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Share Market Investment Tips: इन शेयरों में निवेश कर आसानी से कमा सकते हैं बंपर रिटर्न, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट

Share Market Investment Tips मुद्दा यह है कि हम कई ऐसे व्यापार करते हैं जो हमें 50 फीसद वार्षिक रिटर्न दे सकते हैं लेकिन हम संतुष्ट नहीं होते और प्रत्येक व्यापार पर 10 से 20 फीसद रिटर्न चाहते हैं और इस तरह फ्यूचर्स और ऑप्शंस में जाते हैं।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Sat, 10 Oct 2020 08:15 PM (IST)Updated: Sun, 11 Oct 2020 06:22 PM (IST)
Share Market Investment Tips: इन शेयरों में निवेश कर आसानी से कमा सकते हैं बंपर रिटर्न, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट
शेयर बाजार के लिए प्रतीकात्मक तस्वीर PC: Pixabay

नई दिल्ली, किशोर ओस्तवाल। निफ्टी चंद दिनों में ही 10,800 के स्तर से 11,900 पर जा पहुंचा है और अमेरिकी चुनाव, चीन युद्ध जैसे सभी मुद्दे गायब हो गए। इस प्रकार यह साबित हो गया है कि नियंत्रित अस्थिरता के साथ व्यापारियों में दहशत पैदा करने के लिए ये ट्रिगर्स उछाले गए थे। ये ट्रिगर्स ट्रेडर्स को ले डूबते हैं और फिर बाजार अपने गंतव्य की और आगे चला जाता है। हम आपको बता रहे थे कि निफ्टी 12,400 के स्तर की ओर बढ़ेगा और नए उच्च स्तर को छुएगा और यहां तक कि 10,800 के स्तर पर भी वह अपना रुख स्पष्ट बनाए रखेगा। हम बार-बार इसके पीछे के कारण पर नहीं जाते हैं, क्योंकि पिछली रिपोर्ट्स में हम कई बार इस बारे में बात कर चुके हैं।

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निफ्टी तो अपने गंतव्य तक पहुंच जाएगा, लेकिन व्यापारी पैसा बना पाएंगे या नहीं यह बहस का विषय होगा। हमारा मानना है कि व्यापारी ऐसा नहीं कर पाएंगे। व्यापारी चार्ट्स और तकनीकी का अनुसरण करते हैं और हमारा अनुभव कहता है कि आपको स्टॉप लॉसेस हो सकते हैं और 90 फीसद मामलों में स्टॉप लॉसेस ट्रिगर होते हैं। इसलिए यहां कोई सवाल नहीं है कि व्यापारी पैसा कमा सकते हैं, भले ही निफ्टी ने 10,800 से 11,900 के बीच सीधी तेजी देखी है। उदाहरण के तौर पर हमने वेदांता में 109 रुपये पर खरीद शुरू की थी, लेकिन किसी ने नहीं खरीदा, क्योंकि चार्ट्स पर इसमें तेजी नहीं दिख रही थी।

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वहीं, 135 रुपये पर सब लंबा जाना चाहते थे, क्योंकि चार्ट्स इसके लिए काफी अधिक तेजी दिखा रहे थे और आपने देखा ही है कि क्या हुआ है। मिस्टर अग्रवाल ने 87 रुपये पर डी-लिस्टिंग की घोषणा कर दी और शेयर 111 रुपये पर क्रैश हो गया। 111 रुपये पर चार्ट्स इस शेयर के लिए काफी नर्म थे और हम हमारे फॉलोअर्स को दोबारा खरीदने की सलाह दे रहे थे, केवल इस आधार पर कि डि-लिस्टिंग फेल होगी। एलआईसी 190-200 रुपये से नीचे बेचने के लिए तैयार नहीं है, जो कि उनकी लागत है। इसलिए मिस्टर अग्रवाल को धीरे-धीरे बोली लगाकर 160-180 के स्तर तक ले जाना होगा। कई विशेषज्ञों ने यह व्यक्त करना शुरू कर दिया है कि उनके पास बोली को बढ़ाने के लिए नकदी नहीं है। बिना दिमाग यूज किये कोई भी यह शेयर 111 रुपये के करीब खरीद सकता है और संस्थाओं द्वारा पत्ते चलने का इंतजार कर सकता है। यह सिर्फ एक उदाहरण है और हम सौ दे सकते हैं।

अब हम इसकी व्याख्या करेंगे कि निफ्टी इतना क्यों बढ़ता है और हम सब खुदरा व्यापारी पैसे क्यों खो देते हैं। निफ्टी और बैंक निफ्टी में कई सारी श्रृंखलाएं हैं। आमतौर पर प्रीमियम निफ्टी कॉल पर वैरी करता है और आप मार्जिन के कारण कॉल बेचकर बाहर नहीं जा सकते हैं। जब आप कॉल खरीदते हैं, तो प्रीमियम का भुगतान करते हैं और जब आप कॉल बेच रहे होते हो, तो आपको कॉन्ट्रैक्ट के मार्जिन का भुगतान करने की जरूरत होती है, जो कि खुदरा व्यापारी के लिए संभव नहीं है। इसलिए सिस्टम कॉल और इसे बेचने वाले की मदद करता है। अब अगर आप तार्किक रूप से देखें, तो हर सीरीज एक महीने में 5,000 से 10,000 करोड़ का कारोबार करती है।

अब आप सभी कॉल्स और श्रृंखलाओं की गणना करो, आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि कई कारोबार हैं, जो हर महीने एक से दो लाख करोड़ रुपये से अधिक जा सकते हैं, जो स्पष्ट रूप से मार्केट मेकर्स की जेब में जाता है। अब अगर वे स्टॉक बढ़ाते रहेंगे, तो प्रीमियम कारोबार समाप्त हो जाएगा, जो संभव नहीं है। इसलिए मात्रा को कृत्रिम रूप से मैनेज किया जाता है, जिसमें उस जगह तकनीकी खरीद ट्रिगर की जाती है, जहां व्यापारी कॉल्स खरीदते हैं और बिकवाल कॉल बेचते हैं और फिर स्टॉक का गिराना शुरू हो जाता है। आखिर में, कॉल जीरो हो जाती है। ट्रेडिंग और कॉल्स में सुरक्षित रहने का एकमात्र तरीका उसी दिन बाहर निकल जाना है, ताकि आप उसी दिन नुकसान और मुनाफे को काटें व अध्याय को बंद करें।

दूसरा कारण यह है कि एफपीआई को शॉर्ट स्टॉक्स की अनुमति नहीं है। उनका शेयरों में पर्याप्त एक्सपोजर होता है। उदाहरण के तौर पर भारत में इस समय एफपीआई का शेयरों में 32 लाख करोड़ रुपये का एक्सपोजर है। सिस्टम उन्हें अपने जोखिम को कम करने के लिए शॉर्ट निफ्टी या शॉर्ट बैंक निफ्टी की अनुमति देता है। यह कमजोरी है, जो मार्केट ड्राइवर्स द्वारा भी उठाई जाती है। वे निफ्टी बैंक या निफ्टी को खींचते हैं और शेयरों को गिरने देते हैं। डिफॉल्ट रूप से एफपीआई को सूचकांकों में अंतर को कम करना होगा।

जब आप ट्रेडिंग में सिस्टम द्वारा चलने वाले मार्केट को ओवरटेक नहीं कर सकते हैं, तो बेहतर उपाय यह है कि आपको निवेश पर फोकस करना चाहिए और बड़ा रिटर्न कमाना चाहिए और अपने लिए धन पैदा करना चाहिए। उदाहरण के तौर पर,  MAHARASHRA APEX नाम से एक शेयर है, जो 68 रुपये पर ट्रेड कर रहा है। अगर आप विस्तृत विश्लेषण करें, तो आपको पता लगेगा कि यह स्टॉक दो साल तक रखने पर कम से कम 10 बैगर हो सकता है। यह कंपनी KURLON की होल्डिंग कंपनी है, जो करीब 30 करोड़ रुपये कमाती है। KURLON गैर-सूचीबद्ध है।

इंडस्ट्री में शिला फोम एक और कंपनी है जिसका शेयर 1,330 पर ट्रेड कर रहा है और कंपनी का एम-कैप 6,500 करोड़ रुपये है। यह  KURLON के बाद दूसरी है। तार्किक रूप से KURLON को लिस्टिंग पर 10,000 करोड़ रुपये का मार्केट कैप मिलना चाहिए। KURLON में Maharashta Apex की 38 फीसद हिस्सेदारी है। इसलिए जब KURLON आईपीओ के लिए जाएगी, तो  Maharashta Apex की कीमत 1900 करोड़ रुपये (होल्डिंग कंपनी के लिए 50 फीसद की छूट पर 10,000 का 38 फीसद) हो सकती है। जबकि मौजूदा एम-कैप सिर्फ 90 करोड़ है। कंपनी आईपीओ के लिए मर्चेंट बैंकर्स से संपर्क कर रही है और कोविड-19 के कारण देरी हुई है, लेकिन 2021 में आईपीओ देखने को मिलेगा। इसलिए इस तरह का शेयर निवेशकों की मदद कर सकता है।

एक और उदाहरण यह है कि जब इंफोसिस कॉरपोरेट गवर्नेंस के मुद्दे पर 620 तक बुरी तरह जूझ रहा था, हमने खरीद के निर्देश जारी किये थे, यह जानते हुए कि ये इंजीनियर्ड ट्रिगर है और शेयर में तेजी आएगी। इसके बाद तीन तिमाही में इंफोसिस ने 1100 को पार कर लिया। इसलिए दोबारा जब ऐसी घटनाएं होंगी, तो आप शेयर उठा सकते हैं और आसानी से 50 फीसद मुनाफा पा सकते हैं, जो कि किसी भी व्यवसाय के लिए सामान्य रिटर्न से अधिक है। हम इसे बुद्धिमानी वाला निवेश कहते हैं।

आप कह सकते हैं कि ये पिछली कहानियां हैं। तो आपको बता दें कि वर्तमान में भारती एमएससीआई मुद्दे पर बुरी तरह जूझ रहा है और शेयर 580 से 420 पर आ गया है और हमें विश्वास है कि यह निवेश के लिए अच्छा समय है। तीन तिमाही बाद हम भारती को 750 पर देखेंगे, क्योंकि कंपनी के साथ मौलिक रूप से कुछ भी गलत नहीं हो रहा है। एक और उदाहरण AURO pharma है। यह शेयर नीचे आ गया है, उस समय भी जब सेक्टर अच्छा दौड़ रहा है। यह कंपनी जल्द ही कर्ज मुक्त होगी। कुछ समय बाद शेयर में उछाल आएगा और आप खुद को 50 फीसद मुनाफे में देखेंगे।

मुद्दा यह है कि हम कई ऐसे व्यापार करते हैं, जो हमें 50 फीसद वार्षिक रिटर्न दे सकते हैं, लेकिन हम संतुष्ट नहीं होते और प्रत्येक व्यापार पर 10 से 20 फीसद रिटर्न चाहते हैं और इस तरह फ्यूचर्स और ऑप्शंस में जाते हैं। जैसा कि बताया गया है, यह एक वास्तविक दर्द है, जो कॉल व पुट राइटर्स द्वारा डिजाइन किया गया है। इसलिए हम पाठकों को यह सुझाव देते हैं कि वे निवेश के लिए अच्छे शेयरों को उठाएं और 50 फीसद सालाना रिटर्न कमाने की कोशिश करें। जिन शेयरों पर अच्छा विश्लेषण किया गया है उन्हें उठाएं और चरणबद्ध तरीके से निवेश करें।

(लेखक सीएनआई रिसर्च के सीएमडी हैं। उक्त विचार लेखक के निजी हैं।)


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