोट वर्क कल्चर के तहत ऑफिस से दूर काम करना पड़ा। लेकिन, वर्क कल्चर के लिए वॉक टू वर्क और ऑफिस में आकर काम करने का रूझान फिर से तेज गति से वापिस आ रहा है और कर्मचारी नेटवर्किंग कल्चर, स्वच्छता, और कल्याण देखभाल को बढ़ावा देने के लिए प्राथमिकता दी जा रही है।
नए कमर्शियल स्पेसेज में सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए कड़े मानदंडों का पालन करना होगा और कार्यबल को समायोजित करने के लिए बड़े ऑफिस स्पेसेज की आवश्यकता होगी। इसके अलावा, व्यापार विस्तार योजनाओं के लिए विकेन्द्रीकृत ऑफिस स्पेस के लिए आसपास की जगहों पर निकटता के साथ को-वर्किंग स्पेसेज, सुविधाजनक जगहों और बिजनेस सेंटर की मांग को बढ़ाएगा।
रियल एस्टेट उद्योग का भविष्य कंसोलिडेशन और संयुक्त उपक्रमों और ज्वाइंट डेवलपमेंट के नए रुझान के रूप में देखा जाएगा। इस प्रक्रिया में काफी चीजों को स्पष्ट कर दिया गया है और ब्रांडेड डेवलपर्स प्रमाणित ट्रैक रिकॉर्ड और वित्तीय स्थिरता बनाए रखेंगे और सामान्य शब्दों में कहे तो सबसे बेहतर ही अपना अस्तित्व बनाए रखेगा। बिजनेस मॉडल बदल जाएगा, और वित्तीय प्रभाव के साथ कम ऋण अनुपात बारीकी से निगरानी में रहेगा। उद्योग कम लागत के फाइनेंस विकल्पों की तलाश जारी रखेगा। 'ग्राहक केंद्रित' 2020 से सभी तरह के कारोबार का मूल मंत्र होगा जो भविष्य में बढ़ेगा।
हालांकि कोविड-19 के लिए एक वैक्सीन जल्द ही सामने आ सकती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मानव जाति सामान्य की पुरानी परिभाषा पर लौट आएगी। इसलिए, जब तक सोशल डिस्टेंसिंग मानदंड और सुरक्षा संबंधी सावधानियां जारी रहती हैं, तब तक घर से काम से लेकर रिमोट वर्क कल्चर जारी रहेगा और ये साल 2020 की तरह ही 2021 में भी अपनी मौजूदगी बनाए रख सकता है। अनौपचारिक अस्थाई अर्थव्यवस्था का जोर कार्यक्षेत्र घरों के काम करने की जगहों की आवश्यकताओं को प्रभावित करेगा। 2021 में जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण पहलू रियल एस्टेट के लिए संपूर्ण तौर पर लागत प्रभावी होना होगा।
एक और बड़ा बदलाव सतत विकास को महत्व पर दिया जा रहा जोर है। ग्रीन रियल एस्टेट विकास भविष्य है। इसलिए, पानी और कचरे का रीसाइक्लि, वर्षा जल संचयन, कार्बन उत्सर्जन पर नियंत्रण, ग्रीन स्पेसेज को बढ़ाना और सौर के साथ-साथ नए नए रिन्यूएबल बिजली उत्पादन विकल्प भी 2020 के अंत में 2021 में देखने योग्य शब्द होंगे।
कोविड 19 ने हमेशा के लिए जीने का तरीका बदल दिया है, और रियल्टी बाजार नए रुझानों और वरीयताओं को बदलेगा, जो जीवन की बेहतर गुणवत्ता को बढ़ावा देते हैं। हालांकि, भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर का पुनरुद्धार अपरिहार्य है क्योंकि यह दूसरा सबसे बड़ा रोजगार प्रदाता है। लगभग 269 संबद्ध उद्योगों पर रियल एस्टेट और निर्माण क्षेत्र में वापसी गतिविधियां शुरू होने से काफी अधिक सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
(लेखक रियल एस्टेट डेवलपर्स के संगठन नारेडको के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। प्रकाशित विचार लेखक के निजी हैं।)