Move to Jagran APP

SIPs के जरिए इंवेस्टमेंट से मिलता है ज्यादा रिटर्न या एकमुश्त निवेश है अधिक फायदे वाला ऑप्शन, एक्सपर्ट से जानिए

सिस्टेमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान आपकी EMI के पेमेंट जैसा होता है। यह फाइनेंशियल इंवेस्टमेंट का एक सिस्टेमैटिक तरीका है। इसके तहत बाजार में एक नियमित अंतराल (आम तौर पर मासिक आधार) पर निवेश के लिए एक निर्धारित राशि को अलग रख लिया जाता है।

By Ankit KumarEdited By: Published: Fri, 04 Jun 2021 06:27 PM (IST)Updated: Sat, 05 Jun 2021 08:10 AM (IST)
SIPs के जरिए इंवेस्टमेंट से मिलता है ज्यादा रिटर्न या एकमुश्त निवेश है अधिक फायदे वाला ऑप्शन, एक्सपर्ट से जानिए
SIPs से आपको रुपये की लागत को औसत करने (रुपये कॉस्ट एवरेजिंग) में भी मदद मिलती है।

नई दिल्ली, दीपक जैन। पड़ोस में क्रिकेट खेलना मेरे बचपन की सबसे यादगार चीजों में शामिल है। हम हर मैच को इंटरनेशनल टूर्नामेंट की तरह गंभीरता से खेला करते थे और हर गेंद एक तरह की दुविधा पैदा करती थी। मैं अपने समय में अपनी टीम का एक बढ़िया बल्लेबाज था और एक अच्छा स्कोर खड़ा करना मेरी जिम्मेदारियों में शामिल था। जब भी मैं कोई गेंद खेलता था तो इस दुविधा में रहता था कि इसे मुझे रक्षात्मक तरीके से सिंगल के लिए खेलना चाहिए या बाहर निकलकर छक्का जड़ना चाहिए? हर विकल्प के अपने फायदे थे और उसी से जुड़े हुए परिणाम। एक तरह जबरदस्त उत्साह हुआ करता था। दूसरी तरह आउट होने और इस वजह से मैच गंवाने का डर। धीरे-धीरे मैंने यह फैसला किया कि मैं हर गेंद को उसकी मेरिट और वक्त की नजाकत के हिसाब से खेलूंगा।

loksabha election banner

मैंने जब निवेश करना शुरू किया तो मैंने क्रिकेट और म्यूचुअल फंड के बीच काफी समानताएं देखीं। म्यूचुअल फंड बाजार से जुड़े निवेश के विकल्प हैं, जिनके डाइवर्सिफिकेशन और रिस्क मैनेजमेंट की दरकार बहुत अधिक होती है। म्यूचुअल फंड्स के तहत कई लोगों के पैसे स्टॉक और बॉन्ड जैसे फाइनेंशियल इंस्ट्रुमेंट में लगाये जाते हैं। म्यूचुअल फंड्स को प्रोफेशनल लोगों द्वारा मैनेज किया जाता है, ऐसे में इसमें ऐसे निवेशकों के लिए जोखिम कम और फायदेमंद ज्यादा रहता है जो पैसे-रुपयों के निवेश में बहुत अधिक माहिर नहीं होते हैं। किसी भी फंड में निवेशक के तौर पर आप अपने निवेश के समानुपाति लाभ या हानि प्राप्त करते हैं।

ऐसे में यह सवाल बहुत अधिक प्रासंगिक होता है कि म्यूचुअल फंड में एकमुश्त (Lumpsum) निवेश बेहतर विकल्प है या सिस्टेमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए हर महीने थोड़ा-थोड़ा निवेश। इन तरीकों से निवेश के अलग-अलग फायदे भी हैं और नुकसान भी। आपके लिए कौन सा विकल्प बेहतर है, इसे समझने के लिए आपको दोनों के अंतर को समझना होगा और फिर अपनी जरूरत, निवेश की रणनीति और लक्ष्य के हिसाब से उपयुक्त विकल्प का चुनाव करना होगा।

SIP से जरिए निवेश के फायदे

1. सिस्टेमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान आपकी EMI के पेमेंट जैसा होता है। यह फाइनेंशियल इंवेस्टमेंट का एक सिस्टेमैटिक तरीका है। इसके तहत बाजार में एक नियमित अंतराल (आम तौर पर मासिक आधार) पर निवेश के लिए एक निर्धारित राशि को अलग रख लिया जाता है। SIP आपको एक विशिष्ट निवेश योग्य कोष तय करने के साथ-साथ उसे आवंटित करने और बाजार में गिरावट का लाभ उठाने की अनुमति देता है क्योंकि मौजूदा बाजार मूल्य से प्रत्येक इकाई की कीमत तय होती है।

2. SIP में निवेश से आपको अन्य वित्तीय जरूरतों या प्रतिबद्धताओं को किसी तरह प्रभावित किए बगैर इंवेस्टमेंट का विकल्प मिलता है। इस विकल्प के तहत इंवेस्टमेंट के कम्पाउंडिंग के जरिए धन सृजन में मदद मिलती है। कम्पाउंडिंग एक प्रभावी रणनीति है, जिसके जरिए आप अपने पैसे से पैसे बना सकते हैं। लंबी अवधि के निवेश में कम्पाउंडिंग ज्यादा कारगर है क्योंकि इसमें आपको निवेश पर अर्जित ब्याज से भी फायदा होता है।

3. SIPs से आपको रुपये की लागत को औसत करने (रुपये कॉस्ट एवरेजिंग) में भी मदद मिलती है क्योंकि आप एक नियमित अंतराल पर पैसे इंवेस्ट करते हैं। इसके जरिए आप शेयर मूल्य के नीचे रहने पर अपने तरजीही म्यूचुअल फंड की अधिक इकाइयां खरीद सकते हैं और जब बाजार ऊपर रहता है तो आप कम इकाई खरीद पाते हैं। अगर आप नियमित अंतराल पर लगातार निवेश करते हैं तो आप बाजार की जटिलताओं से डील किए बगैर बाजार के उतार-चढ़ाव का फायदा उठा सकते हैं और बाजार के चक्र से खद को बचा सकते हैं।

Lumpsum निवेश के फायदे

एकमुश्त निवेश उस समय के लिए कारगर है जब आपके पास एक बड़ी अतिरिक्त राशि होती है, जिसे आप निवेश करना चाहते हैं। एकमुश्त निवेश (Lumpsum Investments) आम तौर पर एक ही म्यूचुअल फंड में किया जाता है। ऐसे निवेश ऐसे समय के लिए फायदेमंद होते हैं जब बाजार का मूल्यांकन नीचे होता है और आपके पास निवेश के लिए कुछ अतिरिक्त पूंजी होती है। बाजार में निवेश करने वाले अनुभवी लोग एकमुश्त निवेश को तरजीह देते हैं क्योंकि उनके पास बाजार के उतार-चढ़ाव की जरूरी जानकारी और विशेषज्ञता होती है। एकमुश्त निवेश लंबे समय तक निवेश करने पर फायदेमंद साबित होता है क्योंकि आपको इस पर कम्पाउंडिंग का फायदा मिलता है। अगर आप अगर एक से अधिक म्यूचुअल फंड में एकमुश्त निवेश करते हैं तो आप जोखिम को कम कर सकते हैं और बाजार में तेजी का फायदा उठा सकते हैं।

इन बातों को भी जानना है जरूरी

बाजार के उतार-चढ़ाव के असर को खत्म करने के साथ SIP मार्केट को टाइम करने की जरूरत को भी समाप्त कर देता है। दूसरी ओर, एकमुश्त निवेश से आपको बाजार में गिरावट का फायदा उठाने में मदद मिलती है। आपको बड़ा फायदा लेने के लिए जरूरी नॉलेज और बाजार के उतार-चढ़ाव को समझने का तजुर्बा चाहिए। SIP में आप 500 रुपये प्रति माह जितनी छोटी रकम से निवेश कर सकते हैं। दूसरी ओर, एकमुश्त निवेश के लिए न्यूनतम 5,000 रुपये की जरूरत होती है। एकमुश्त निवेश एक बार में होता है, उसमें SIP की तरह वित्तीय अनुशासन की दरकार उतनी नहीं होती है।

एक निवेशक के तौर पर SIP और एकमुश्त निवेश दोनों के जरिए म्यूचुल फंड में निवेश का डाइवर्सिफिकेशन बहुत अहम होता है। SIP लागत के लिहाज से किफायती निवेश विकल्प है। साथ ही इसमें निवेश करना काफी सरल है क्योंकि आपकी हर महीने की वित्तीय प्रतिबद्धिता एकमुश्त निवेश की तुलना में कम होती है। दूसरी ओर, बाजार की परिस्थितियां अनुकूल रहने पर एकमुश्त निवेश से ज्यादा रिटर्न प्राप्त होता है। आपको अपनी जरूरत के हिसाब से अपनी वित्तीय जवाबदेही, उम्मीद, जोखिम लेने की क्षमता और निवेश की अवधि को समझने की जरूरत होती है। आपको वित्तीय अनुशासन का पालन करना होता है और बाजार के उतार-चढ़ाव को लेकर होमवर्क करने की जरूरत होती है।

अपनी समझ और कौशल के आधार पर आप यह तय कर सकते हैं कि आपको म्यूचुअल फंड में किस तरह से निवेश करना है। अगर आप नए निवेशक हैं तो SIPs आपके लिए बेहतर ऑप्शन है। हालांकि, निवेश करने से पहले आपको वित्तीय सलाहकार से सलाह लेनी चाहिए। अगर आप अनुभवी निवेशक हैं तो आप अपने एसेट्स को SIPs और एकमुश्त निवेश में बांट सकते हैं। इससे आपको SIPs का फायदा लेने और मार्केट के नीचे रहने पर बड़ी राशि के निवेश से अधिक फायदा प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

मेरे क्रिकेट के गेम की तरह मुझे ऐसा लगता है कि म्यूचुअल फंड में एकमुश्त निवेश या SIP के जरिए निवेश का फैसला इस बात पर निर्भर करता है कि समय के साथ आपकी वित्तीय जरूरत क्या है। इस तरह इस बात का परामर्श दिया जाता है कि अपनी वित्तीय यात्रा की शुरुआत से पहले समय लेकर अपनी उम्मीदों, जोखिम लेने की क्षमता और निवेश की अवधि को समझिए।

(लेखक Edelweiss AMC के हेड (सेल्स) हैं। प्रकाशित विचार लेखक के निजी हैं।) 

डिस्क्लेमरः किसी भी म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल प्लानर की राय जरूर लें। किसी भी तरह के नफा-नुकसान की जिम्मेदारी दैनिक जागरण की नहीं होगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.